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29 दिन के सावन में पड़ेंगे कुल 5 सोमवार…

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वाराणसी : सावन का महीना आने वाला है. भगवान शिव को यह महीना बेहद प्रिय है. इस महीने में शिवभक्त देशभर के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते है. इसके अलावा इस महीने में सोमवार को व्रत भी रखा जाता है. सावन के सोमवार के व्रत का अपना विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से कब से सावन महीने की शुरुआत हो रही है और किस किस तारीख को सावन के सोमवार का व्रत रखा जाएगा. काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस साल सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है जो 19 अगस्त तक चलेगा. खास बात यह है कि इस बार सावन महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से ही हो रही है. सावन के पहले सोमवार का व्रत 22 जुलाई को ही रखा जाएगा.

इस बार सावन में 5 सोमवार
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार सावन के महीने में कुल 5 सोमवार पड़ेंगे. सावन महीने की शुरुआत भी सोमवार के दिन से हो रही है और अंतिम दिन यानी पूर्णिमा का दिन भी सोमवार है. ऐसे में यह सावन का महीना भगवान शिव की कृपा पाने के लिए बेहद खास है.

रुद्राभिषेक का मिलता है विशेष फल
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभकारी होता है. इसके अलावा सावन के महीने में यदि भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो सभी मनोवांछित मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

सावन में सोमवार का व्रत
पहला सोमवार (22 जुलाई 2024)
दूसरा सोमवार (29 जुलाई 2024)
तीसरा सोमवार (5 अगस्त 2024)
चौथा सोमवार (12 अगस्त 2024)
पांचवा सोमवार (19 अगस्त 2024)

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धनतेरस पर क्या तुलसी खरीद सकते हैं? इस पौधे को धनत्रयोदशी के दिन घर में लाने से क्या परिणाम मिलते हैं, जानें

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धनतेरस का त्योहार माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। देवी-देवताओं की पूजा के साथ ही इस दिन खरीदारी करना भी बहुत शुभ-फलदायक माना जाता है। साल 2024 में धनतेरस का पावन त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन आभूषण, बर्तन, घर के जरूरी समानों के साथ ही पौधे भी खरीदे जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि, धनतेरस के दिन तुलसी का पौधा खरीदना सही होता है या गलत, और इसे खरीदने से आपको जीवन में कैसे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

धनतेरस के दिन क्या तुलसी खरीदनी चाहिए?

तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। घर में तुलसी का पौधा रखने से घर में सकारात्मकता आती है और साथ ही कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी आपको प्राप्त होते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि, धनतेरस के पवित्र मौके पर क्या तुलसी का पौधा खरीद सकते हैं?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन तुलसी का पौधा खरीदा जा सकता है। तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसे में अगर आप धनतेरस के दिन तुलसी के पौधे को घर में लाते हैं तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। तुलसी का पौधा घर में लाने से देवी लक्ष्मी भी आपके घर की ओर आकर्षित होती हैं।

रखें इन बातों का ध्यान

  • धनतेरस के पावन मौके पर अगर आप तुलसी का पौधा खरीद रहे हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि, इसे पूरे विधि-विधान से घर में स्थापित करें।
  • तुलसी के पौधे को लाने से पूर्व ही इसके लिए जगह चुन लें, और उस जगह की सफाई करने के बाद उसे गंगाजल से पवित्र कर लें।
  • घर की उत्तर या पूर्व दिशा में आपको तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।
  • धनतेरस के दिन घर में तुलसी का पौधा लाने के बाद विधि-विधान से आपको इसकी पूजा आराधना करनी चाहिए।
  • यानि धनतेरस के दिन तुलसी का पौधा खरीदना शुभ तो होता है लेकिन, ये आपको तभी शुभ फल देगा जब पूरे भक्ति भाव से आप इसे घर में स्थापित करेंगे।
  • वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि, किसी विशेष कामना को पूरा करने के लिए आप धनतेरस पर तुलसी का पौधा घर पर लाए हैं तो इसकी पूजा आपको प्रतिदिन करनी चाहिए।

धनतेरस पर घर में तुलसी लाने से क्या होता है? 

धनतेरस के दिन घर में तुलसी लाने से आपको कई फायदे मिलते हैं। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में शुद्धता आती है। इसके साथ ही तुलसी का पौधा ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करने में भी कारगर साबित हो सकता है। इसके साथ ही घर के लोगों पर आने वाली विपत्तियों को भी तुलसी दूर कर सकती है। वास्तु से जुड़े कई दोषों को भी तुलसी दूर कर सकती है।

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दिवाली पर माता लक्ष्मी को लगाएं इन चीजों का भोग, बदल जाएगी आपकी किस्मत

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 दिवाली की तैयारियों में हर कोई महीनों पहले से जुट जाता है। घर के रंग-रोगन से लेकर उसे सजाने तक का कार्य किया जाता है। कहते हैं माता लक्ष्मी को साफ-सफाई और सुंदरता अति प्रिय है। ऐसे में हर कोई देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंदिर से लेकर घर तक को खास तरीके से सजाते हैं। इतना ही नहीं दिवाली की पूजा में भी कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। धार्मिक मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी भूमिलोक पर भ्रमण करने आती हैं और जिस भी भक्त से प्रसन्न होती है उनपर सदैव अपनी कृपा बनाए रखती है। तो आइए अब  जानते हैं कि धन की देवी माता लक्ष्मी को दिवाली के दिन क्या भोग लगाना चाहिए।

खील-बताशा

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी को खील-बताशा जरूर अर्पित करें। कहते हैं बताशा का भोग लगाने से शुक्र दोष से छुटकारा मिलता है। देवी मां को बताशा का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं मां लक्ष्मी को खील चढ़ाने से घर की आर्थिक परेशानियां दूर होती है और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।

खीर

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बिल्कुल भी न भूलें। खीर मां लक्ष्मी का प्रिय भोग माना जाता है। दिवाली के दिन खीर चढ़ाने से माता लक्ष्मी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और घर में संपन्नता भी आती है।

हलवा 

धन की देवी मां लक्ष्मी को खीर के हलावा हलवा भी अति प्रिय है। ऐसे में दीपावली के दिन पूजा के समय माता लक्ष्मी को हलवा का भोग अवश्य लगाएं। हलवा का भोग लगाने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और धन-धान्य में बरकत होती है।

मां लक्ष्मी को ये चीजें भी करें अर्पित

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी को अनार, नारियल, सेब, केला, सिंघाड़ा, मखाना और पान भी जरूर अर्पित करें। ये चीजें मां लक्ष्मी को बेहद पसंद है। इसके अलावा देवी लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाई का भी भोग जरूर लगाएं।

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देवउठनी एकादशी कब है? इसी दिन से शुरू होते हैं मांगलिक कार्य, यहां जानिए सही डेट

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हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इसी दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। देवउठनी एकदाशी के दिन चातुर्मास समाप्त होते हैं। इसके बाद से ही सभी मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाने का विधान है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक विष्णु जी की उपासना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इतनी ही प्रभु नारायण जातक की सभी मनोकामनाओं को भी पूरी करते हैं। तो फिर आइए जानते हैं कि साल 2024 में देवउठनी एकादशी कब है।

देवउठनी एकादशी 2024 तिथि और मुहूर्त 

देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि का समापन 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर होगा। देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा।

देवउठनी एकादशी 2024 पारण का समय

देवउठनी एकादशी का पारण 13 नवंबर 2024 को किया जाएगा। एकादशी पारण का समय सुबह 6 बजकर 42 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक का रहेगा। बता दें कि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि के अंदर में ही किया जाता है। द्वादशी तिथि दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा।

देवउठनी एकादशी का महत्व

बता दें कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु पूरे चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद विष्णु जी देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इन माह को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। चातुर्मास के दौरान कोई शादी विवाह समेत कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद से सभी मांगलिक कार्य फिर से आरंभ हो जाते हैं। इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से घर में संपदा, संपन्नता और समृद्धि बनी रहती है।

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