देश-विदेश
Gangubai Kathiawadi Review: सेक्स वर्कर की छवि तोड़ती है गंगूबाई, आलिया भट्ट फायर तो विजय राज बारूद
![](https://amanpath.in/wp-content/uploads/2022/02/download-39-6.jpg)
फिल्म – Gangubai KathiawadiAlso
कास्ट – आलिया भट्ट, अजय देवगन, विजय राज, शांतनु माहेश्वरी, सीमा पाहवा, इंदिरा तिवारी, जिम सर्भ
निर्देशक – संजय लीला भंसाली
कहां देख सकते हैं – सिनेमाघर में
पर्दे पर: Feb 25,2022
शैली: बायोपिक
रेटिंग – 4
Gangubai Kathiawadi Review In Hindi: आलिया भट्ट (Alia Bhatt) अजय देवगन (Ajay Devgn) की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi) रिलीज हो चुकी है और एक बार फिर से संजय लीला भंसाली एक शानदार कहानी लेकर दर्शकों के सामने आए हैं. फिल्म के बारे में बात करने से पहले बता दें कि फिल्म हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ पर आधारित है. गंगूबाई काठियावाड़ी में आलिया भट्ट और अजय देवगन के अलावा विजय राज, सीमा पहवा और शांतनु माहेश्वरी भी अहम किरदारों में नजर आएंगे. तो चलिए जानते हैं कि संजय लीला भंसाली और आलिया भट्टी की जोड़ी ने आखिर पर्दे पर सफेद रंग को किस से दर्शाया है और उन्होंने गंगूबाई के किरदार के साथ कितना न्याय किया है.
क्या है फिल्म की कहानी
16 साल की ‘गंगा हरजीवन दास’ गुजरात के ‘काठियावाड़’ की एक लड़की थी औऱ एक्ट्रेस बनने का सपना उसे मुंबई लेकर आया और उसे बेचने वाला वो लड़का था जिस गंगा प्यार करती थी और वो उसे महज 1 हाजर रुपये के लिए बेच कर चला जाता है और यहीं से गंगा ने गंगूबाई तक का सफर तय किया और इसके बाद वो धीरे-धीरे हर किसी के लिए लड़ने लगी और इसके बाद शुरू होता है गंगू का वेश्यावृति से लेकर माफिया क्वीन बनने तक का सफर. गंगूबाई नाम के एक किरदार के सेक्स का व्यापार करने के बावजूद, पॉज़िटिव कहानी को पर्दे पर सफलता पूर्वक उतार पाना बेहद मुश्किल था लेकिन संजय लीला भंसाली ने उसे बेहद आसानी से उतारा है और भारतीय सिनेमा में सेक्स व्यापार पर ऐसी गंभीर फिल्में बेहद कम बनी हैं और कोरोना के बाद इतनी बड़ी फिल्म पर्दे पर आई है जो आपके इंतजार को सफल करती है. गंगूबाई एक गुंडी महिला है लेकिन क्या महिला है. आलिया ने पूरा स्क्रीन अपने नाम कर लिया है अपनी आंखों में एक लाचारी और मायूसी लिए चलती है, वो देखना शानदार अनुभव था. जब से मैंने गंगा को गंगू बनते देखा, तब से मैंने रोना शुरू कर दिया. पूरी फिल्म में मैं कभी हंसी और कभी रोई…. शब्द ही नहीं हैं और भंसाली आप एक जादूगर हैं.
कैसा है निर्देशन
ये फिल्म एक टिपिकल संजय लीला भंसाली की फिल्म है जो डार्क है और अलग-अलग रंगो में लिपटी ये फिल्म एक बड़े और शानदार सेट पर लेकर जाती है और उस दुनिया को यकीन दिलाता है जो भंसाली ने बनाई है. फिल्म को बहुत ही शानदार तरीके से दिखाया गया है. गंगूबाई, माफिया क्वीन से आगे बढ़कर एक अलग तरह के किरदार को लेकर आगे बढ़ती है जिसे सेक्स वर्कर्स का प्यार मिलता है, वहां पर फिल्म थोड़ी ढीली पड़ती है. हालांकि फिल्म के कई सीन्स काफी दमदार और फैन्सी म्यूजिकल बीट्स फिल्म को आगे ले जाने में साथ देते हैं और आलिया के तो क्या है कहने उनकी जितनी तारीफ करो उतनी कम है. अगर फिल्म के लंबाई की बात करे तो ये आपको 2 घंटे से अधिक तक सीट पर बांधे रखती है, आंखें भंसाली की दुनिया की चकाचौंध में खो जाती है और इस बेहद अहम मुद्दे के बारे में दिमाग सोचने लग जाता है.
गंगूबाई के किरदार को बनाया हीरो
एक युवा लड़की से वेश्यावृत्ति में और एक नेता के रूप में उसकी कहानी, जिसने देश में इस सर्विस को लीगल बनाने वाले पहले कानूनों को लाने में मदद की है और एक तरह से वो उन लोगों के लिए एक भगवान थी. इस फिल्म के बारे में सबसे खास बात ये है कि ये फिल्म एक बेहद ईमानदार कोशिश है एक आम सी कहानी को एक भव्य तरीके से सुनाने की और ये कोशिश आपको छूती है. बहुत मुश्किल से ऐसी कहानियों को इतने बड़े बजट में इतने भव्य सूत्र में पिरोया जाता है. एक शानदार कास्ट, इस कोशिश को और सफल बनाती है. फिल्म की कास्ट पर आप सवाल नहीं उठा सकते हैं. सिनेमा के इंटरटेनमेंट के साथ इस फिल्म के मेसेज को तत्काल रूप से बेहद ज़रूरी बना देता है.
अभिनय
आलिया भट्ट इस फिल्म को अपने कंधों पर लेकर चलती है और गंगा से गंगू फिर गंगूबाई और बाद में पूरे कमाठिपूरा पर राज करने वाली एक माफिया. आलिया ने अपने हर किरदार को हर पल में उतार दिया है और उन्होंने अपने गम, खुशीयों और साथ ही अपनी हंसी से इस फिल्म को वो बना दिया है जिसकी उम्मीद संजय लीला भंसाली कर रहे थे. वहीं अजय देवगन जब भी पर्दे पर आते हैं अपने ही अंदाज में छा जाते हैं, उन्हें देखकर आपके उनके वन्स अपॉन टाईम इन मुंबई के किरदार सुल्तान मिर्जा की याद जाती है, वो कुछ उसी अंदाज में मसीहा बनकर आते हैं. वहीं फिल्म में सीमा पहवा ने मौसी का किरदार निभाया है जो कोठे को चलाती है और वो जब तक रहती हैं अपने किरदार पर इतराती हुई नजर आती हैं. इसके अलावा आपको शांतनु माहेश्वरी के शांत किरदार से प्यार हो जाएगा, जो जिस्म की इस भूख में सच्चा प्यार तलाश करता है. वहीं रजियाबाई के किरदार में एक बार फिर से विजय राज ने साबित कर दिया है कि वो हर किरदार में जान फूंक सकते हैं और उनके आगे आलिया भी फीकी पड़ रही थी. इसके साथ ही फिल्म में आपको तोहफे के तौर पर जिम सर्भ मिलेंगे, जिन्होंने एक खास किरदार निभाकर गंगूबाई को वो बनाया जो वो बनना चाहती थी.
देश-विदेश
4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े
![](https://amanpath.in/wp-content/uploads/2024/07/gold-silver-price.webp)
बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।
5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना
पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।
सोने-चांदी के आज के भाव
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।
खेल
बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला
![](https://amanpath.in/wp-content/uploads/2024/07/mm-1.jpeg)
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।
भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट
बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था, जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।
खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया कहर
इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।
निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी
बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।
देश-विदेश
मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर
![](https://amanpath.in/wp-content/uploads/2024/07/8-9.jpg)
सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.
महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा
लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.
-
खबरे छत्तीसगढ़4 days ago
बीजली करेंट के चपेट में आने से युवक की मौत मर्ग कायम कर जांच में जुटी पुलिस
-
खबरे छत्तीसगढ़4 days ago
एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में रिक्त सिटों की पूर्ती हेतु
-
खबरे छत्तीसगढ़3 days ago
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण: कुर्की करने की तैयारी में एस.डी.एम.
-
आस्था7 days ago
डाक कांवड़ यात्रा क्या होती है, क्यों माना जाता है इसको सबसे कठिन?
-
खबरे छत्तीसगढ़5 days ago
छत्तीसगढ़ : जिले में हुई तेज बारिश, स्कूल बंद करने कलेक्टर ने जारी किया आदेश
-
खबरे छत्तीसगढ़6 days ago
प्रभारी अधिकारी के हवाले से हो रहा परियोजना कार्यालय का संचालन प्रशासन बेखबर
-
खबरे छत्तीसगढ़2 days ago
छत्तीसगढ़ : अगले 24 घंटों के लिए 21 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट
-
खबरे छत्तीसगढ़4 days ago
विधायक अग्रवाल के मांग पर केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 130 को फोरलेन करने स्वीकृती प्रदान की