देश-विदेश
भारत के लिए रूस ने खोली सस्ते तेल की टंकी…
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रूस:- जब-जब भी भारत को मुसीबत में किसी दोस्त की जरुरत पड़ी है, तब—तब रूस सबसे पहले निकलकर सामने आया है. सस्ते तेल की बात जब आई तो रूस बीते दो साल से भारत का साथ लगातार दे रहा है. वैसे बीते कुछ समय से रूसी तेल की हिस्सेदारी भारत के तेल बास्केट में कम हुई थी लेकिन अप्रैल के महीने में इंटरनेशनल मार्केट में तेल महंगा होने की वजह से रूसी तेल की भारत में आवक फिर से 40 फीसदी पर आ गई. खास बात तो ये है अप्रैल के महीने में मिडिल ईस्ट देशों से लेकर अमेरिका तक की सप्लाई में अप्रैल के महीने में काफी कमी देखने को मिली है. वास्तव में इंडियन रिफाइनरीज को कच्चे तेल की खरीद की एवरेज कॉस्ट कम करने के लिए रूस से सप्लाई बढ़ानी पड़ी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कच्चे तेल के इंपोर्ट को लेकर किस तरह के आंकड़ें सामने आए हैं.
कितना लिया रूसी तेल
एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के अनुसार रूस ने भारतीय कच्चे तेल के आयात में अपनी हिस्सेदारी मार्च में 30 फीसदी से बढ़ाकर अप्रैल में लगभग 40 फीसदी कर दी है. वैसे ये आंकड़ा पिछले साल जुलाई में 42 फीसदी के अपने लाइफ टाइम हाई से कम है. भारतीय रिफाइनर्स ने अप्रैल में रूस से प्रति दिन 1.78 मिलियन बैरल (एमबी/डी) कच्चे तेल का इंपोर्ट किया, जो मार्च से 19 फीसदी अधिक है. यह अप्रैल में चीन के 1.27 मिलियन बैरल (एमबी/डी) और यूरोप के 396,000 बैरल प्रति दिन (बीपी/डी) रूसी कच्चे तेल के इंपोर्ट से ज्यादा हो गया. खास बात तो ये है कि अप्रैल में रूस ने इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात – की तुलना में भारत को अधिक तेल की सप्लाई की है.
मिडिल ईस्ट से कम किया इंपोर्ट
हालांकि, भारत का कुल क्रूड ऑयल इंपोर्ट आयात अप्रैल में महीने-दर-महीने 8 फीसदी गिरकर 4.5 mb/d हो गया. दूसरे सबसे बड़े सप्लायर, इराक से इंपोर्ट 31 फीसदी गिरकर 776,000 बैरल प्रति दिन (बीपी/डी) हो गया. वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब से सप्लाई 6 फीसदी गिरकर 681,000 बैरल/दिन हो गई. भारत को यूएई का निर्यात 40 फीसदी गिरा और अमेरिका से निर्यात 15 फीसदी कम हो गया. भारतीय इंपोर्ट में इराक की हिस्सेदारी मार्च के 23 फीसदी से गिरकर अप्रैल में 17 फीसदी हो गई, जबकि संयुक्त अरब अमीरात की हिस्सेदारी 9 फीसदी से घटकर 6 फीसदी हो गई. अप्रैल में रूस की हिस्सेदारी 2023-24 के औसत 35 फीसदी से ज्यादा थी.
क्यों लेना पड़ा रूसी तेल
वोर्टेक्सा की विश्लेषक सेरेना हुआंग ने कहा कि अप्रैल में भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. फरवरी/मार्च में उच्च रूसी कच्चे तेल के निर्यात के साथ-साथ चीनी रिफाइनर्स द्वारा कम इंपोर्ट ने भी ने भारतीय रिफाइनर्स को ज्यादा कच्चा तेल अवेलेबल हो सका. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने के कारण भारत की रिफाइनरीज में रूसी कच्चे तेल की डिमांड मं इजाफा हो गया है. इसका प्रमुख कारण ये है कि कच्चे तेल के महंगा होने के कारण भारतीय रिफाइनर के मुनाफे में असर डाल रहा है. देश के टॉप रिफाइनर इंडियन ऑयल के चौथी तिमाही के मुनाफे में 52 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम फिजिकल डिमांड और सप्लाई स्टेटस और जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह प्रीमियम पर है.
कितना सस्ता मिल रहा कच्चा तेल
दूसरी ओर रूसी क्रूड, फ्री-ऑन-बोर्ड बेस पर ब्रेंट के मुकाबले 7-8 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर उपलब्ध है. बंदरगाह पर डिलीवरी के आधार पर छूट लगभग 2-3 डॉलर प्रति बैरल तक सीमित हो जाती है, जो भारतीय रिफाइनरों द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद का पसंदीदा तरीका है. अप्रैल और मार्च दोनों में भारत की रूसी तेल खरीद में यूराल की हिस्सेदारी 89 फीसदी थी. प्राइवेट सेक्टर के रिफाइनर – रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी – ने अप्रैल में सभी रूसी कच्चे तेल इंपोर्ट का 45 फीसदी हिस्सा लिया. नायरा एनर्जी का आंशिक स्वामित्व रूसी ऊर्जा दिग्गज रोसनेफ्ट के पास है.
देश-विदेश
4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े
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बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।
5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना
पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।
सोने-चांदी के आज के भाव
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।
खेल
बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला
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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।
भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट
बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था, जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।
खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया कहर
इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।
निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी
बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।
देश-विदेश
मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर
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सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.
महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा
लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.
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