सेहत
मिलावटी खाने से बढ़ रही हैं बीमारियां, खाने से पहले घर पर ही जांचें शुद्धता
राखी का त्योहार नजदीक है, बाजार में दूध, घी और मावे से बनी मिठाईयां जोरों शोरों से बिक रही हैं. दूध, घी और मावे को सेहत के लिहाज से भी बेहतरीन माना जाता है. तभी बचपन से माँ बच्चे को दूध पिलाने पर जोर देती हैं लेकिन अगर कोई आपको कहे इन्हें खाने से आपकी सेहत बनने की बजाए बिगड़ रही है तो आपको सुनकर कैसा लगेगा. जी हां हम शुद्ध नहीं बल्कि मिलावटी और नकली दूध, घी और मावे की बात कर रहे हैं क्योंकि आप जानते हैं कि आज हमारी खाने की प्लेट में जितना भी सामान आ रहा है उसमें से अधिकांश में किसी न किसी चीज की मिलावट है और यही कारण है कि इन मिलावटी चीजों को खाने से लोगों में तरह-तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं. मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में खाने पीने की चीजों में मिलावट की जाती है, जहां पहले के जमाने में दुकानदार वजन में गड़बड़ी के चक्कर में दाल-चावल में कंकड़-पत्थर की मिलावट करते थे वहीं अब ज्यादा मुनाफे के चक्कर में खाने-पीने की चीजों में मिलावट की जा रही है. इन कंकड़-पत्थरों को दाल-चावल में पहचानना और निकालना आसान था लेकिन आज की 80 प्रतिशत मिलावट को आप खुली आंखों से नहीं पहचान सकते.
मिलावटी चीजों की करें पहचान
खाने पीने की चीजों में मिलावट को पकड़ने की जिम्मेदारी फूड सेफ्टी एंड स्टैंटर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया की है. ये संस्था किसी भी चीज को टेस्ट करके आश्वस्त करती है कि आपके खाने-पीने की चीज शुद्ध है या मिलावटी. इसके बाद ये उस खाद्य पदार्थ को शुद्धता की प्रमाणिकता देती है इसलिए कहा जाता है कि इस संस्था से प्रमाणित खाद्य पदार्थों को ही खाना चाहिए. अगर आप फूड सेफ्टी एंड स्टैंटर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर चेक करेंगे तो आपको अपने खाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों की आधी से ज्यादा लिस्ट वहां मिलेगी जिसमें मिलावट की जाती है. दरअसल फूड सेफ्टी एंड स्टैंटर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया देश में खाने-पीने की चीजों में होने वाली मिलावट को कंट्रोल करता है और उसका काम देश में मिलावट को रोकना है. आप इसकी साइट पर जाकर इंस्पेक्शन पर क्लिक करें और वहां चेक एडल्टरेशन एट होम पर जाएं तो आपको 77 से ज्यादा ऐसे लिंक और लिस्ट मिलेंगी जिनसे आप घर बैठकर अपने खाने-पीने की चीजों में मिलावट की जांच कर सकते हैं.
घर बैठे करें मिलावट की जांच
इनमें आपके खाने में इस्तेमाल होने वाली हल्दी, लाल मिर्च पाउडर से लेकर दूध, घी, आटा, दालें लगभग सभी चीजें शामिल हैं. उदाहरण के तौर पर दूध में पानी और स्टार्च की मिलावट की जाती है. दूध में स्टार्च की मिलावट की जांच करने के लिए थोड़े से दूध को गर्म करके ठंडा होने के बाद उसमें आयोडीन सोल्यूशन की कुछ बूंद डालिए, अगर दूध का रंग बदलकर नीला हो जाता है तो दूध में स्टार्च की मिलावट है और अगर दूध अपना रंग नहीं बदलता तो शुद्ध है.
ऐसे करें मिलावटी दूध की जांच
ऐसे ही दूध में अगर पानी की मिलावट की जांच करनी है तो किसी थाली को खड़ा कर ऊपर से दूध की कुछ बूंदें गिराएं, अगर दूध बिना रुके बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाता है तो दूध में पानी की मिलावट की गई है अगर दूध रुक-रुककर निशान छोड़ता हुआ बहता है तो उसमें पानी की मिलावट नहीं है. ऐसे ही दूध में डिटर्जेंट की मिलावट की जांच करनी हो तो दूध को एक गिलास में डालकर चम्मच से हिलाएं, अगर दूध में झाग बनने लगें तो इसमें डिटर्जेंट की मिलावट है वर्ना आपका दूध शुद्ध है.
फल-सब्जियों में हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल
अब आप सोचिए कि सिर्फ दूध में इतनी मिलावट होती है तो बाकी चीजों में कितनी मिलावट होती होगी और ये हमारी सेहत के लिए कैसे अच्छा हो सकता है. ऐसे ही आप बाजार से चमचमाती हरी सब्जियां ये सोचकर खरीदते हैं कि इससे आपकी सेहत को फायदा होगा, लेकिन हरी सब्जियों को रंगने के लिए हरे रंग का इस्तेमाल किया जाता है ताकि सब्जियां ज्यादा हरी और ताज़ा दिखाई दें. इस केमिकल को रोडामाइन-बी के नाम से जाना जाता है, इसे कपड़ा, चमड़ा रंगने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, ये केमिकल इतना हानिकारक है कि इससे कैंसर होने तक का खतरा है. हाल ही में बच्चों द्वारा खाई जाने वाली कॉटन कैंडी में भी इस केमिकल के मिले होने की वजह से कई राज्यों में कॉटन कैंडी की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. यहां तक कि चिली-पटैटो को रंगने के लिए भी इसी रोडामाइन-बी केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो कि सेहत के लिए काफी हानिकारक है.
कहां करें मिलावट की शिकायत
यदि आपको किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलावट का पता लगे तो आप इसकी शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं जिसके बाद संबंधित कंपनी या व्यक्ति पर उचित कार्यवाही की जा सकती है. इसके लिए आपको स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के जिला आयुक्त या उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवानी होगी. इसके अलावा आप उपभोक्ता ‘फूड सेफ्टी वॉयस’ नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से FSSAI खाद्य लाइसेंस से संपर्क कर सकते हैं. यह प्लेटफॉर्म लोगों को मिलावटी, घटिया या असुरक्षित भोजन और खाद्य उत्पादों से जुड़ी खराब लेबलिंग या भ्रामक विज्ञापनों के बारे में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देता है. अब आप ही सोचिए ये मुनाफाखोर जरा से मुनाफे के लिए आपकी सेहत से कैसे खिलवाड कर रहे हैं. दूध जिसके लिए आप ये सोचते हैं कि इसे पीकर आपके बच्चे की हड्डियां मजूबत बनेंगी इसमें पानी से लेकर डिटर्जेंट तक की मिलावट की जाती है. अब ये सोचिए ये डिटर्जेंट आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डिटर्जेंट खाने से कैंसर की बीमारी होने का खतरा सबसे ज्याादा होता है यही वजह है कि आज कैंसर के मरीजों में बेहताशा बढ़ोतरी हो रही है.
सेहत
क्या मीठा खाने से होती है डायबिटीज? शुगर के मरीज गुड़ खा सकते हैं?
16 नवंबर 2024:- डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को असंतुलित कर देती है. डॉ. गीता श्रॉफ (डायरेक्टर न्यूबेला सेंटर फॉर वूमेन हेल्थ , नई दिल्ली) ने बताया कि अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज हो जाती है, लेकिन असल में डायबिटीज सिर्फ चीनी खाने से नहीं होती, बल्कि यह शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करने से होती है. इंसुलिन वह हार्मोन है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करता है. डायबिटीज का कारण अनुवांशिकता, गलत खान-पान, और अनियमित जीवनशैली भी हो सकते हैं. डॉ. गीता श्रॉफ गुड़ को अक्सर चीनी से बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें कुछ नेचुरल तत्व होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को गुड़ खाने से भी परहेज करना चाहिए. हालांकि गुड़ चीनी की तरह प्रोसेस्ड नहीं होता, लेकिन यह भी एक तरह का शुगर ही है, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है. इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को गुड़ से भी दूर रहने की सलाह देते हैं. अगर किसी को मीठा खाने की इच्छा हो तो वह डॉक्टर की सलाह से कुछ प्राकृतिक मिठास जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं
किन चीजों से करना चाहिए परहेज?
डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे-
1. मीठे और प्रोसेस्ड फूड: चीनी, गुड़, केक, कुकीज, कैंडीज, और मीठे पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूर रहें. इनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और ये तुरंत ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं.
2. तले-भुने और फैटी फूड्स: डायबिटीज के मरीजों को तले हुए और ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में रुकावट डाल सकते हैं.
3. सफेद आटा: सफेद आटे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, और पास्ता से दूर रहना चाहिए. ये फूड्स फाइबर कम और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो शुगर लेवल बढ़ाते हैं
डायबिटीज में क्या खाएं?
डायबिटीज के मरीजों को हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दलिया और फाइबर युक्त फूड्स अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करना, भरपूर पानी पीना और डॉक्टर की सलाह से दवाइया लेना भी जरूरी है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखना संभव है अगर आप अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें.
सेहत
सब्जी में तड़के का राजा है ये मसाला, कुछ दिन करें इसके पानी का सेवन दूर होगी गैस..
जयपुर. भारतीय रसोई में जीरा एक महत्वपूर्ण मसाला है, इसका उपयोग खाद्य सामग्रियों को बनाने में किया जाता है. यह छोटे, भूरे या हल्के भूरे रंग के बीज होते हैं, जो विशेष रूप से भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. आमतौर पर जीरे का उपयोग सब्जियों, दालों, चावल, और कढ़ी जैसे व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जीरा पानी और छाछ में स्वाद बढ़ाने के लिए बेहद कारगर मसाला है. इसका उपयोग गरम मसाला, चाट मसाला आदि में भी किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या कम करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. इसके अलावा जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
जीरे का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि जीरे का पानी बनाने के लिए 1-2 चम्मच जीरा रात भर पानी में भिगो दें. इसके बाद इसे सुबह इसे उबालें और छान लें और इस पानी को खाली पेट पीने के अनेकों फायदे हैं. इसके अलावा रात भर भिगोए हुए जीरे को पत्थर पर पीसकर साथ में मिलाकर पीने से पेट में ठंडक मिलती है और इसका स्वाद भी दोगुना हो जाता है. इसके अलावा सूखे जीरे को पीसकर चूर्ण बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
जीरे के आयुर्वेदिक फायदे
जीरा को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करता है और अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है.
1. पाचन सुधारने में सहायक: जीरा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करता है. इसके अलावा यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करता है.
2. वजन घटाने में मददगार: आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार, जीरा मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे अतिरिक्त वसा कम होती है. सुबह खाली पेट जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रण में रहता है.
3. त्वचा के लिए फायदेमंद: जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखते हैं. इसके अलावा यह रक्त शुद्ध करता है और पित्त जनित त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है
3. इम्यूनिटी बूस्ट करना: जीरे में विटामिन सी और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा यह शरीर को संक्रमणों से बचाने में सहायक है.
4. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत: जीरा मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है. इसका नियमित सेवन रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है.
5.श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी: जीरा कफ दोष को संतुलित करता है और श्वसन तंत्र की समस्याओं को दूर करता है. यह अस्थमा और खांसी में राहत देता है. इसके अलावा रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है. और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है.
सेहत
टमाटर अधिक खाने से बढ़ सकती है ये 4 दिक्कतें..
हममें से ज्यादातर लोगों को टमाटर खाना बहुत पसंद होता है. सब्जी हो या सलाद, टमाटर के बिना सब अधूरा है. हालांकि, आपने सुना होगा कि किसी भी चीज का अधिक सेवन हानिकारक होता है. इसी तरह से टमाटर भी खाने में जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदायक भी. टमाटर में विटामिन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद तो होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर नुकसानदायक भी हो सकते हैं.
एसिडिटी बढ़ सकती है
टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ज्यादा टमाटर खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है. इसलिए टमाटर सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है.
गैस की समस्या
अगर आप पेट में गैस की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको ज्यादा टमाटर का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आप गैस की समस्या से बचना चाहते हैं तो सीमित मात्रा में टमाटर खाएं.
हो सकती है पथरी
पथरी के मरीजों को भूलकर भी टमाटर नहीं खाना चाहिए. दरअसल, टमाटर के बीज पित्त पथरी का कारण बन सकते हैं। वहीं अगर आप टमाटर खाते हैं तो उसके बीज अलग करके खाएं.
सीने में जलन
टमाटर जितने फायदेमंद होते हैं उतने ही नुकसानदायक भी होते हैं. अगर आप इन्हें अधिक मात्रा में खाते हैं तो कई लोगों को सीने में जलन की समस्या हो सकती है, क्योंकि टमाटर में विटामिन सी होता है, जो गैस की समस्या को बढ़ा सकता है और सीने में जलन का कारण बन सकता है.
- खबरे छत्तीसगढ़6 days ago
ट्रेक्टर में दब कर चालक युवक की मौत- मर्ग कायम कर जांच में जुटी पुलिस
- खबरे छत्तीसगढ़6 days ago
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर माता खुड़िया रानी के दरबार में लगा श्रद्धालुओं का भीड़ हजारों की संख्या में लोगों ने किया दर्शन पढ़िए पूरी खबर विस्तार से
- खबरे छत्तीसगढ़6 days ago
यातायात नियमों की अनदेखी अब पड़ेगी भारी, गरियाबंद पुलिस ने की ई-चालान की शुरुआत
- खबरे छत्तीसगढ़23 hours ago
मुख्यमंत्री के गृह जिला एवं विधानसभा क्षेत्र कुनकुरी में भ्रष्टाचार एवं गबन का प्रमाणित मामला उजागर बीआरसीसी श्री विपिन अम्बष्ट ने डकार ली पूरी राशि
- खबरे छत्तीसगढ़5 days ago
बचेली के टी एम थॉमस और ई रवि को मिला एनएमडीसी का सर्वोच्च सम्मान खनिज रत्न पुरस्कार से हुए सम्मानित
- खबरे छत्तीसगढ़5 days ago
निर्दलीय पार्षद अब्दुल हमीद सिद्दीकी ने दिखाई मानवता बेघर बीमार इंसान को इलाज के लिए भिजवाया मेडिकल कालेज डिमरापाल
- खबरे छत्तीसगढ़5 days ago
बस्तर मुस्लिम समाज के अध्यक्ष वसीम अहमद ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष से मिलकर जारी बयान पर जताई नाराजगी
- खबरे छत्तीसगढ़2 days ago
अलर्ट ब्यूरो सर्विस कंपनी के ठेकेदार सुरक्षा गार्डों को सालों से नहीं करा रहा है सुरक्षा सुविधा मुहैय्या