कोरोना वायरस
*Corona Virus : भारत में 21 दिन का LockDown, मेडिकल सुविधाओं के लिए 15000 करोड़ का प्रावधान*
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की गंभीरता के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा…
-कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने किया 15 हजार करोड़ रुपए का किया प्रावधान।
-इससे मेडिकल सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
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-इस समय सभी राज्यों की प्राथमिकताएं हेल्थ केयर ही होनी चाहिए।
-आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बनी रहेगी।
-आप अपना ध्यान रखिए और अपनों का ध्यान रखिए। आत्मविश्वास के साथ कानून और नियमों का पालन करिए।
-बिना डॉक्टरों से पूछे कोई दवाई नहीं लें।
-हम इन बंधनों का स्वीकार करें।
-हफ्तों तक कई देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले। यही कारण है कि ये देश महामारी से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे हैं।
-हमारे सामने सिर्फ एक ही मार्ग है कि हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए घर में रहना है।
-प्रधानमंत्री से लेकर गांव के छोटे नागरिक तक सभी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।
-हमें इसको फैलने की चेन को तोड़ना है। आज के संकल्प ही तय करेंगे हम इस बीमारी पर कितना नियंत्रण पा सकते हैं।
-आप याद रखें कि जान है तो जहान है। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है।
-जब देश में लॉकडाउन की स्थिति है, तब तक हमें अपना वचन निभाना है।
-कोरोना के लक्षण दिखने में काफी समय लगता है।
-डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी से संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों तक इस बीमारी को पहुंचा सकता है।
-यह आग की तरह फैलता है।
-एक रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित लोगों पहले एक लाख संक्रमित होने में 67 दिन लगे, जबकि 2 लाख पहुंचने में 11 दिन लगे, 2 लाख से 3 लाख लोगों तक यह बीमारी पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे।
-यह जब फैलना शुरू होता है तो इसे रोकना काफी मुश्किल होता है।
-इटली हो या अमेरिका इनकी स्वास्थ्य सेवा, आधुनिक संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन मानी जाती हैं, बावजूद इसके ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए।
-नरेन्द्र मोदी का ऐलान, भारत में 21 दिन का लॉकडाउन।
-यदि ये 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएंगे।
-यह बात मैं आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं।
-बाहर निकलना क्या होता यह 21 दिन के लिए भूल जाएं।
-इस लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
-मोदी का ऐलान, पूरे देश में रात 12 बजे से लॉकडाउन
-कोरोना से निर्णायक लड़ाई के लिए यह कदम जनता कर्फ्यू से भी ज्यादा सख्त है।
-एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी और भारत सरकार, हर राज्य सरकार की, स्थानीय निकाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
-इस महामारी से निपटने का एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग।
-कोरोना से बचने के लिए इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।
-कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण की साइकिल को तोड़ना होगा।
-कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल बीमारों के लिए है, यह सोचना सही नहीं है।
-कुछ लोगों की लापरवाही आपको, आपके बच्चों, माता-पिता और पूरे देश को मुश्किल में डाल सकती है।
-ऐसी लापरवाही जारी रही तो इसकी बहुत बड़ी कीमत भारत को चुकानी पड़ेगी।
-परीक्षा की इस घड़ी में हर वर्ग के लोग साथ आए। सभी ने इसे सफल बनाया।
– भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, मानवता पर संकट आता तो हम सभी भारतीय एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं।
-जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं।
कोरोना वायरस
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..
रायपुर : कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.
कोरोना वायरस
ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…
12 जनवरी 2024:- छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।
राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग
कोरोना वायरस
न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…
कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.
भारत में अब तक कितनी मौत?
भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.
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