Connect with us

सेहत

इन बीमारियों की वजह से हमारे मसूड़े होने लगते हैं काले, कैसे करें लक्षणों की पहचान

Published

on

SHARE THIS

मसूड़े आमतौर पर गुलाबी होते हैं। लेकिन कभी-कभी काले या गहरे भूरे रंग के धब्बे मसूड़ों में संक्रमण होते हैं। इसकी वजह कई चीजें हो सकती हैं. इनमें से अधिकतर संक्रमण बहुत खतरनाक नहीं होते हैं। हालाँकि, कभी-कभी काले धब्बे अधिक गंभीर स्थिति का संकेत दे सकते हैं। यदि आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं, यदि आपको अपने मसूड़ों पर हल्के धब्बे दिखाई देने लगें, तो डॉक्टर से परामर्श लें। अगर मसूड़ों में दर्द हो और उसका रंग बदलने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मसूड़ों का रंग काला होने के कारण

जब शरीर में मेलेनिन का स्तर बढ़ने लगता है तो मसूड़े काले पड़ने लगते हैं। मेलेनिन के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है। जिन लोगों की त्वचा काली होती है तो उनके मसूड़ों का रंग थोड़ा काला पड़ने लगता है। यह प्राकृतिक तरीका है. अगर इनका रंग हल्का है तो मसूड़े काले पड़ रहे हैं, अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो उसका दुष्प्रभाव भी धीरे-धीरे मसूड़े पर दिखने लगता है और उसका रंग काला पड़ने लगता है। यह समस्या अक्सर उन लोगों में देखी जाती है जो तनाव और अवसाद की दवा लेते हैं।

अल्सरेटिव मसूड़े की सूजन

अल्सरेटिव मसूड़े की सूजन की बीमारी में मसूड़ों की गंभीर बीमारी हो जाती है और मसूड़े काले पड़ने लगते हैं। यह एक प्रकार का संक्रमण है. इसमें मसूड़ों में दर्द, सांसों की दुर्गंध, मसूड़ों से खून आना शामिल है। यह एक लाइलाज बीमारी है जिसमें ऊतक बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। और मसूड़ों का रंग काला हो जाता है।

धूम्रपान के कारण भी मसूड़ों पर दाग पड़ जाते हैं।

जो व्यक्ति बहुत अधिक धूम्रपान करता है उसका मसूड़ा भी काला पड़ने लगता है। सिगरेट में मौजूद हानिकारक तत्व धीरे-धीरे मसूड़ों को खराब करने लगते हैं। धूम्रपान का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान के दुष्प्रभाव मसूड़ों पर दिखाई देने लगते हैं। उनमें फेफड़ों का कैंसर, सांस संबंधी रोग, दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपने गौर किया हो तो हम आपको बता दें कि धूम्रपान करने से होठों, दांतों और मसूड़ों पर काले दाग और धब्बे पड़ जाते हैं।

SHARE THIS

सेहत

गेहूं के आटे के बजाए डाइट में शामिल करें ये हाई प्रोटीन आटा, महीनेभर में छांट देगा शरीर की चर्बी

Published

on

SHARE THIS

मोटापा कम करने के लिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि प्रोटीन से भरपूर चीजें डाइट में शामिल करें, लेकिन लोग गेहूं के आटे की रोटी खाने से बचते हैं। आपको बता दें कि कुछ ऐसे आटे है जो प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इन्हें आप अपने रेगुलर गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी को अधिक हेल्दी और हाई प्रोटीन वाली बना सकते हैं। इनके मिक्सचर से रोटी नियमित खाने से शरीर की चर्बी को मोम की तरह पिघलाने में मदद मिलेगी। यहां जानें कुछ हाई प्रोटीन आटे।

ओट्स का आटा

ज्यादातर लोग इसका दलिया या खिचड़ी बनाकर खाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इसके आटे की रोटी बनाकर भी खाई जा सकती है। इसमें भरपूर प्रोटीन होता है। इसकेआटे में आपको आसान से 13-14 ग्राम तक प्रोटीन मिल जाता है।

क्विनोआ का आटा

यह एक बेहतरी मिलेट है। आमतौर पर लोग इसका दलिया या खिचड़ी आदि बनाकर खाना पसंद करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इसके आटे की रोटी बनाकर भी खाई जा सकती है, जो प्रोटीन से भरपूर होती है और सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती है। इसमें 15-16 ग्राम प्रोटीन आसानी से मिल जाता है।

बादाम का आटा

नट्स और ड्राई फ्रूट की बात आती है, तो बादाम को सबसे ऊपर रखा जाता है। ये सेहत के लि बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसका आटा या पाउडर भी लोग अपने रेगुलर आटे में मिलाकर यूज करते हैं और इसकी रोटी बनाकर खाते हैं। यह 20-22 ग्राम प्रोटीन के साथ-साथ हेल्दी फैट्स, विटामिन ई और ओमेगा-3 आदि से भी भरपूर होता है।और पढ़ें

चने का आटा

चना प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। चने के आटे के हर 100 ग्राम का 20 प्रतिशत प्रोटीन होता है इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, आयरन और फाइब, विटामिन बी आदि भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इससे कई तरह के पकवान बनाए जा सकते हैं।

सोया का आटा

आपको बता दें कि सोयाबीन दाल हो या वड़ी, दोनों ही प्रोटीन का पावरहाउस होती हैं। अगर आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल कर लें, तो यह आपके शरीर की चर्बी को पिघलाने में रामबाण साबित हो सकती हैं। सोयाबीन दाल के आटे में 35 तो वड़ी में 52 ग्राम तक प्रोटीन होता है।

SHARE THIS
Continue Reading

सेहत

क्या मीठा खाने से होती है डायबिटीज? शुगर के मरीज गुड़ खा सकते हैं?

Published

on

SHARE THIS

16 नवंबर 2024:- डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को असंतुलित कर देती है. डॉ. गीता श्रॉफ (डायरेक्टर न्यूबेला सेंटर फॉर वूमेन हेल्थ , नई दिल्ली) ने बताया कि अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज हो जाती है, लेकिन असल में डायबिटीज सिर्फ चीनी खाने से नहीं होती, बल्कि यह शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करने से होती है. इंसुलिन वह हार्मोन है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करता है. डायबिटीज का कारण अनुवांशिकता, गलत खान-पान, और अनियमित जीवनशैली भी हो सकते हैं. डॉ. गीता श्रॉफ गुड़ को अक्सर चीनी से बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें कुछ नेचुरल तत्व होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को गुड़ खाने से भी परहेज करना चाहिए. हालांकि गुड़ चीनी की तरह प्रोसेस्ड नहीं होता, लेकिन यह भी एक तरह का शुगर ही है, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है. इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को गुड़ से भी दूर रहने की सलाह देते हैं. अगर किसी को मीठा खाने की इच्छा हो तो वह डॉक्टर की सलाह से कुछ प्राकृतिक मिठास जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं

किन चीजों से करना चाहिए परहेज?

डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे-

1. मीठे और प्रोसेस्ड फूड: चीनी, गुड़, केक, कुकीज, कैंडीज, और मीठे पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूर रहें. इनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और ये तुरंत ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं.

2. तले-भुने और फैटी फूड्स: डायबिटीज के मरीजों को तले हुए और ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में रुकावट डाल सकते हैं.

3. सफेद आटा: सफेद आटे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, और पास्ता से दूर रहना चाहिए. ये फूड्स फाइबर कम और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो शुगर लेवल बढ़ाते हैं

डायबिटीज में क्या खाएं?

डायबिटीज के मरीजों को हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दलिया और फाइबर युक्त फूड्स अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करना, भरपूर पानी पीना और डॉक्टर की सलाह से दवाइया लेना भी जरूरी है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखना संभव है अगर आप अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें.

SHARE THIS
Continue Reading

सेहत

सब्जी में तड़के का राजा है ये मसाला, कुछ दिन करें इसके पानी का सेवन दूर होगी गैस..

Published

on

SHARE THIS

जयपुर. भारतीय रसोई में जीरा एक महत्वपूर्ण मसाला है, इसका उपयोग खाद्य सामग्रियों को बनाने में किया जाता है. यह छोटे, भूरे या हल्के भूरे रंग के बीज होते हैं, जो विशेष रूप से भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. आमतौर पर जीरे का उपयोग सब्जियों, दालों, चावल, और कढ़ी जैसे व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जीरा पानी और छाछ में स्वाद बढ़ाने के लिए बेहद कारगर मसाला है. इसका उपयोग गरम मसाला, चाट मसाला आदि में भी किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या कम करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. इसके अलावा जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

जीरे का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि जीरे का पानी बनाने के लिए 1-2 चम्मच जीरा रात भर पानी में भिगो दें. इसके बाद इसे सुबह इसे उबालें और छान लें और इस पानी को खाली पेट पीने के अनेकों फायदे हैं. इसके अलावा रात भर भिगोए हुए जीरे को पत्थर पर पीसकर साथ में मिलाकर पीने से पेट में ठंडक मिलती है और इसका स्वाद भी दोगुना हो जाता है. इसके अलावा सूखे जीरे को पीसकर चूर्ण बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

जीरे के आयुर्वेदिक फायदे
जीरा को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करता है और अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है.

1. पाचन सुधारने में सहायक: जीरा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करता है. इसके अलावा यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करता है.

2. वजन घटाने में मददगार: आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार, जीरा मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे अतिरिक्त वसा कम होती है. सुबह खाली पेट जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रण में रहता है.

3. त्वचा के लिए फायदेमंद: जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखते हैं. इसके अलावा यह रक्त शुद्ध करता है और पित्त जनित त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है

3. इम्यूनिटी बूस्ट करना: जीरे में विटामिन सी और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा यह शरीर को संक्रमणों से बचाने में सहायक है.

4. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत: जीरा मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है. इसका नियमित सेवन रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है.

5.श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी: जीरा कफ दोष को संतुलित करता है और श्वसन तंत्र की समस्याओं को दूर करता है. यह अस्थमा और खांसी में राहत देता है. इसके अलावा रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है. और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है.

 

SHARE THIS
Continue Reading

खबरे अब तक

WEBSITE PROPRIETOR AND EDITOR DETAILS

Editor/ Director :- Rashid Jafri
Web News Portal: Amanpath News
Website : www.amanpath.in

Company : Amanpath News
Publication Place: Dainik amanpath m.g.k.k rod jaystbh chowk Raipur Chhattisgarh 492001
Email:- amanpathasar@gmail.com
Mob: +91 7587475741

Trending