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टीम इंडिया को जल्द मिल सकता है नया हेड कोच, जय शाह ने किया खुलासा
भारतीय क्रिकेट टीम जून के महीने में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार है। टूर्नामेंट के लिए भारतीय स्क्वॉड का भी ऐलान कर दिया गया है। इसी बीच एक अपडेट सामने आई है। जिसमें बीसीसीआई सचिव जय शाह ने इस बात की जानकारी दी है कि टीम इंडिया को जून के बाद नया हेड कोच मिल सकता है। बुधवार को मुंबई में जय शाह ने खुलासा किया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड जल्द ही एक नए कोच के लिए विज्ञापन जारी करेगा। दरअसल इस वक्त राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के हेड कोच हैं, लेकिन उनका कार्यकाल जून तक का है। ऐसे में टीम इंडिया अभी से ही हेड कोच की तलाश में लगी हुई है, ताकि समय से इस पद के लिए किसी सही व्यक्ति को चुना जा सके।
भारत को मिल सकता है नया हेड कोच
बीसीसीआई सचिव ने कहा कि राहुल का कार्यकाल केवल जून तक है। इसलिए यदि वह आवेदन करना चाहते हैं, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोचिंग स्टाफ के अन्य सदस्यों, जैसे बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कोच का चयन नए कोच के सलाह के बाद किया जाएगा। शाह ने विदेशी कोच की संभावना से इनकार नहीं किया और इस मुद्दे को लेकर कुछ खास जवाब नहीं दिया। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि हम यह तय नहीं कर सकते कि नया कोच भारतीय होगा या विदेशी। यह सीएसी पर निर्भर करेगा और हम एक अंतरराष्ट्रीय संस्था हैं।
उन्होंने संकेत दिया कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए बोर्ड अलग-अलग कोचों पर विचार करने की संभावना नहीं है। यह फॉर्मूला इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे बोर्डों द्वारा अपनाई गई है। शाह ने पुष्टि की है कि नए कोच को लंबी अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा और वह शुरुआती तीन साल की अवधि के लिए काम करेंगे।
इंपैक्ट प्लेयर नियम पर शाह का बयान
शाह ने इंडियन प्रीमियर लीग में इम्पैक्ट प्लेयर नियम को जारी रखने पर भी अपनी राय रखी है और कहा कि इस पर फैसला कप्तानों और कोचों के साथ परामर्श के बाद किया जाएगा। हालाँकि, उन्होंने उस नियम के महत्व पर जोर दिया, जो दो अतिरिक्त भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल टीम की प्लेइंग 11 में रहने की अनुमति देता है। उनसे जब यह कहा गया कि इस नियम से ऑलराउंडरों को नुकसान हो सकता है, तो उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे दो नए भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल में मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम इम्पैक्ट प्लेयर नियार को जारी रखने पर निर्णय लेने से पहले सभी फ्रेंचाइजियों के साथ चर्चा करेंगे। यह स्थायी नहीं है, लेकिन किसी ने भी नियम के खिलाफ प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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करीना कपूर को हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
करीना कपूर खान को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। एक्ट्रेस करीना की एक किताब के टाइटल को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ गया है। इस किताब की वजह से वह बड़ी मुश्किल में फंस गई हैं। एक्ट्रेस ने जुलाई 2021 में अपनी किताब ‘करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबिल: द अल्टीमेट मैनुअल फॉर मॉम्स-टू-बी’ को लॉन्च किया था। अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की याचिका पर करीना कपूर खान को नोटिस भेजा है। एक्ट्रेस इस किताब के नाम को लेकर कानूनी पचड़े में फंस गई हैं। इतना ही नहीं वकील ने किताब के टाइटल पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि करीना ने एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। करीना कपूर खान की किताब ‘प्रेग्नेंसी बाइबिल’ को लेकर हो रहे इस विवाद ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है।
कानूनी पचड़े में फंसी करीना कपूर
करीना कपूर ने अपनी प्रेग्नेंसी की किताब के टाइटल में ‘बाइबिल’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिस को लेकर विवाद हो रहा है। अब वकील ने किताब के टाइटल में इस शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है। हाई कोर्ट ने करीना कपूर समेत अन्य लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं क्रिस्टोफर एंथोनी ने अपनी याचिका में कहा कि किताब के टाइटल से ईसाइयों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
करीना संग इन्हें भी मिला नोटिस
इस याचिका में करीना कपूर खान के अलावा अदिति शाह भीमजियानी, अमेजान इंडिया, जगरनाट बुक्स को भी पक्षकार बनाया गया है। वकील क्रिस्टोफर एंथोनी ने हाई कोर्ट में करीना कपूर के खिलाफ मामला दायर कर उनपर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। साथ ही याचिकाकर्ता ने इस किताब पर बैन लगाने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता किस्टोफर एंथोनी ने दलील देते हुए कहा कि करीना कपूर की किताब में ‘बाइबिल’ जोड़ने से ईसाई धर्म के लोगों को तकलीफ हुई है, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
करीना कपूर की किताब पर छिड़ा विवाद
एंथोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने करीना कपूर खान को नोटिस भेज है। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। बता दें कि करीना कपूर ने इस किताब में अपनी प्रेग्नेंसी जर्नी के बारे में बताया है। करीना कपूर खान के साथ इस किताब को अदिति शाह भिंजयानी ने लिखा है।
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रणबीर कपूर के बाद अब सलमान खान की हीरोइन बनेगी ये हसीना
हाल ही में ‘एनिमल’ और ‘पुष्पा’ जैसी सुपरहिट फिल्में देने के बाद अब रश्मिका मंदाना फिर से दर्शकों को रिझाने के लिए आने वाली हैं। रश्मिका मंदाना अब सलमान खान की ‘सिकंदर’ में लोगों एंटरटेन करती दिखेंगी। एक्ट्रेस अपनी क्यूटनेस और कमाल की एक्टिंग से पहले नेशनल क्रश बन चुकी हैं और अब वो एक बार फिर लोगों के दिल पर राज करने के लिए रेडी हैं। सलमान और रश्मिका की अनोखी जोड़ी फैन्स को ईद 2025 में देखने को मिलेगी। इस फिल्म को लेकर पहले से लोगों के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रोडक्शन हाउस ने सोशल हैंडल पर ऑफिशियल तौर पर फिल्म में रश्मिका की एंट्री का ऐलान भी कर दिया है।
सलमान खान और साजिद नाडियाडवाला की जोड़ी फिर आई साथ
‘सिकंदर’ को बनाने के लिए सलमान खान और साजिद नाडियाडवाला की जोड़ी को फिर से साथ आई है। इन्होंने इससे पहले ‘किक’, ‘जुड़वा’ और ‘मुझसे शादी करोगी’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में साथ काम किया था। इसके अलावा, ए.आर. मुरुगडोस, जिन्हें ‘गजनी’ और ‘हॉलिडे: ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’ जैसी बेहतरीन फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है इस प्रोजेक्ट में कमाल का काम करेंगे।
यहां देखें पोस्ट
फिल्म की शूटिंग भी शुरू
‘सिकंदर’ टाइटल ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। फिल्म के अनाउंसमेंट के बाद से ही इसकी चर्चा है। फिल्म की रिलीज डेट भी अभी से बता दी गई है। फिल्म की बाकी कास्ट का अभी खुलासा नहीं हुआ है। वैसे बता दें, फिल्म की शूटिंग भी सलमान खान ने आज से शुरू कर दी हैं। उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वो अपनी एक फैन के साथ सेट पर पोज देते नजर आ रहे हैं।
इन फिल्मों में नजर आएंगी रश्मिका मंदाना
बता दें, आखिरी बार सलमान खान ‘टाइगर 3’ में कटरीना कैफ के साथ नजर आए थे। बात करें रश्मिका मंदावना की तो वो रणबीर कपूर के साथ ‘एनिमल’ में नजर आई थीं। अब वो जल्द ही धनुष के साथ ‘कुबेर’, ‘रेनबो’, ‘द गर्लफ्रेंड’ के अलावा सुकुमार की ‘पुष्पा 2: द रूल’ में नजर आएंगी।
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आप एक व्यक्ति के जीने के अधिकार को छीन रहे हैं… केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई फटकार
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई है।
सुनवाई के दौरान ED की तरफ से ASG एसवी राजू ने पहले बोलना शुरू किया। एसवी राजू ने कहा कि इस मामले में हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से 100 करोड़ रुपये का नकद लेनदेन हुआ था। कोर्ट ने ASG राजू से पूछा कि सौ करोड़ रुपए की रिश्वत दो सालों में 1100 करोड़ रुपए कैसे हो गई? इस पर राजू ने कहा कि इससे शराब कंपनियों ने 900 करोड़ का मुनाफा कमाया। ASG राजू ने बताया कि तथ्यात्मक रूप से बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है। उन्हें याचिकाकर्ता के पक्ष में नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिया गया बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया एक स्वतंत्र बयान होता है। जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पूछा कि इस मामले में सबसे पहले किसी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी कब हुई थी। इस पर राजू ने कहा कि पहली गिरफ्तारी 9 मार्च को हुई थी।
कोर्ट ने कहा- 2 सालों से चल रही जांच
जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी के वकील ASG राजू की दलीलों पर सवाल किया कि जिन बयानों के हवाले से आप जो कह रहे हैं वो संभवत: आपकी कल्पना हो सकता है कि किकबैक दिया गया। इस पर ASG राजू ने कहा कि हम अपनी जांच को इन बयानों के आधार पर आगे बढ़ा रहे हैं। हमे उसमें कामयाबी भी मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ED से केस की फाइल मांगी। इसके साथ ही ECIR रजिस्टर होने शरद शेट्टी की गिरफ्तारी और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के बाद के दस्तावेज भी मांगे। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की फाइल भी ED से मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की 2 सालों से जांच चल रही है। ये किसी भी जांच एजेंसी के लिए सही नहीं है कि 2 सालों तक इस तरह जांच चले।
केजरीवाल ने की 100 करोड़ की डिमांड
जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पूछा कि क्या राजनीतिक कार्यकारिणी भी नीति बनाने में शामिल थी? कोर्ट ने कहा कि हमारी चर्चा का दायरा ईडी की धारा 19 के कार्यान्वयन तक है। क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी में धारा 19 के प्रावधानों का पालन किया गया या नहीं! आप इस बारे में कोर्ट को बताएं। ASG राजू ने कहा कि हमें पता चला कि अरविंद केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान गोवा में एक 7 सितारा होटल में रुके थे। उनके खर्च का कुछ हिस्सा उस व्यक्ति ने चुकाया था जिसने नकद पैसे लिए थे। यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। ASG राजू ने कहा कि हम दिखा सकते हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ की मांग की। शुरुआती चरण में केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित नहीं था जांच एजेंसी उस पर ध्यान नहीं दे रही थी जांच आगे बढ़ी तो भूमिका स्पष्ट हो गई। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दोषमुक्त करने वाला एक भी बयान नहीं है। अगर हम शुरू में ही केजरीवाल के बारे में पूछना शुरू कर देते तो इसे दुर्भावना कहा जाता केस को समझने में समय लगता है बातों की पुष्टि करनी होती है।
जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि बयानों में केजरीवाल का नाम पहली बार कब लिया गया? इस पर ASG राजू ने कहा कि 23 फरवरी 2023 को बुची बाबू के बयान में पहली बार इनका नाम सामने आया। ASG राजू ने कहा कि किसी को यह मानने की जरूरत नहीं है कि गवाह ने जो कुछ भी जांच अधिकारी को जो बताया है वह जांच एजेंसी को गुमराह कर सकता है, इसलिए जांच इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि हम पहले आरोपी तक पहुंचें। इसमें कई बाधाएं हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा कि वो चार आरोपियों के बयान जो अरविंद के खिलाफ दिए गए थे। उनके नाम और तारीख के साथ हमें दें।
सभी तथ्यों को देखा जाना चाहिए: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने ED से बड़ा सवाल किया। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि यदि ऐसी सामग्री है जो दोषी की ओर इशारा करती है और अन्य जो दोषी ना होने की ओर इशारा करती है, तो क्या आप चुनिंदा रूप में कुछ सामग्री को ही ले सकते हैं? इस पर एसजी राजू ने कहा कि यह जांच अधिकारी पर निर्भर करता है। जस्टिस दत्ता ने कहा कि यह एक प्रशासनिक कार्य है? आपको दोनों में संतुलन बनाना होगा। एक भाग को बाहर नहीं कर सकते। आप एक व्यक्ति के जीने के अधिकार को छीन रहे हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि सभी तथ्यों को देखा जाना चाहिए। गिरफ्तारी का मानक बहुत ऊंचा होता है।
राजनीतिक लोगों से अलग व्यवहार नहीं कर सकते
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि चुनाव का मौसम है, ये असाधारण स्थिति है, वो दिल्ली के CM हैं, इनके खिलाफ कोई केस नहीं हैं। जस्टिस संजीव खन्ना के बयान पर विरोध जताते हुए SG तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि क्या कोई सीएम है ऐसा नहीं हो सकता। क्या हम राजनेताओं के लिए अपवाद बना रहे हैं? क्या चुनाव के लिए प्रचार करना ज़्यादा महत्वपूर्ण होगा? जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह अलग बात है। चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं। हमें यह पसंद नहीं है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि राजनीतिक लोगों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता और हम इसपर सहमत हैं। ASG ने कहा कि लेकिन देखा जाए तो गिरफ्तारी सही थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप देखिए, हम सर्वोच्च न्यायालय में हैं हम कह सकते हैं कि गिरफ्तारी सही थी और फिर भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं और फिर खुद को सुधार सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं: कोर्ट
जस्टिस खन्ना ने कहा कि 9 समन और 6 महीने तक वो जांच एजेंसी के पास पेश नहीं हुए हैं, वो भी हम रिकॉर्ड पर ले रहे हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मान लीजिए अगर हम फैसला सुरक्षित रखते हैं वो हमें सुनाना होगा। लेकिन ये भी देखना होगा की ये पीरियड वापस नहीं होगा। हम असाधारण मामले में अंतरिम जमानत देते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। बता दें कि फिलहाल अब इस मामले में दोपहर 1 बजे सुनवाई होगी।
क्या है मामला
बता दें कि केजरीवाल को इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध उनकी याचिका पर जवाब मांगा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं।
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