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नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से सर्किट हाउस के सामने परदा डालकर चल रहा अवैध निर्माण, सड़क की जमीन पर बना रहे मकान

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अनिता गर्ग अमन पथ (जिला) ब्यूरो रायगढ़/ दिनांक 16 जून: हाउसिंग बोर्ड की कहानी भी बड़ी अजीब है। अपनी जमीन पर किसी को भी कब्जा करने के लिए खुली छूट देता है। सडक़ से निश्चित दूरी छोडक़र प्लॉट बेचने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब सडक़ की ओर कब्ज़ा भी किया जा रहा है। यह सब हो रहा है सर्किट हाउस के ठीक सामने जहां सीएम से लेकर तमाम आला अधिकारी ठहरते हैं। नन्हें कदम के नाम से स्कूल खोलकर अब ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा चुका है।

अनियमित और अवैधानिक निर्माण के मामले में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियां सबसे आगे हैं। यहां कौन कितनी जमीन पर कितना निर्माण कर रहा है, किसी को कोई मतलब नहीं है। ऐसी ही दो कॉलोनियां सर्किट हाउस और केंद्रीय विद्यालय से लगी हुई है। रोड के दोनों ओर हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी है। वहीं सडक़ के बीच में भी बोर्ड ने जमीन आवंटित किए हैं। हाउसिंग बोर्ड ने यहां कई व्हाइट कॉलर लोगों को सस्ते दरों में मकान और जमीन दी। इसमें से एक सुनील रात्रे भी हैं, जिनकी बिल्डिंग में अब नन्हें कदम के नाम से प्ले स्कूल खोला गया है।

अब इस बिल्डिंग में एलाइट एकेडमी और एएसएस ट्रेनिंग एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खुल चुका है। यह पूरी बिल्डिंग एक व्यावसायिक परिसर में बदल चुका है। सवाल यह है कि आवासीय निर्माण की जमीन पर क्या व्यावसायिक अनुमति ली गई है। यह एक अलग मामला है। अब तो इस भवन ने अपना दायरा बढ़ा लिया है। पीछे की ओर अब अतिरिक्त निर्माण किया जा रहा है जो विधि विरुद्ध है। भवन के एक ओर चांदनी चौक की ओर जाने वाली सडक़ है तो दूसरी ओर सर्किट हाउस खर्राघाट रोड है। सडक़ की ओर भी निर्माण किया गया है, जबकि रोड से निश्चित दूरी छोडक़र ही निर्माण किया जाना है।

किसने दी निर्माण की अनुमति
इन दिनों नगर निगम में भवन निर्माण के नियमितिकरण के बजाय पुराने भवनों को भवन अनुज्ञा देने का नया चलन शुरू हुआ है। इसमें निगम के ही कुछ कर्मचारी शामिल हैं। पूर्व आयुक्त को अंधेरे में रखकर खूब मनमानी की गई है। सर्किट हाउस जैसे संवेदनशील जगह के सामने हो रहे निर्माण को किसने अनुमति दी है। एक-एक कर यह भवन पूरा व्यावसायिक कॉम्पलेक्स बन चुका है।

रोड के ठेले हटाने में ज्यादा रुचि
नगर निगम और राजस्व विभाग को ऐसे अवैध निर्माण देखने के लिए विशेष चश्मे की जरूरत पड़ती है। रोड किनारे के ठेले हटाने में इनको महारत हासिल है। सडक़ किनारे जीविकोपार्जन के लिए ठेला लगाने वाले गरीबों पर शक्ति प्रदर्शन कर वाहवाही लूटी जाती है, लेकिन जब सर्किट हाउस के सामने हो रहे निर्माण की तरह कोई मामला आता है तो सब सांठगांठ में लग जाते हैं।

क्या कहते हैं एसके शर्मा, ईई हाउसिंग : सुनील रात्रे को कितनी जमीन पर निर्माण की अनुमति दी गई थी और कितने में भवन बनाया जा रहा है, इसकी जानकारी मैं फाइल देखकर ही बता पाउंगा।

क्या कहती है महापौर जानकी काटजू :
हमें इसकी जानकारी नहीं है दिखाते हैं और यदि इस तरह का कुछ पाया गया तो कार्यवाही जरूर करेंगे।

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रमन सिंह का बड़ा बयान,विधायकों की सहमति से चुने जाएंगे सीएम

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रायपुर  : पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, विधायक दल की बैठक के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. यह तीनों पर्यवेक्षक विधायकों से सुझाव लेंगे. केंद्र की सहमति से विधायक दल का नेता चुनेंगे.

सीएम फेस को लेकर रमन सिंह ने कहा, अभी किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है. जब तक राय मशवरा नहीं होंगे तब तक कहना मुश्किल है. अभी सभी नाम चर्चा में है. लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार गठन किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में पिछले बार से बेहतर रिजल्ट आएंगे. 11 की 11 सीटें जीते इस बड़े लक्ष्य को लेकर सरकार का गठन किया जा रहा है.

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सीएम फेस का ऐलान जल्द,सरोज पांडेय पर्यवेक्षक बनाई गई

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रायपुर :  छग से सांसद सरोज पांडेय पर्यवेक्षक बनाई गई है. अब राजस्थान में जल्द ही सीएम फेस का ऐलान हो जाएगा। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बैठक कर रही है। ये सभी पर्यवेक्षक विधायकों से चर्चा करेंगे, इसके बाद तीनों राज्यों में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत संगठन के तमाम बड़े नेता पहुंचेंगे।

  • राजस्थान- राजनाथ सिंह, सरोज पांडेय
  • मध्य प्रदेश- मनोहर लाल खट्टर के लक्ष्मण
  • छत्तीसगढ़- सर्वानंद सोनीवाल अर्जुन मुंडा

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छत्तीसगढ़ी में शपथ ग्रहण हेतू राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन एम. ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन

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रिपोर्ट गोविंद तिवारी राजिम : छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता की संपर्क भाषा छत्तीसगढ़ी है,यह छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता की भाषा है और इसी भाषा के आधार पर छत्तीसगढ़ी राजभाषा का संवैधानिक दर्जा वर्ष 2007 में प्राप्त हो चुका है| एम.ए.छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन मीडिया प्रभारी खेमराज साहू ने बताया की जब 2007 में भाजपा के सरकार थे तब यह छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का संवैधानिक दर्जा मिला था और वर्तमान में भी भाजपा वाले अधिकतम निर्वाचित होकर आए है जिनका शपथ ग्रहण होना है तो छत्तीसगढ़ के सभी विधायकों से निवेदन है कि वे छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने मंत्री पद का शपथ ग्रहण करे इससे छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति का विस्तार व सम्मान मिलेगा|

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दर्जा मिले 15 वर्ष पूर्ण हो चुके है फिर भी इसे न ही भाषाई दर्जा मिला है और न ही शिक्षा के माध्यम में पाठ्यक्रम शुरू हुआ है, एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन द्वारा विभिन्न आयोजनों में छत्तीसगढ़ी भाषा का जनजागरण किया जा रहा है साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपा गया है|

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