Home kolkata कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस: मैं आंदोलन से उपजी हूं… कहने वाली ममता...

कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस: मैं आंदोलन से उपजी हूं… कहने वाली ममता बनर्जी मिलने से कतरा क्यों रहीं हैं

1
0

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आरजी कर रेप-मर्डर को लेकर पैदा हुए गतिरोध में सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच गतिरोध जारी है. गतिरोध को सुलझाने के लिए जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ आमने-सामने बैठक की अपनी मांग पर अड़े हैं. लेकिन अब तक ‘मैं आंदोलन से उपजी हूं’ कहने वाली ममता बनर्जी उनसे मिलना तो चाहती हैं मगर बंद कमरे में. डॉक्टरर्स की शर्तों पर ममता मिलने से कतरा रही हैं.

दरअसल डॉक्टर्स मिलने के लिए अपनी शर्त रख रहे हैं. इस शर्त में उन्होंनों ममता बनर्जी के साथ बैठक के लाइव टेलीकास्ट की बात कही है. वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा काम पर लौटने के आदेश के बाद भी डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं. बता दें कि कोलकाता में आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ रेप के मर्डर कर दिया गया था. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में है. ट्रेनी लेडी डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा बुधवार (11 सितंबर) शाम को वार्ता के लिए राज्य सचिवालय नबन्ना में 15 से अधिक सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करने के कुछ घंटों बाद, प्रदर्शनकारियों ने 30 प्रतिनिधियों की एक बड़ी टीम पर जोर दिया और बैठक का लाइव प्रसारण करने की मांग पर अड़े रहे. डॉक्टरों ने मुख्य सचिव के आमंत्रण का जवाब दिया है.

डॉक्टरों ने जवाब में कहा है, “हम कम से कम 30 प्रतिनिधियों की एक प्रतिनिधि टीम भेजना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि सभी पक्षों के बीच पारदर्शिता के लिए बैठक का लाइव प्रसारण किया जाए. हम चाहते हैं कि बैठक हमारी मांगों पर आधारित हो. हम अपनी बात पर फिर से जोर दे रहे हैं कि हम चाहते हैं कि हमारी चर्चा माननीय मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हो.” उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से “सकारात्मक प्रतिक्रिया” का इंतजार कर रहे हैं.

सरकार की ये है शर्त
ईमेल का जवाब देने वाले पंत ने कहा कि केवल 12 से 15 डॉक्टरों को ही अनुमति दी जाएगी, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मुख्यमंत्री बैठक की अध्यक्षता करेंगे या नहीं. उन्होंने जूनियर डॉक्टरों को लिखे अपने पत्र में कहा, “एक बार फिर, एक और अवसर के रूप में, हम आपके प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करते हैं, जिसमें अधिमानतः 12-15 सहकर्मी शामिल हों, जो आज शाम 6 बजे, यानी 11.09.2024 को नबन्ना में चर्चा के लिए हमारे साथ शामिल हों. कृपया अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सूची ईमेल द्वारा सूचित करें.”

डॉक्टरों की अपनी शर्त
बनर्जी को लिखे गए ईमेल में डॉक्टरों ने सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह रखी कि बंद कमरे में होने वाली बैठक के बजाय खुले मंच पर चर्चा का लाइव प्रसारण किया जाए. उन्होंने “अभया” (मामले में पीड़िता को दिया गया प्रतीकात्मक नाम) के लिए शीघ्र न्याय, सरकारी स्वास्थ्य सेवा के सभी पहलुओं में व्याप्त “धमकी संस्कृति” का अंत और सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षा उपायों की भी मांग की.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और कहा कि काम पर लौटने पर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी. दालत ने यह निर्देश दिया पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक तबादलों सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई और उसका शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला. इस घटना ने पूरे देश में भारी हंगामा मचा दिया और डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.