सेहत
बार-बार इंफेक्शन हो सकती है शरीर में इस न्यूट्रिशयन की कमी, जानें कैसे पता लगाएं
हम हमेशा शरीर को स्वस्थ रखने के प्रोटीन, विटामिन्स और कैल्शियम की बात करते हैं लेकिन ऐसे कई खनिज तत्त्व है जो हमें हेल्दी रखने के लिए बेहद जरूरी हैं. इन्हीं में से एक महत्त्वपूर्ण खनिज है जिंक जो हमारी इम्यूनिटी के लिए बेहद जरूरी है इससे किसी भी घाव को भरने में बेहद कम समय लगता है साथ ही इसकी पूर्ति हमें कई इंफेक्शन से भी बचाती है. लेकिन बेहद कम लोग इस जरूरी न्यूट्रिशयन के बारे में जानते हैं. जिंक हमारे शरीर में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये हमें हेल्दी रखने के लिए बेहद जरूरी है. लेकिन कई बार लोगों को अपने आहार से इसकी पूरी मात्रा नहीं मिल पाती जिसकी वजह से शरीर में इस खनिज तत्त्व की कमी हो जाती है जिससे कई बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन आप शरीर में कई लक्षणों से इसकी कमी की पहचान कर सकते हैं.
शरीर में जिंक की कमी के 5 लक्षण
1. बार-बार संक्रमण होना- जिंक का सबसे अहम काम है आपकी इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखना जिससे आप किसी भी तरह के इंफेक्शन से बच सकें. लेकिन अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है जिससे सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियां बार-बार परेशान करती हैं. यदि आपको सामान्य से ज्यादा बार इस तरह के इंफेक्शन हो रहे हैं और इन्हें ठीक होने में लंबा समय लग रहा है तो आपको आपको अपने आहार में जिंक की मात्रा बढ़ानी चाहिए ताकि आपकी इम्यूनिटी बेहतर हो सके और आप इंफेक्शन के खतरे से बच सकें
2. घाव भरने में समय लगना- जिंक टिश्यू रिपेयर और नए टिश्यू बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में अगर आपको किसी चोट या घाव भरने में ज्यादा समय लग रहा है तो ये भी जिंक की कमी के कारण ऐसा हो सकता है इसके लिए आपको जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ड्राई फ्रूट्स, नट्स, बीज और साबुत अनाज शामिल करने चाहिए ताकि शरीर में जिंक की कमी को पूरा किया जा सके.
3. बालों का झड़ना- बालों के झड़ने की समस्या कई वजहों से होती है इसमें से एक कारण जिंक जैसे पोषक तत्व की कमी भी हो सकती है. जिंक बालों के जड़ों को स्वस्थ बनाता है और बालों के विकास के लिए भी सहायक है. जिंक की कमी से बाल बेजान और पतले हो जाते हैं जिसकी वजह से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं. अगर आप बिना किसी अन्य कारण बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप खाने में जिंक का सेवन बढ़ा सकते हैं. इसके लिए आप अपने आहार में मांस और फलियां शामिल कर सकते हैं.
4. भूख में कमी- भूख में कमी भी जिंक की कमी का एक मुख्य लक्षण है. दरअसल, जिंक विभिन्न एंजाइमों के उत्पादन में शामिल है जो पाचन को बढ़ाता है. इसके साथ ही अगर आपको खाने में स्वाद की कमी का अनुभव हो तो यकीनन ये जिंक की कमी का लक्षण है.
5.स्कीन संबंधी समस्याएं- जिंक की कमी की वजह से मुंहासे, एक्जिमा और सूखे पैचिस जैसी स्कीन समस्याएं हो सकती है. जिंक अपने इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी की वजह से स्कीन को स्वस्थ बनाए रखता है, इसकी कमी से स्कीन से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ जाती है. इसलिए इस तरह की परेशानी दिखने पर खाने में जिंक का सेवन जैसे कद्दू के बीज, बीन्स, छोले और सी फूड्स को शामिल करें.
सेहत
क्या मीठा खाने से होती है डायबिटीज? शुगर के मरीज गुड़ खा सकते हैं?
16 नवंबर 2024:- डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को असंतुलित कर देती है. डॉ. गीता श्रॉफ (डायरेक्टर न्यूबेला सेंटर फॉर वूमेन हेल्थ , नई दिल्ली) ने बताया कि अक्सर लोग सोचते हैं कि ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज हो जाती है, लेकिन असल में डायबिटीज सिर्फ चीनी खाने से नहीं होती, बल्कि यह शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करने से होती है. इंसुलिन वह हार्मोन है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करता है. डायबिटीज का कारण अनुवांशिकता, गलत खान-पान, और अनियमित जीवनशैली भी हो सकते हैं. डॉ. गीता श्रॉफ गुड़ को अक्सर चीनी से बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें कुछ नेचुरल तत्व होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को गुड़ खाने से भी परहेज करना चाहिए. हालांकि गुड़ चीनी की तरह प्रोसेस्ड नहीं होता, लेकिन यह भी एक तरह का शुगर ही है, जो ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है. इसलिए, डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को गुड़ से भी दूर रहने की सलाह देते हैं. अगर किसी को मीठा खाने की इच्छा हो तो वह डॉक्टर की सलाह से कुछ प्राकृतिक मिठास जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं
किन चीजों से करना चाहिए परहेज?
डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे-
1. मीठे और प्रोसेस्ड फूड: चीनी, गुड़, केक, कुकीज, कैंडीज, और मीठे पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूर रहें. इनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और ये तुरंत ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं.
2. तले-भुने और फैटी फूड्स: डायबिटीज के मरीजों को तले हुए और ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में रुकावट डाल सकते हैं.
3. सफेद आटा: सफेद आटे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, और पास्ता से दूर रहना चाहिए. ये फूड्स फाइबर कम और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो शुगर लेवल बढ़ाते हैं
डायबिटीज में क्या खाएं?
डायबिटीज के मरीजों को हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दलिया और फाइबर युक्त फूड्स अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करना, भरपूर पानी पीना और डॉक्टर की सलाह से दवाइया लेना भी जरूरी है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखना संभव है अगर आप अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान दें.
सेहत
सब्जी में तड़के का राजा है ये मसाला, कुछ दिन करें इसके पानी का सेवन दूर होगी गैस..
जयपुर. भारतीय रसोई में जीरा एक महत्वपूर्ण मसाला है, इसका उपयोग खाद्य सामग्रियों को बनाने में किया जाता है. यह छोटे, भूरे या हल्के भूरे रंग के बीज होते हैं, जो विशेष रूप से भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. आमतौर पर जीरे का उपयोग सब्जियों, दालों, चावल, और कढ़ी जैसे व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा जीरा पानी और छाछ में स्वाद बढ़ाने के लिए बेहद कारगर मसाला है. इसका उपयोग गरम मसाला, चाट मसाला आदि में भी किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या कम करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. इसके अलावा जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
जीरे का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि जीरे का पानी बनाने के लिए 1-2 चम्मच जीरा रात भर पानी में भिगो दें. इसके बाद इसे सुबह इसे उबालें और छान लें और इस पानी को खाली पेट पीने के अनेकों फायदे हैं. इसके अलावा रात भर भिगोए हुए जीरे को पत्थर पर पीसकर साथ में मिलाकर पीने से पेट में ठंडक मिलती है और इसका स्वाद भी दोगुना हो जाता है. इसके अलावा सूखे जीरे को पीसकर चूर्ण बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
जीरे के आयुर्वेदिक फायदे
जीरा को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि जीरा त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करता है और अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है.
1. पाचन सुधारने में सहायक: जीरा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करता है. इसके अलावा यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करता है.
2. वजन घटाने में मददगार: आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार, जीरा मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे अतिरिक्त वसा कम होती है. सुबह खाली पेट जीरा पानी पीने से वजन नियंत्रण में रहता है.
3. त्वचा के लिए फायदेमंद: जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखते हैं. इसके अलावा यह रक्त शुद्ध करता है और पित्त जनित त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है
3. इम्यूनिटी बूस्ट करना: जीरे में विटामिन सी और आयरन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा यह शरीर को संक्रमणों से बचाने में सहायक है.
4. मासिक धर्म की समस्याओं में राहत: जीरा मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है. इसका नियमित सेवन रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है.
5.श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी: जीरा कफ दोष को संतुलित करता है और श्वसन तंत्र की समस्याओं को दूर करता है. यह अस्थमा और खांसी में राहत देता है. इसके अलावा रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है. और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है.
सेहत
टमाटर अधिक खाने से बढ़ सकती है ये 4 दिक्कतें..
हममें से ज्यादातर लोगों को टमाटर खाना बहुत पसंद होता है. सब्जी हो या सलाद, टमाटर के बिना सब अधूरा है. हालांकि, आपने सुना होगा कि किसी भी चीज का अधिक सेवन हानिकारक होता है. इसी तरह से टमाटर भी खाने में जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदायक भी. टमाटर में विटामिन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद तो होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर नुकसानदायक भी हो सकते हैं.
एसिडिटी बढ़ सकती है
टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ज्यादा टमाटर खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है. इसलिए टमाटर सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है.
गैस की समस्या
अगर आप पेट में गैस की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको ज्यादा टमाटर का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आप गैस की समस्या से बचना चाहते हैं तो सीमित मात्रा में टमाटर खाएं.
हो सकती है पथरी
पथरी के मरीजों को भूलकर भी टमाटर नहीं खाना चाहिए. दरअसल, टमाटर के बीज पित्त पथरी का कारण बन सकते हैं। वहीं अगर आप टमाटर खाते हैं तो उसके बीज अलग करके खाएं.
सीने में जलन
टमाटर जितने फायदेमंद होते हैं उतने ही नुकसानदायक भी होते हैं. अगर आप इन्हें अधिक मात्रा में खाते हैं तो कई लोगों को सीने में जलन की समस्या हो सकती है, क्योंकि टमाटर में विटामिन सी होता है, जो गैस की समस्या को बढ़ा सकता है और सीने में जलन का कारण बन सकता है.
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