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सेहत

Harmful Food For Liver: लिवर की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये 5 चीजें

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शरीर को स्वस्थ रखना है तो लिवर को हेल्दी रखना सबसे जरूरी है। लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा डाइजेस्टिव ग्लैंड है। खाना पचाने से लेकर शरीर को डिटॉक्स करने तक लिवर पूरे शरीर के अलग-अलग फंक्शंस को परफॉर्म करता है। पिछले कुछ समय से खराब आदतों और लाइफस्टाइल की वजह से लिवर से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ने लगी हैं। ज्यादा तेल वाला खाना, जंक और फास्ट फूड और पैकेट बंद भोजन लिवर पर बुरा असर डालते हैं। जिससे फैटी लिवर, लिवर फेल और लिवर कैंसर जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। आइये जानते हैं लिवर को खराब करने में आपकी कौन सी आदतें जिम्मेदार हैं?

लिवर की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये चीजें

  1. शराब- अल्कोहल को लिवर का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। ज्यादा शराब पीने से लिवर से जुड़ी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। शराब से कैमिकल रिएक्शन लीवर सेल्स को डैमेज करते हैं। शराब की वजह से इन्फ्लेमेशन, सेल डेथ और फाइब्रोसिस का खतरा पैदा होता है। ऐसी स्थिति लीवर फेलियर और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
  2. ज्यादा मीठा- ज्यादा मात्रा में रिफाइंड शुगर का सेवन करना लिवर के लिए हानिकारक साबित होता है। इसके अलावा शुगर वाले ड्रिंक्स और खाद्य पदार्थ भी लिवर के दुश्मन हैं। इसलिए कैंडी, कुकीज, सोडा जैसी चीजों का इस्तेमाल कम से कम करें। इन चीजों का ज्यादा सेवन करने से लिवर के आसपास फैट जमा हो सकता है।
  3. ज्यादा नमक- अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। फिर चाहें आप ज्यादा शुगर खाएं या फिर नमक का इस्तेमाल करें। ऐडेड साल्ट वाले फूड्स खाने से लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डाइट में सोडियम की मात्रा कम रखें।
  4. सेचुरेटेड फैट- ज्यादा तेल वाला या तला हुआ खाना खाने से भी लिवर पर बुरा असर पड़ता है। फ्राइड फूड्स में सैचुरेटेड फैट होता है जो फैटी लिवर का कारण बनता है। इससे लिवर के आसपास फैट जमा होने लगता है। इसलिए लिवर को स्वस्थ रखना है तो फ्राइड फूड का सेवन जितना कम हो सके करें।
  5. प्रोसेस्ड फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक- अनहेल्दी और जंक फूड से जितना हो सके दूरी बनाकर रखें। इससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे भोजन में शुगर और नमक की मात्रा ज्यादा होती है जिससे लिवर पर सूजन आ सकती है। फैटी लिवर का खतरा बढ़ता है। इसलिए कार्बोनेटेड ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें।

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देश-विदेश

HIV संक्रमण को 100 फीसदी ठीक करने वाला ट्रायल सफल

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केपटाउनः दुनिया भर के एचआइवी और एड्स पीड़ितों के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर है। वैज्ञानिकों ने एचआइवी संक्रमण को ठीक करने वाले इंजेक्शन का सफल ट्रायल होने का दावा किया है। साल भर में इस इंजेक्शन की 2 डोज लेनी होगी। इसके बाद एड्स की भी छुट्टी हो जाएगी। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में व्यापक स्तर पर किये गए एक क्लिनिकल ​​​​परीक्षण से पता चला है कि नयी रोग-निरोधक दवा का साल में दो बार इंजेक्शन युवतियों को एचआइवी संक्रमण से पूरी सुरक्षा देता है।

परीक्षण में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या ‘लेनकापाविर’ का छह-छह महीने पर इंजेक्शन, दो अन्य दवाओं (रोज ली जाने वाली गोलियों) की तुलना में एचआइवी संक्रमण के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा। सभी तीन दवाएं ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (रोग निरोधक) दवाएं हैं। अध्ययन के दक्षिण अफ़्रीकी भाग के प्रमुख अन्वेषक, चिकित्सक-वैज्ञानिक लिंडा-गेल बेकर ने बताया कि कि यह सफलता इतनी महत्वपूर्ण क्यों है और आगे क्या उम्मीद की जाए। लेनकापाविर और दो अन्य दवाओं की प्रभावकारिता का परीक्षण 5,000 प्रतिभागियों के साथ ‘उद्देश्य 1’ परीक्षण युगांडा में तीन स्थलों और दक्षिण अफ्रीका में 25 स्थलों पर किया गया।

5000 लोगों पर ट्रायल सफल

लेनकापाविर (लेन एलए) इंजेक्शन का 5 हजार लोगों पर सफल ट्रायल किया गया। लेनकापाविर एचआईवी कैप्सिड में प्रवेश करता है। कैप्सिड एक प्रोटीन शेल है जो एचआइवी की आनुवंशिक सामग्री और प्रतिकृति के लिए आवश्यक एंजाइमों की रक्षा करता है। इसे हर छह महीने में एक बार त्वचा में लगाया जाता है। पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में, युवतियां एचआइवी संक्रमणों से सबसे ज्यादा पीड़ित होती हैं। कई सामाजिक और संरचनात्मक कारणों से, उन्हें दैनिक प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस व्यवस्था को बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण लगता है। परीक्षण के यादृच्छिक चरण के दौरान लेनकापाविर लगवाने वाली 2,134 महिलाओं में से कोई भी एचआइवी से संक्रमित नहीं हुई। इस इंजेक्शन की 100 प्रतिशत दक्षता साबित हुई। इन परीक्षणों का महत्व क्या है? यह सफलता बड़ी उम्मीद जगाती है कि लोगों को एचआइवी से बचाने के लिए हमारे पास एक सिद्ध, अत्यधिक प्रभावी रोकथाम का उपाय है।

एचआइवी को खत्म करने की जगी उम्मीद

इस ट्रायल के सफल होने से अब एचआइवी को खत्म करने की उम्मीद जाग उठी है। पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर 13 लाख नए एचआइवी संक्रमण के मामले आए थे। हालांकि, यह 2010 में देखे गए 20 लाख संक्रमण के मामलों से कम है। यह स्पष्ट है कि इस दर से हम एचआइवी के नए मामलों में कमी लाने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे जो यूएनएड्स ने 2025 के लिए निर्धारित किया है (वैश्विक स्तर पर 5,00,000 से कम) या संभावित रूप से 2030 तक एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाएंगे। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईईपी) दवाएं रोकथाम का इकलौता उपाय नहीं है।

एचआइवी की स्वत: जांच, कंडोम तक पहुंच, यौन संचारित संक्रमणों के लिए जांच और उपचार और बच्चे पैदा करने योग्य महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवाओं तक पहुंच के साथ-साथ पीईईपी प्रदान की जानी चाहिए। लेकिन इन विकल्पों के बावजूद, हम उस बिंदु तक नहीं पहुंचे हैं जहां हम नए संक्रमणों को रोकने में सक्षम हो सकें, खासकर युवा लोगों में।

साल में 2 इंजेक्शन से एचआइवी नहीं आएगा पास

युवाओं के लिए, रोजाना एक गोली लेने या कंडोम का उपयोग करने या संभोग के समय एक गोली लेने का निर्णय बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एचआइवी वैज्ञानिकों और कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि युवाओं को यह पता चलेगा कि साल में केवल दो बार यह ‘रोकथाम निर्णय’ लेने से मुश्किलें कम हो सकती हैं। किसी युवती के लिए साल में सिर्फ दो बार एक इंजेक्शन लगवाना वह विकल्प है जो उसे एचआइवी से दूर रख सकता है।

 

 

 

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सेहत

मानसून में रहें सावधान! आंखों पर हो रहा है कंजक्टिवाइटिस का अटैक, जानिए कैसे करें बचाव?

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बरसात से होने वाली हरियाली आंखों को तो राहत देती है, लेकिन उनकी सेहत के लिए आफत भी बन सकती है। बारिश के दिनों में कंजक्टिवाइटिस,फंगल,वायरल, बैक्टीरियल इंफेक्शन और एलर्जी परेशानी बढ़ा देते हैं। ऐसे में आंखों में रेडनेस, ड्राईनेस, खुजली और दर्द झेलना पड़ता है। जिससे कई बार सिरदर्द-माइग्रेन भी ट्रिगर होता है। इसलिए इस मौसम में आंखों का बेहद ख्याल रखना चाहिए। वैसे आई केयर तो हर मौसम में जरूरी है। क्योंकि मॉडर्न लाइफस्टाइल में तमाम ऐसी चीज़ें है जो आंखों की दुश्मन है। जैसे काम और पढ़ाई के लिए लंबे वक्त तक ऑनलाइन रहना, रेडिएशन और पॉल्यूशन। ग्लूकोमा-कैटरेक्ट और मायोपिया को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। इन बीमारियों के बढ़ते मामले बड़ों के साथ-साथ बच्चों की भी आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ा रहे हैं। ऐसे में योग का सहारा लेकर आंखों की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

बरसात में आंखों की समस्या

  • कंजक्टिवाइटिस
  • वायरल इंफेक्शन
  • बैक्टीरियल इंफेक्शन
  • आंखों में एलर्जी

आंखों में इंफेक्शन

  • रेडनेस
  • ड्राईनेस
  • खुजली
  • पलकों में सूजन
  • आंखों में दर्द
  • लाल आंखें
  • स्वेलिंग
  • आंखों से पानी आना

आंखों के दुश्मन खराब लाइफस्टाइल

  • ऑनलाइन पढ़ाई-वर्क
  • रेडिएशन
  • पॉल्यूशन
  • कैटरेक्ट
  • ग्लूकोमा
  • मायोपिया

आंखों की रोशनी बढ़ाएं 

  • सुबह-शाम 30 मिनट प्राणायाम करें
  • अनुलोम-विलोम करें
  • 7 बार भ्रामरी करें

आंखों की रोशनी बढ़ाएं

  • ‘महात्रिफला घृत’ पीएं
  • 1 चम्मच दूध के साथ लें
  • दिन में दो बार खाने के बाद लें

आंखों की रोशनी बढ़ाएं 

  • एलोवेरा-आंवला का जूस पीएं
  • आंवला से आंखें तेज़ होती हैं

नजर होगी शार्प 

  • गुलाब जल में त्रिफला का पानी मिलाएं
  • मुंह में नॉर्मल पानी भरें
  • त्रिफला-गुलाब जल से आंखें धोएं

नजर होगी शार्प क्या खाएं?

  • किशमिश और अंजीर खाएं
  • 7-8 बादाम पानी में भिगोकर खाएं

चश्मा उतरेगा क्या खाएं?

  • बादाम, सौंफ और मिश्री लें
  • पीस कर पाउडर बना लें
  • रात को गर्म दूध के साथ लें

आंखों को दें आराम

  • आंखों में गुलाब जल डालें
  • साफ पानी से आंखें धोएं
  • आलू के टुकड़े आंखों पर रखें
  • खीरा काटकर पलकों पर रखें

आंखें देंगी साथ घरेलू इलाज

  • 1 चम्मच सफेद प्याज़ का रस
  • 1 चम्मच अदरक नींबू का रस
  • 3 चम्मच शहद
  • 3 चम्मच गुलाब जल
  • सभी को आंवले के रस में मिलाएं
  • दो-दो बूंद सुबह शाम आंखों में डालें

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सेहत

गर्म या ठंडा, वजन कम करने के लिए कौन सा पानी पिएं..

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5 जुलाई 2024:- आजकल स्ट्रेस के साथ-साथ लोग एक और चीज से परेशान हैं और ये है मोटापा. खानपान में दिक्कतों के चलते ज्यादातर लोग बढ़ते वजन से परेशान हो गए हैं. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं- लगभग सभी लोग मोटापे को कम करने की कोशिश में लगे रहते हैं. कुछ लोग तो वर्कआउट के साथ-साथ डाइट प्लान फॉलो करते हैं ताकि उनका वेट जल्दी कम हो.कई लोग ऐसे भी हैं, जो वेट लॉस करने के लिए गर्म पानी पीते हैं.ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट जसमीत कौर ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करके बताया है कि मोटापा कम करने के लिए कौन सा पानी पीना फायदेमंद होता है- गर्म या ठंडा. अगर आप भी पानी पीकर अपने वेट को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है.

ठंडे पानी के फायदे

एक्सपर्ट की मानें तो ठंडा पानी पीने से मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है. इसके साथ ही, ये शरीर को ताजगी देता है. ये शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ भूख को कंट्रोल करके वेट लॉस करने में मदद कर सकता है. हालांकि, ज्यादा ठंडा पानी पीने से भी परहेज करें.

गर्म पानी के फायदे

खाना खाने से पहले गुनगुना पानी पीने से पेट भरा हुआ महसूस करता है, इससे आप ओवरईटिंग से बचते हैं. इसके साथ ही, ये डाइजेशन में मदद करता और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है. ये शरीर में से टॉक्सिंस को निकालने में भी मदद करता है. इससे शरीर डिटॉक्सीफाई होता है.

कौन से पानी पिएं

एक्सपर्ट बताती हैं कि गर्म और ठंडा पानी पीने के अपने अलग-अलग फायदे हैं. दोनों ही वेट लॉस करने में मदद करते हैं. वेट लॉस करने के लिए आप गर्म या ठंडा पानी, दोनों में से किसी को भी पिया जा सकता है. वजन घटाने में दोनों के फायदों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है. हालांकि, एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि खुद को हाइड्रेट रखें. भरपूर मात्रा में पानी पिएं, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्ट होगा और वजन कम करने में आसानी होगी.

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