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दिल्ली शराब घोटाला केस: CM केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई पूरी, HC ने सुरक्षित रखा फैसला

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दिल्ली शराब घोटाला मामले में फंसे सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के खिलाफ दी गई अर्जी पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई है और जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। संभवतः कल यानी गुरुवार को इसका फैसला सुनाया जा सकता है। आज कोर्ट में जहां ईडी की तरफ से एएसजी राजू ने अपनी दलील दी तो वहीं अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका जवाब दिया।

सिंघवी ने कहा कि ईडी ने यह नहीं बताया कि मेरी याचिका क्या है। यह धारा 19 पीएमएलए के तहत अवैध गिरफ्तारी को चुनौती का मामला है। गलत तरीके से तथ्य पेश करके मेरी याचिका को आधारहीन बनाना चाहते हैं। इसपर एएसजी राजू ने कहा कि कल अगर हमें लगेगा कि इसके लिए अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं, तो हम उनपर भी कार्रवाई करेंगे।

जानिए आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

ASG राजू ने कहा- जब ऐसे प्रभावशाली लोग अपराध मे शामिल हों तो उनके खिलाफ सबूत जुटाना मुश्किल है, इसलिए कानून यह है कि जब ऐसे लोग शामिल हों तो सरकारी गवाहों पर भरोसा किया जा सकता है। संजय सिंह के मामले में हाईकोर्ट का आदेश अभी भी कायम है, जो उनकी अवैध गिरफ्तारी को लेकर दाखिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। संजय सिंह को केवल मेरे द्वारा दी गई रियायत के आधार पर जमानत पर रिहा किया गया है।

ईडी का जवाब सिंघवी ने दिया। कहा कि कोर्ट ने ईडी से पूछा इस मामले में मनी ट्रेल को लेकर आपके पास क्या सबूत है। ईडी हमारे पास हवाला आपरेटर के बयान भी है, हमारे पास व्हाट्सएप चैट है। हमारे पास पर्याप्त सबूत है। कोर्ट ने कहा कि हम फाइल देखना चाहते हैं। ईडी ने कहा कि हम आपको जिस-जिस मामले की जानकारी आप चाहती हैं वह सारे सबूत प्रोवाइड करेंगे।

ASG राजू ने कहा -हमने पाया है कि गोवा में AAP के चुनाव प्रचार के लिए रिश्वत का इस्तेमाल किया गया था। इसलिए आम आदमी पार्टी लाभार्थी है क्योंकि उसने पैसे का इस्तेमाल किया। यह तथ्य स्पष्ट है।

ASG राजू- इस मामले में बड़ी संख्या में आरोपियों को जमानत न मिलने के कारण यही है कि उन्हे प्रथमदृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी पाया गया है

ASG राजू- इसमें कोई विवाद नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया गया था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी के आधार भी बताए गए थे।गिरफ्तारी की सूचना उनकी पत्नी को भी दी गई थी।

राजू- मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, कोर्ट ने संज्ञान भी लिया है, आरोपियों ने स्वीकार भी किया है.. लेकिन कुछ लोगों के बयानों के कुछ हिस्सों को आधार बनाकर केजरीवाल अपने बचाव की  कोशिश कर रहे हैं।

ईडी का कहना है कि केजरीवाल के मामले में जांच अभी शुरुआती चरण में है लेकिन इस तरह से तर्क दिए जा रहे हैं जैसे जांच पूरी हो गई हो और आरोपपत्र दाखिल हो गया हो।

ASG ने कहा: विजय नायर, कैलाश गहलोत के दफ़्तर से काम कर रहा था। गहलौत का घर/दफ़्तर सीएम के घर के ठीक बगल में था, इसलिए वह आसानी से उस घर में जा सकते था।

एएसजी राजू-जिन लोगों ने रिश्वत नहीं दी, उनसे लाइसेंस सरेंडर करने को कहा गया, ताकि रिश्वत देने वालों को सुविधा दी जा सके।

ASG राजू-  इंडोस्पिरिट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया था। इसलिए उसे लाइसेंस दिलाने के लिए फाइलें आगे बढ़ाई गईं। कार्टेलाइजेशन के आरोपों के बावजूद फर्म को थोक लाइसेंस दिया गया। शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया गया।

राजू- ये कहते है कि पैसा नहीं मिला ये कैसी दलील है पैसा तो गोवा चुनाव में खर्च किया गया..ये कहते है कि अगर मैने कुछ किया तो मेरे घर से कुछ नहीं मिला लेकिन आपने तो किसी और को दे दिया तो कहां से मिलेगा आपके घर से।

राजू- यह दलील बेतुकी है कि मेरे पास पैसा ज़ब्त नहीं मिला। अगर आपने किसी और को दे दिया हो तो आपके घर पर कहां से मिलेगा? गोवा में खर्च दिया हो, विदेश भेज दिया हो, कहां से मिलेगा? लेकिन क्या इससे बेगुनाही हो गई आपकी। मनी लॉन्ड्रिंग का प्राथमिक सबूत काफी है। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं

ASG राजू –  ये सब चुनाव से बहुत पहले की बात है। अब वे कह रहे हैं कि चुनाव होने वाले हैं। शराब नीति में हेराफेरी करके मुनाफा कमाया गया और रिश्वत ली गई, यह बात बहुत पहले की है। चुनाव की बात सिर्फ़ दिखावे के लिए किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि ईडी अभी सक्रिय हुई है।

राजू- अगर लाश न मिले तो क्या कत्ल का मुकदमा नहीं चलता? कई ऐसे मामलों में लोगों को सज़ा मिली है।

ASG राजू-  मान लीजिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से 2 दिन पहले हत्या कर देता है। क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी से बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचेगा? आप हत्या करते हैं और कहते हैं कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होगा।

ASG राजू  केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हैं।

ASG राजू-  विचाराधीन कैदियों को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि हम अपराध करेंगे और हमें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि चुनाव आ गए हैं। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है। इससे अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जाएगा।

ASG राजू- अगर एक सामान्य आदमी ने कोई अपराध किया है तो उसे सलाखों के पीछे जाना ही होगा, लेकिन आप मुख्यमंत्री हैं इसलिए आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? आप देश को लूट लेंगे लेकिन कोई आपको छू नहीं सकता क्योंकि चुनाव आ रहे हैं? आप कहते हैं कि आपकी गिरफ्तारी बुनियादी ढांचे का उल्लंघन करेगी? यह किस तरह का बुनियादी ढांचा है?

ASG राजू –  एक आतंकवादी का मामला लीजिए जो एक राजनेता भी है। वह सेना के वाहन को उड़ा देता है और कहता है कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं इसलिए आप मुझे छू नहीं सकते? यह किस तरह का तर्क है?

ASG राजू – गवाहों के  ऐसे बयान हैं जो दिखाते हैं कि शराब नीति के बनाने से लेकर उसके लागू करने तक बाहरी लोग शामिल थे।

केजरीवाल की याचिका पर हाईकोर्ट में लंच के बाद सुनवाई शुरू…

ईडी की तरफ से ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल ने याचिका गिरफ्तारी को रद्द करने की डाली.है .. लेकिन इनके वकील ने बहस जमानत की या मुकदमे को रद्द करने की बहस की

ईडी- अगर हम प्रॉपर्टी अटैच करेंगे तो ये कहेगे कि चुनाव है और हमें शामिल नहीं होने दे रहे है और नहीं करेंगे तो ये दलील देंगे कि क्या कुछ मिला.. कोई रिकवरी हुई ?

राजू- केजरीवाल ने पहले रिमांड आदेश को चुनौती दी है, जो 26 मार्च को हुई थी, आज 3 अप्रैल है। 28 मार्च को दूसरा रिमांड आदेश पारित किया गया। उसे चुनौती नहीं दी गई है। न्यायिक हिरासत के तीसरे रिमांड आदेश को चुनौती नहीं दी गई है। इसलिए आज उनकी हिरासत या गिरफ्तारी पहले रिमांड आदेश के अनुसार नहीं है, यह 1 अप्रैल के आदेश के अनुसार है जिसे चुनौती नहीं दी गई है।

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जम्मू कश्मीर: 2 VGD सदस्यों की हत्या करने वाले आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़, 1 जवान शहीद, 3 घायल

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया और तीन जवान घायल हैं। किश्तवाड़ के केशवान में 3-4 आतंकवादियों के घिरे होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह आतंकियों का वही समूह है, जिसने 7 नवंबर को कुंतवाड़ा के एक गांव के 2 वीडीजी सदस्यों की हत्या की थी। अधिकारियों के अनुसार रविवार को किश्तवाड़ जिले के सुदूर वन क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार जवान घायल हो गये थे। इनमें से 2 पैरा (एसएफ) के नायब सब-इंस्पेक्टर राकेश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। सब-इंस्पेक्टर राकेश 9 नवंबर को किश्तवाड़ के भारत रिज के सामान्य क्षेत्र में शुरू किए गए संयुक्त सीआई ऑपरेशन का हिस्सा थे।

अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में दो ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) की हत्या के बाद आतंकवादियों की तलाश तेज कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि केशवान के जंगलों में पूर्वाह्न करीब 11 बजे उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई जब सेना और पुलिस के संयुक्त तलाश दलों ने छिपे हुए आतंकवादियों की केशवान वन में घेराबंदी की। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल उस स्थान से कुछ किलोमीटर दूर है, जहां पर वीडीजी नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी शव मिले थे।

गुरुवार से जारी है अभियान

अधिकारियों ने कहा कि दो ग्राम रक्षा रक्षकों की हत्या के बाद कुंतवाड़ा और केशवान के जंगलों में गुरुवार शाम से आतंकवाद रोधी अभियान जारी है। सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, किश्तवाड़ के भारत रिज क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। यह वही समूह है जिसने दो निर्दोष ग्रामीणों (ग्राम रक्षा रक्षकों) का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी। उन्हें चुनौती दी गई और गोलीबारी शुरू हो गई।’’

तीन जवानों की हालत गंभीर

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में सेना के चार जवान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन की हालत ‘गंभीर’ बताई गई। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। इससे पहले, एक पुलिस प्रवक्ता ने भी पुष्टि की थी कि दो वीडीजी की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ चल रही है। अधिकारी ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि इलाके में तीन या चार आतंकवादी घिरे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी जारी है तथा अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

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समोसा कांड के बाद हिमाचल प्रदेश में जारी हुआ फरमान, अनुमति के बिना नहीं शेयर होंगी सीएम सुक्खू की फोटो

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हिमाचल प्रदेश में समोसा कांड के बाद अनोखा फरमान जारी किया गया है। अब सीएम सुक्खू की तस्वीरें बिना अनुमति के नहीं शेयर की जा सकेंगी। आदेश के अनुसार सभी सरकारी विभागों और सरकारी एजेंसियों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की तस्वीरें जारी करने से पहले सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक से अनुमति लेनी होगी। इस अनुमति के बिना सीएम की कोई भी फोटो नहीं शेयर की जा सकती है।

यह प्रतिबंध विभागीय बैठकों, आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक समारोहों के दौरान ली गई मुख्यमंत्री की तस्वीरों पर लागू होगा। सचिवों और विभागीय प्रमुखों को लिखे पत्र में डीआईपीआर ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि मुख्यमंत्री की तस्वीरें मीडिया को पूर्व स्वीकृति के बिना जारी की जा रही हैं।

छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं तस्वीरें

पत्र में आशंका जाहिर की गई है कि कुछ मामलों में, ये तस्वीरें अनुचित हाव-भाव दिखाती हैं और संभावित रूप से मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पत्र में कहा गया है, “तस्वीरों के इस अनियमित प्रसार के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो मुख्यमंत्री के साथ-साथ सरकार की छवि और धारणा को प्रभावित कर सकते हैं।”

समोसा कांड के बाद सतर्क हुई सरकार

हाल ही में सीआईडी के एक कार्यक्रम में हुए समोसा कांड के बाद सरकार सावधान हुई है। दरअसल सीएम सुक्खू एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें होटल रेडिसन से समोसे और केक मंगाया गया था। यह केक सीनियर अधिकारियों के लिए था, लेकिन गलतफहमी में सुरक्षाकर्मियों को बांट दिया गया। ऐसे में बवाल मच गया और सीआईडी ने जांच बैठा दी। जांच अधिकारी ने इसे सरकार विरोधी कृत्य बता दिया और जांच रिपोर्ट लीक हो गई। जांच रिपोर्ट बाहर आते ही विपक्ष ने मुद्दा बना लिया और कहा कि सीएम के समोसे कोई और खा गया तो इस पर सीबीआई जांच हो रही है। बाद में सीएम सुक्खू से लेकर सरकारी जनसंपर्क अधिकारी और सीआईडी के अधिकारी ने भी सफाई दी। हालांकि, अभी भी विपक्ष समोसे को लेकर सरकार को घेर रहा है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही यह आदेश जारी किया गया है।

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Trump 2.0 पिछले कार्यकाल से कितना होगा अलग, दुनिया भर की टिकी निगाहें

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वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयारी कर रहे हैं। 20 जनवरी को वह दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।  ट्रंप 2.0 का शासन उनके पिछले कार्यकाल से कितना अलग होगा? रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-गाजा संघर्ष, इजरायल-लेबनान संघर्ष और इजरायल-ईरान संघर्ष समेत मध्य-पूर्व और पश्चिम एशिया में छिड़े जंगी हालात के बीच क्या वह क्या रणनीति अपनाएंगे। यूक्रेन को हथियार सप्लाई और अन्य मदद को लेकर क्या अमेरिका की पॉलिसी बदलेगी, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर क्या ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल की तरह अक्रामक रवैया जारी रखेंगे?… इत्यादि तमाम मुद्दों पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं।

देश से लेकर विदेश तक के मामले में ट्रंप क्या बड़े बदलाव करने वाले हैं, इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही अपने देश में पहला बड़ा बदलाव करते हुए अपने अभियान की सह-प्रबंधक सुसान समरॉल विल्स को व्हाइट हाउस का नया चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया है। ट्रंप का यह फैसला नारी शक्ति को सम्मान देने के साथ उनके लंबे प्रशासनिक अनुभवों का फायदा भी उठाना है। “67 वर्षीय सुसान विल्स 2015 के रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी के दौरान विल्स ट्रम्प से मिलीं और फ्लोरिडा अभियान की सह-अध्यक्ष बनी। वह 2 राष्ट्रपतियों की जीत की रणनीति बनाने का अनुभव रखती हैं।

भ्रष्ट अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाने का ऐलान

ट्रंप ने ह्वाइट हाउस से लेकर प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के सभी भ्रष्ट अफसरों को निकालने का ऐलान अभी से कर दिया है। इससे जाहिर है कि वह एक सख्त और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन चलाएं।

आव्रजन पॉलिसी

ट्रंप अपनी नई आव्रजन पॉलिसी के तहत बाहरियों को देश से बाहर निकालने का सबसे बड़ा अभियान चला सकते हैं। इससे अमेरिका में रहना, वहां का वीजा पाना और नौकरी करना या नागरिकता हासिल करना मुश्किल हो सकता है। ट्रंप की इस चपेट में 20 लाख से अधिक विदेशी आ सकते हैं। वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ भी सख्ती से निपटेंगे। साथ ही अधिक कर वसूलने वाले देशों से व्यापार सीमित कर सकते हैं। इस चपेट में भारत भी आ सकता है।

आतंक और युद्ध के खिलाफ

ट्रंप की रणनीति आतंकवाद और युद्ध के खिलाफ है। वह आतंकवाद को पोषित करने वाले देशों पर चाबुक चलाएंगे। साथ ही युद्धग्रस्त देशों के बीच शांति का रास्ता निकाल सकते हैं। ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य युद्धों को खत्म करवाने की प्रतिज्ञा ली है। इससे जाहिर है कि वह वैश्विक शांति, सुरक्षा और आतंकवाद मुक्त रणनीति पर फोकस करेंगे।

4 साल राष्ट्रपति पद संभालने का अनुभव

ट्रंप के लिए 2024 का कार्यकाल इसलिए भी अधिक प्रभावशाली हो सकता है कि अब उनके पास राष्ट्रपति का एक कार्यकाल पूरा करने का अनुभव है। जबकि 2016 में वह पहली बार राष्ट्रपति बने थे। अब दूसरी बार राष्ट्रपति बनने और पिछले 4 वर्षों तक मुख्य विपक्ष की भूमिका में रहने से उनका अनुभव हर क्षेत्र में कई गुना बढ़ गया है। अब वह अधिक खुले और सख्त फैसले लेने में सक्षम होंगे।

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