सेहत
लिप बाम लगाने के बाद भी होंठ फटने लगते हैं? एक्सपर्ट से जानें इसके कारण…
अब मौसम बदलने लगा है. सुबह-शाम की सर्द हवाओं से त्वचा रूखी होने लगी है. स्किन की तरह होंठ भी अब ड्राई रहकर फटने लगे हैं. कुछ लोग जैसे ही होंठ फटने लगते हैं तो बार-बार लिप बाम लगाने लगते हैं. इसके बाद भी उनकी दिक्कत दूर नहीं होती. क्या लिप बाम होंठों पर काम नहीं करती या लोग सही प्रोडक्ट नहीं चुनते? बार-बार होंठ फटना बीमारी की तरफ भी इशारा हो सकता है.
होंठ क्यों फटते हैं
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. निरुपमा झा कहती हैं कि होंठ बहुत सॉफ्ट और सेंसिटिव होते हैं. हमारे शरीर में इसकी त्वचा सबसे पतली होती है और इस पर त्वचा और बालों की तरह कोई सुरक्षा कवच भी नहीं होता. बाल हेयर फॉलिकल और त्वचा एपिडर्मिस लेयर से बाहर के इंफेक्शन से बच जाती हैं लेकिन होंठों पर हर चीज सीधा लगती है. चाहे ठंडा-गर्म तापमान हो, हवा हो, खाना हो या पेय पदार्थ. इसका कोई मॉइश्चर लॉकिंग कारक भी नहीं होता इसलिए यह जल्दी फटते हैं.
सलाइवा भी होंठों का दुश्मन
कुछ लोग होंठ फटने पर उसे जीभ से गीला करते हैं. जबकि जीभ पर लगा सलाइवा यानी थूक होंठों को और बीमार बना देता है. सलाइवा में कई डाइजेस्टिव एंजाइम होते हैं जो होंठों को इरिटेट कर उन्हें और रूखा बना देते हैं.
हर लिप बाम ठीक नहीं
फटे होंठों पर लिप बाम कई बार उन्हें और डैमेज कर देती है जिससे जलन होने लगती है. आजकल बाजार में कई कंपनी की लिप बाम आ रही हैं लेकिन अगर होंठों को नर्म और मॉइस्चराइज रखना है तो लिप बाम पर छपी सामग्री को जरूर पढ़ें. अमेरिकन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार जो लिप बाम पेट्रोलियम जेली (पेट्रोलटम या वाइट पेट्रोलटम), कैस्टर ऑयल, ग्लिसरीन, हेम्प सीड ऑयल (भांग का तेल), मिनरल ऑयल, शीया बटर और डिमेथिकोन से बनती हैं, वह होंठों को फटने से रोकती हैं. यह इंग्रीडिएंट होंठों को मॉइश्चराइज करते हैं और लंबे समय तक होंठों की नमी को बरकरार रखते हैं.
फ्लेवर्ड लिप बाम से हो सकता है इंफेक्शन
कुछ लोग फ्लेवर्ड या टिंटेड लिप बाप लगाना पसंद करते हैं. इस तरह की लिप बाम होंठों पर लगाते ही ठंडी लगती हैं लेकिन यह टिंटेड सेंसेशन उनके होंठों को नुकसान पहुंचाती हैं. इस तरह की लिप बाम में पेपरमिंट, मिथेनॉल और कपूर का इस्तेमाल होता है.वहीं कुछ लिप बाम में मिंट, दालचीनी और सिट्रिक मिलाए जाते हैं. इनसे ना केवल होंठ ड्राई होते हैं बल्कि कई बार कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस नाम की त्वचा से संबंधित बीमारी भी हो जाती है. इसमें होंठ ना केवल फटते हैं बल्कि इसमें जलन, खुजली और सूजन तक हो जाती है.
खाने और पानी पर दें ध्यान
कई बार होंठ विटामिन बी 12 और शरीर में पानी की कमी की वजह से भी फटते हैं. डाइट में विटामिन बी 12 से भरपूर खाने को शामिल करें जैसे आलू, मशरूम, चुकंदर, पालक, दूध और नॉनवेज. इसके अलावा अपने बॉडी वेट के हिसाब से पानी पीएं. हर 20 किलोग्राम पर 1 लीटर पानी पीना जरूरी है. जैसे अगर किसी का वजन 60 किलोग्राम है तो उसे दिन में 3 लीटर पानी पीना चाहिए. ऐसा कर उनकी बॉडी हाइड्रेट रहेगी.
सेहत
क्या मीठा खाने से होती है डायबिटीज? शुगर के मरीज गुड़ खा सकते हैं?
16 नवंबर 2024:- डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को असंतुलित कर देती है. डॉ. गीता श्रॉफ (डायरेक्टर न्यूबेला सेंटर फॉर वूमेन हेल्थ , नई दिल्ली) ने बताया कि अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज हो जाती है, लेकिन असल में डायबिटीज सिर्फ चीनी खाने से नहीं होती, बल्कि यह शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करने से होती है. इंसुलिन वह हार्मोन है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करता है. डायबिटीज का कारण अनुवांशिकता, गलत खान-पान, और अनियमित जीवनशैली भी हो सकते हैं. डॉ. गीता श्रॉफ गुड़ को अक्सर चीनी से बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें कुछ नेचुरल तत्व होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को गुड़ खाने से भी परहेज करना चाहिए. हालांकि गुड़ चीनी की तरह प्रोसेस्ड नहीं होता, लेकिन यह भी एक तरह का शुगर ही है, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है. इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को गुड़ से भी दूर रहने की सलाह देते हैं. अगर किसी को मीठा खाने की इच्छा हो तो वह डॉक्टर की सलाह से कुछ प्राकृतिक मिठास जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं
किन चीजों से करना चाहिए परहेज?
डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे-
1. मीठे और प्रोसेस्ड फूड: चीनी, गुड़, केक, कुकीज, कैंडीज, और मीठे पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूर रहें. इनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और ये तुरंत ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं.
2. तले-भुने और फैटी फूड्स: डायबिटीज के मरीजों को तले हुए और ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में रुकावट डाल सकते हैं.
3. सफेद आटा: सफेद आटे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, और पास्ता से दूर रहना चाहिए. ये फूड्स फाइबर कम और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो शुगर लेवल बढ़ाते हैं
डायबिटीज में क्या खाएं?
डायबिटीज के मरीजों को हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दलिया और फाइबर युक्त फूड्स अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करना, भरपूर पानी पीना और डॉक्टर की सलाह से दवाइया लेना भी जरूरी है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखना संभव है अगर आप अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें.
सेहत
सब्जी में तड़के का राजा है ये मसाला, कुछ दिन करें इसके पानी का सेवन दूर होगी गैस..
जयपुर. भारतीय रसोई में जीरा एक महत्वपूर्ण मसाला है, इसका उपयोग खाद्य सामग्रियों को बनाने में किया जाता है. यह छोटे, भूरे या हल्के भूरे रंग के बीज होते हैं, जो विशेष रूप से भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. आमतौर पर जीरे का उपयोग सब्जियों, दालों, चावल, और कढ़ी जैसे व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जीरा पानी और छाछ में स्वाद बढ़ाने के लिए बेहद कारगर मसाला है. इसका उपयोग गरम मसाला, चाट मसाला आदि में भी किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या कम करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. इसके अलावा जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
जीरे का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि जीरे का पानी बनाने के लिए 1-2 चम्मच जीरा रात भर पानी में भिगो दें. इसके बाद इसे सुबह इसे उबालें और छान लें और इस पानी को खाली पेट पीने के अनेकों फायदे हैं. इसके अलावा रात भर भिगोए हुए जीरे को पत्थर पर पीसकर साथ में मिलाकर पीने से पेट में ठंडक मिलती है और इसका स्वाद भी दोगुना हो जाता है. इसके अलावा सूखे जीरे को पीसकर चूर्ण बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
जीरे के आयुर्वेदिक फायदे
जीरा को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करता है और अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है.
1. पाचन सुधारने में सहायक: जीरा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करता है. इसके अलावा यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करता है.
2. वजन घटाने में मददगार: आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार, जीरा मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे अतिरिक्त वसा कम होती है. सुबह खाली पेट जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रण में रहता है.
3. त्वचा के लिए फायदेमंद: जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखते हैं. इसके अलावा यह रक्त शुद्ध करता है और पित्त जनित त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है
3. इम्यूनिटी बूस्ट करना: जीरे में विटामिन सी और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा यह शरीर को संक्रमणों से बचाने में सहायक है.
4. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत: जीरा मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है. इसका नियमित सेवन रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है.
5.श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी: जीरा कफ दोष को संतुलित करता है और श्वसन तंत्र की समस्याओं को दूर करता है. यह अस्थमा और खांसी में राहत देता है. इसके अलावा रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है. और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है.
सेहत
टमाटर अधिक खाने से बढ़ सकती है ये 4 दिक्कतें..
हममें से ज्यादातर लोगों को टमाटर खाना बहुत पसंद होता है. सब्जी हो या सलाद, टमाटर के बिना सब अधूरा है. हालांकि, आपने सुना होगा कि किसी भी चीज का अधिक सेवन हानिकारक होता है. इसी तरह से टमाटर भी खाने में जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदायक भी. टमाटर में विटामिन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद तो होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर नुकसानदायक भी हो सकते हैं.
एसिडिटी बढ़ सकती है
टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ज्यादा टमाटर खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है. इसलिए टमाटर सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है.
गैस की समस्या
अगर आप पेट में गैस की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको ज्यादा टमाटर का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आप गैस की समस्या से बचना चाहते हैं तो सीमित मात्रा में टमाटर खाएं.
हो सकती है पथरी
पथरी के मरीजों को भूलकर भी टमाटर नहीं खाना चाहिए. दरअसल, टमाटर के बीज पित्त पथरी का कारण बन सकते हैं। वहीं अगर आप टमाटर खाते हैं तो उसके बीज अलग करके खाएं.
सीने में जलन
टमाटर जितने फायदेमंद होते हैं उतने ही नुकसानदायक भी होते हैं. अगर आप इन्हें अधिक मात्रा में खाते हैं तो कई लोगों को सीने में जलन की समस्या हो सकती है, क्योंकि टमाटर में विटामिन सी होता है, जो गैस की समस्या को बढ़ा सकता है और सीने में जलन का कारण बन सकता है.
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