सेहत
सुबह का नाश्ता नहीं करने से इन गंभीर परेशानियों की चपेट में आ सकते हैं आप
सुबह का ब्रेकफास्ट राजा की तरह करना चाहिए’ यह कहावत तो आपने भी सुनी होगी। सुबह का नाश्ता से सिर्फ शरीर को ऊर्जा ही नहीं मिलती बल्कि कई पोषक तत्व भी मिलते हैं। यानी सुबह का नाश्ता हमारी बेहतरीन सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है। यह जानने के बाद भी कई लोग मॉर्निंग ब्रेकफास्ट स्किप कर देते हैं। ज़ाहिर सी बात है सुबह के समय अफरा तफरी मची होती है। किसी को ऑफिस जाना होता है तो किसी को कॉलेज। अगर ऐसी स्थिति कभी कभार हो तब कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर यह रोज़ाना हो रहा है तो आपको अपनी सेहत को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। ब्रेकफास्ट स्किप करने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जो आपकी अच्छी खासी सेहत को खतरे में डाला सकती है। तो, अगर आप भी किसी भी कारणवश सुबह का नाश्ता स्किप कर रहे हैं तो चलिए जानते हैं इससे आपकी सेहत पर क्या असर होगा?
सुबह नाश्ता नहीं करने से हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये परेशानियां:
- शुगर लेवल हो सकता है हाई: सुबह नाश्ता नहीं करने से ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। सुबह नाश्ता करने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रह सकता है। अच्छे और हेल्दी फूड के साथ दिन की शुरुआत करने से डायबिटीज का खतरा कम होता है और इससे जुड़ी जटिलताएं भी कम हो जाती हैं।
- बढ़ने लगता है वजन: सुबह का नाश्ता स्किप करने से वजन बढ़ने का भी खतरा बढ़ता है। सुबह का नाश्ता ना करने के बाद दोपहर में खाने में ज्यादा खाना खाएंगे। लिहाजा आपका वजन बढ़ सकता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता हो जाती है कमजोर: सुबह का नाश्ता स्किप करने का मतलब है अपनी इम्यूनिटी को कमजोर करना। रात के खाने के बाद सुबह के नाश्ते के बीच 7- 8 घंटे की अन्तर होता है। ऐसे में अगर आपने सुबह का ब्रेकफास्ट भी नहीं किया तो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए इम्यून सेल्स को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो ब्रेकफास्ट जरूर करें।
- मेटाबॉलिज्म हो जाता है स्लो: अगर आप सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं तो इस कारण मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है। नाश्ता आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। यानी, अगर आप नाश्ता नहीं करेंगे तो वो स्लो होगा जिससे कैलोरी कम बर्न होगी।
सेहत
हाई कोलेस्ट्रॉल में चीनी या गुड़ किसका सेवन है लाभकारी? जानिए..
जब भी हमें कुछ मीठा खाने का मन करता है तो हम बिना कुछ सोचे क्रेविंग को शांत करने के लिए मीठी चीज़ों का सेवन कर लेते हैं। मीठा खाने से गीद हॉर्मोन रिलीज होते हैं जो हमे तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन क्या चीनी से बनी मीठी चीज़ों का सेवन आप हाई कोलेस्ट्रॉल में भी कर सकते हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि हाई कोलेस्ट्रॉल में मीठी क्रेविंग को खत्म करने के लिए चीनी खानी चाहिए या फिर गुड़? चलिए जानते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए कौन सा विकल्प ज्यादा सही है?
कोलेस्ट्रॉल में चीनी या गुड़ क्या खाएं?
चीनी और गुड़ दोनों ही मिठास के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन एक्सपर्ट कोलेस्ट्रॉल में शक़्कर की जगह गुड़ खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, दोनों एक ही चीज से बनाए जाते हैं, लेकिन बनाने का प्रोसेस अलग होता है। एक तरफ जहां चीनी को रिफाइंड करके बनाया जाता है तो वहीं गुड़ में नेचुरल शुगर होता है। चीनी का ज़्याद सेवन करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है इससे शुगर, है ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वहीं अगर आप गुड़ का सीमित सेवन करते हैं तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा।
हाई कोलेस्ट्रॉल में चीनी खाने से क्या होता है?
चीनी खाने से मन को शांति और तुरंत ऊर्जा मिलती है। शुगर के सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है। इसमें मौजूद मिठास डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़ी बीमारियां और मोटापे की समस्या को तेजी से बढाती है। इसलिए अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा है और मीठा खाने का मन कर रहा है तो चीनी की बजाय और गुड़ का सेवन करें है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में गुड़ के फायदे
गुड़ के पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार हैं। इनके आलावा आप मीठे में सेब, नाशपाती जैसी फलों का सेवन भी करें। गुड़ में मौजूद पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देते हैं और शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।साथ ही इसका सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है।
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हाथ नहीं धोने से फैलती हैं ये बीमारी, जानिए कब-कब और कितनी देर हाथ धोने चाहिए?
हाथों को अच्छी तरह से धोना और साफ रखना स्वच्छता की ओर पहला कदम माना जाता है। हाथ धोने से आप खुद को साफ रखते हैं और शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से दूर रख सकते हैं। हाथ धोने से आप सिर्फ खुद ही नहीं बल्कि दूसरे लोगों को भी बीमार और संक्रमित होने से बचा सकते हैं। यही वजह है कि घर हो या स्कूल बच्चों को हर जगह हाथ धोने और बेसिक हाइजीन बरतने के बारे में सिखाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बार-बार हाथ धोने के लिए ही क्यों कहा जाता है। इसके पीछे के कई कारण है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि हाथों में कई ऐसे छोटे जर्म्स छुपे होते हैं जो सीधे हमारे शरीर के अंदर जा सकते हैं। इससे शरीर बड़ी-बड़ी बीमारियों का घर बन सकता है। खासतौर से जब हम किसी बाजार, भीड़वाली जगह या पार्टी से आए होते हैं तो हमारे हाथ बहुत सारे जर्म्स को अपने साथ ले आते हैं। इससे बीमार होने और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
वैसे कोरोना काल में लोगों ने हाथ धोने और उसके महत्व के बारे में अच्छी तरह से समझ लिया है। लेकिन जैसे ही कोरोना का कहर कम हुआ है लोगों ने फिर से लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है। एक रिसर्च की मानें तो अगर सभी लोग ठीक से हाथ धोएं तो इससे हर साल 10 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है।
हाथ न धोने से हो सकती हैं ये बीमारी
- पेट की बीमारी- हाथ ठीक से न धोने के कारण पेट से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से आपको आंतों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। डायरिया, हैजा या टाइफाइड जैसी बीमारियां भी साफ-सफाई में बरती गई लापरवाही के कारण होती हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि साबुन से हाथ धोने से दस्त के सभी 10 में से 4 मामलों को रोका जा सकता है।
- सर्दी जुकाम- हाथ नहीं धोने से सर्दी जुकाम जैसा इंफेक्शन फैल सकता है। अगर किसी व्यक्ति ने मुंह और नाक पर हाथ लगाए हैं और फिर उसी हाथ से किसी दूसरे को छू लिया या किसी सामान को छू लिया तो आपको भी इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है।
- आंखों से जुड़ी समस्याएं- आंखों पर गंदे हाथ लगाने कई तरह की बीमारी हो सकती हैं। ऐसे कई रिसर्च सामने आए हैं जिसमें पाया गया है कि दूरगामी नेत्र रोग से बचने के लिए आपको हाथों की सफाई का ख्याल रखना जरूरी है। खासतौर से आंखों से पानी आना, आंखें लाल होना और ट्रेकोमा जैसे संक्रमण जो अंधेपन का कारण है हाथ न धोने से फैल सकता है।
- त्वचा से जुड़े संक्रमण- अगर आपको किसी तरह का कोई घाव, चोट या इंफेक्शन हो रखा है तो स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया इसे गंभीर बना सकते हैं। ये बैक्टीरिया स्किन और नाक में अक्सर पाए जाते हैं। जो खुले घाव में मिलने से संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए हाथों को साफ रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
कब-कब हाथ धोने चाहिए?
- खाना बनाने से पहले
- खाना खाने से पहले और बाद में
- जानवरों को छूने के तुरंत बाद
- खांसने और छींकने के बाद
- बाहर से आने के बाद
- खेल कर आने के बाद
- किसी से हाथ मिलाने के बाद
- बाथरूम के इस्तेमाल के बाद
- सफर से आने के बाद
कितनी देर तक हाथ धोने चाहिए?
आपको हमेशा साबुन से हाथ धोने चाहिए। साबुन को अच्छी तरह उंगलियों के बीच में और चारों ओर रगड़ते हुए साफ करना चाहिए। कम से कम 30 सेकेंड हाथ जरूर धोने चाहिए।
सेहत
नसों में जम रहे खून को पतला कर देंगी ये 5 चीजें
हार्ट अटैक के खतरे को दूर करना है तो शरीर में ब्लड फ्लो का सही होना बहुत जरूरी है। खून के गाढ़ा होने से और ज्यादा पतला होने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ये दोनों परिस्थितियां आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। अगर खून गाढ़ा हो जाए तो इससे ब्लड क्लॉटिंग का खतरा बढ़ता है। जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस कंडीशन को थ्रोंबोसिस कहते हैं जो एक गंभीर समस्या है। इसमें हार्ट में खून के थक्के बनने लगते हैं। जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए आपको डाइट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे नेचुरली आपका खून पतला हो सके। आइये जानते हैं कौन सी ऐसी चीजें हैं जो बिना दवा के भी खून को पतला बनाती हैं?
नेचुरली खून को पतला कैसे बनाएं?
लहसुन खाएं- लहसुन को खून पतला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लहुसन में एलिसन नामक तत्व होता गै जो खून को पतला बनाता है और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को रोकता है। नियमित रूप से लहसुन का सेवन से हाई, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए अच्छा माना जाता है।
अदरक का सेवन- ब्लड थिनर के लिए अदरक का इस्तेमाल भी किया जाता है। सर्दियों में डाइट में अदरक जरूर शामिल करें। अदरक खाने से खून पतला होता है। अदरक में सैलिसिलेट्स होते हैं, जो ब्लड क्लोटिंग की समस्या को कम करते हैं। अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे सूजन कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।
हल्दी खाएं- हल्दी को आयुर्वेद में औषधि माना गया है। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। हल्दी खून को पतला बनाने में भी असरदार साबित होती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व तत्व पाया जाता है जो नेचुरली खून को पतला बनाने का काम करता है। हल्की का सेवन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और सूजन कम होती है।
ग्रीन टी पीएं- रोजाना ग्रीन टी का सेवन करने से भी ब्लड क्लॉटिंग कम होती है। ग्रीन टी खून को पतला बनाने में असरदार काम करती है। ग्रीन टी में कैटेचिन नाम का एक खास तत्व होता है जो खून को पतला बनाता है। रोजाना ग्रीन टी पीने से शरीर में ब्लड फ्लो में सुधार आता है। इससे कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह बेहतर बना रहता है।
खट्टे फल खाएं- विटामिन सी से भरपूर खट्टे फलों को डाइट में जरूर शामिल करें। रोजाना संतरा, कीवी, अंगूर और नींबू जैसे खट्टे फल खाने से खून को पतला रहता है। इन फलों में विटामिन सी के अलावा फ्लेवोनॉयड्स भी होता है जो कोशिकाओं को मजबूत बनाने में मदद करता है। विटामिन सी का सेवन करने से सूजन कम होती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार आता है और क्लॉटिंग की संभावना कम होती है।
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