देश-विदेश
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, हरिद्वार-ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण हुआ बंद
चारधाम यात्रा पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बेहतर प्रबंधन और सुरक्षित यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को अनिवार्य पंजीकरण लागू कर दिया, जबकि फर्जी पंजीकरण के जरिए केदारनाथ यात्रा पर जाने के 9 प्रकरणों में मुकदमा दर्ज किया गया। 10 मई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक पहले 13 दिनों में 8,52,018 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में ‘ऑफलाइन’ पंजीकरण बंद कर दिया गया है और अब ‘ऑनलाइन’ पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा पर देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्थित, सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा को लेकर अत्यंत गंभीर हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी किया है, जिसमें उनसे पंजीकरण के बाद ही यात्रा पर आने का अनुरोध किया गया है। एडवाइजी में कहा गया है कि बिना पंजीकरण के आने पर उन्हें ‘बैरियर’ या ‘चेक प्वॉइंट’ पर रोका जा सकता है और इससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
निर्धारित तिथि पर ही यात्रा पर आएं
यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि पंजीकरण होने पर वे निर्धारित तिथि पर ही यात्रा पर आएं और जिस धाम के लिए पंजीकरण करवाया है, उसी मार्ग पर जाएं। एडवाइजरी में यात्रा कराने वाले ‘टूर एवं ट्रेवल’ एजेंसियों से भी यह सुनिश्चित कर लेने को कहा गया है कि यात्रियों ने पंजीकरण कराया है या नहीं और श्रद्धालुओं को लेकर जा रहे यात्री वाहन को ‘ट्रिप कार्ड’ जारी किया गया है या नहीं। इस बीच, रूद्रप्रयाग पुलिस ने जांच के दौरान मिले फर्जी पंजीकरणों के 9 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है। इन प्रकरणों में फर्जी पंजीकरण पर केदारनाथ यात्रा पर आने और बाद की तिथियों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा कर मई की तिथि दर्शाने के प्रकरण शामिल हैं।
रूद्रप्रयाग में 9 मुकदमे दर्ज किए गए
रूद्रप्रयाग की पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने कहा कि इस संबंध में कोतवाली रूद्रप्रयाग में बुधवार को 9 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ में पता चला है कि हरिद्वार और ऋषिकेश में कुछ ‘टूर एवं ट्रेवल्स’ एजेंसियों और अन्य लोगों ने इन लोगों को धोखे से फर्जी पंजीकरण उपलब्ध कराया था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की जानकारी ले ली गई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इन मामलों की विवेचना की जाएगी और पंजीकरण फर्जीवाड़ा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खबरे छत्तीसगढ़
नव पदस्थ थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू से पत्रकारों ने की सौजन्य मुलाकात
अनिता गर्ग अमन पथ ब्यूरो,रायगढ़ : खरसिया नए थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू से पत्रकारों ने की मुलाकात नव पदस्थ थाना प्रभारी के पदभार लेने पर अखिल पत्रकार संघ अध्यक्ष नयनानंद वैष्णव, उपाध्यक्ष जयप्रकाश डनसेना, टंकेश्वर राठौर, जैकी चौहान, विद्या चौहान, किशोर चौहान सहित सौजन्य भेट कर पुष्प गुच्छ दे स्वागत अभिनंदन और शुभकामनाएं दी और क्षेत्र के बारे में औपचारिक चर्चा परिचर्चा हुई।
देश-विदेश
राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल, कहा- यह ब्लैक बॉक्स है, किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला दिया और ईवीएम पर सवाल खड़े किए।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा- ‘भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।’
रविंद्र वायकर से जुड़ी खबर को किया शेयर
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
48 वोटों से जीते थे रविंद्र वायकर
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
EVM को लेकर एलन मस्क का पोस्ट
दरअसल, एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। क्यों मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है।मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की पोस्ट को रिपोस्ट किया है। रॉबर्ट एफ कैनेडी ने अपनी पोस्ट में ईवीएम को लेकर गडबड़ियों का उल्लेख किया था।
देश-विदेश
NEET परीक्षा गड़बड़ी मामले में बोले कपिल सिब्बल-ये तो सरासर भ्रष्टाचार है…मैं हैरान हूं
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने NEET की गड़बड़ी के लिए पूर्ववर्ती यूपीए सरकारों को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि “वर्तमान राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण ने गड़बड़ी की है। जिस तरह का भ्रष्टाचार दिखाया गया है, उससे मैं तो हैरान हूं। जब भी वर्तमान सरकार के तहत ऐसा कुछ होता है, तो वे पिछली यूपीए को दोष देना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि NEET विनियमन 2010 में पेश किया गया था। यह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन था, शिक्षा मंत्रालय के अधीन नहीं।
सिब्बल ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक स्वतंत्र निकाय है। फिर 2010 में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा का विनियमन पेश किया। उस विनियमन को रिट याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि MCI के पास कोई विधायी क्षमता नहीं है। 2014 में, समीक्षा की अनुमति दी गई और सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश को वापस ले लिया गया। 2016 में भाजपा सत्ता में आई और इस (NDA) सरकार ने धारा 10D पेश की और भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 में संशोधन किया और धारा 10D नामक एक नई धारा पेश की। मेडिकल काउंसिल अधिनियम पारित किया गया। इसमें NEET परीक्षा के लिए एक नई धारा 14 शामिल थी। सुप्रीम कोर्ट ने कानून को बरकरार रखा। इसका यूपीए से कोई लेना-देना नहीं है।”
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि “यह मुद्दा नीट परीक्षा का मुद्दा नहीं है, मुझे लगता है कि मुद्दा उस तरह का भ्रष्टाचार है जो हो रहा है। हमने उत्तर प्रदेश में ऐसा होते देखा है. जिस तरह का पेपर लीक यूपी में हुआ, वैसा हम पूरे देश में होते हुए देख रहे हैं। यदि किसी परीक्षा में परीक्षण प्रणाली भ्रष्ट हो जाती है, तो प्रधान मंत्री के लिए चुप रहना और चुप रहना वास्तव में अच्छा नहीं है। ”
तमिलनाडु शुरू से ही विरोध कर रहा है
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि “इस देश के नागरिक के रूप में, मुझे लगता है कि इस देश की जटिलता ऐसी है कि किसी भी तरह की एकरूपता एक निश्चित वर्ग के लोगों के पक्ष में जाती है। तमिलनाडु राज्य शुरू से ही NEET परीक्षा का विरोध कर रहा है। यह उनकी चिंताओं में से एक है जिसे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्त किया है और इसके बारे में कुछ कहा जाना चाहिए क्योंकि परीक्षा सीबीएसई पाठ्यक्रमों पर आधारित है और इसलिए यह उन स्कूलों के छात्रों के पक्ष में है जिनमें सीबीएसई परीक्षा है। बहुत सारे स्थानीय बोर्ड हैं जिनमें सीबीएसई नहीं है।”
शाहनवाज ने दिया जवाब
वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि “कांग्रेस बयानबाजी कर रही है और लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। NEET परीक्षा में बैठने वालों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और हमारी सरकार ऐसा कर रही है।”
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