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मणिपुर में लीबिया, सीरिया जैसे हालत”, रिटायर्ड जनरल ने बयां किया दर्द, तो पूर्व आर्मी चीफ ने PM से की अपील

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पूर्वोतर राज्य मणपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। 3 मई से राज्य के कई हिस्से में हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। केंद्र और राज्य की ओर से शांति की अपील के बाद भी यहां मैतेई और कुकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा जारी है। इस बीच, पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश मलिक ने मणिपुर को लेकर हाई लेवल पर तत्काल ध्यान देने की अपील की है।

पूर्व आर्मी चीफ ने क्या कहा?

पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश मलिक ने मणिपुर में रहने वाले एक पूर्व सैन्य अधिकारी निशिकांत सिंह के ट्वीट की तरफ सरकार का ध्यान दिलाया है। उन्होंने मणिपुर की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हाई लेवल पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया है।

राज्य अब स्टेटलेस है-  पूर्व सैन्य अधिकारी

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह ने ट्वीट किया, “मैं मणिपुर का एक साधारण नागरिक हूं, जो सेवानिवृत होने के बाद अपनी जिंदगी जी रहा हूं। राज्य ‘अब स्टेटलेस’ है। जीवन और संपत्ति कोई भी किसी समय खत्म कर सकता है, जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया में हो रहा है। ऐसा लगता है कि मणिपुर को उसके अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन रहा है?”

गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई को कुकी जनजातीय समुदाय की रैली के बाद हिंसा भड़क गई थी। ये रैली राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के विरोध में बुलाई गई थी। राज्य में अब तक हिंसा के चलते 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 10 हजार से ज्यादा लोगों के घर जलाए जा चुके हैं। इसके अलावा इस हिंसा से मणिपुर में भारी मात्रा में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।

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देश-विदेश

मध्य प्रदेश और राजस्थान में शुरुआती रूझानों में बीजेपी को बहुमत

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2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में वोटिंग संपन्न हो चुकी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में आज मतगणना का दिन है जबकि मिजोरम में 4 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी एवं कांग्रेस के बीच जोरदार लड़ाई देखने को मिल सकती है जबकि तेलंगाना में BRS और कांग्रेस के बीच असली मुकाबला होगा।

राजस्थान की सभी 199 सीटों के रूझान सामने आ चुके हैं। 107 सीटों पर बीजेपी आगे है और रूझानों में बहुमत का आंकडा़ पार कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस ने 88 और अन्य से 4 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है।

मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के रूझान सामने आ चुके हैं। 132 सीटों पर बीजेपी और 96 सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बनाई हुई है। 2 सीटों पर अन्य आगे हैं। इस तरह देखा जाए तो रूझानों में बीजेपी को बहुमत मिल चुका है।

 

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देश-विदेश

फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 7.5 की तीव्रता, सुनामी की चेतावनी जारी

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फिलीपींस की धरती भूकंप के तेज झटकों से हिल उठी है। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के मुताबिक इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.5 मापी गई है। भूकंप की तीव्रता के मद्देनजर सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। भूकंप का केंद्र 63 किमी (39 मील) गहराई में था।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रात 8 बजकर 7 मिनट पर भूकंप के तेज झटकों से फिलीपींस की धरती हिल उठी। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि लोगों में दहशत फैल गई और लोग अफरा-तफरी में इमारतों से बाहर निकल पड़े। फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

ऊपरी इलाकों में जाने की सलाह

भूकंप की तीव्रता को देखते हुए दक्षिणी फिलीपीन और इंडोनेशिया, पलाऊ और मलेशिया के कुछ हिस्सों में सुनामी आने की आशंका है। फिलीपीन की एक सरकारी एजेंसी ने मिंडानाओ के पूर्वी तट पर सुरिगाओ डेल सुर और दावो ओरिएंटल प्रांतों के लोगों को तुरंत ऊपरी इलाकों में जाने की सलाह दी है।

पिछले महीने भी आया था भूकंप

बता दें कि पिछले महीने भी फिलीपिंस में तेज भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई थी। यह भूकंप फिलीपींस के दक्षिणी सिरे पर बुरियास से 26 किलोमीटर (16 मील) दूरी पर आया।  भूकंप का केंद्र 78 किलोमीटर (48 मील) गहराई में था।

फिलीपींस में अक्सर आते हैं भूकंप

दरअसल, प्रशांत ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित होने के कारण फिलीपींस में अक्सर भूकंप आते हैं और ज्वालामुखी विस्फोट होता है। ‘रिंग ऑफ फायर’ धनुष के आकार की वह रेखा है जो प्रशांत महासागर के उस हिस्से में हैं जहां सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं।

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क्राइम

क्या महिला पर भी रेप का मामला दर्ज किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

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सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार करने पर सहमत हो गया कि क्या किसी महिला पर बलात्कार का मामला दर्ज किया जा सकता है? दरअसल, एक बुजुर्ग महिला ने बलात्कार के मामले में अग्रिम जमानत याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस मामले में उसका बेटा भी आरोपी है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से 61 वर्षीय महिला की याचिका पर जवाब देने को कहा है, जिसे उसकी बहू द्वारा दर्ज कराये गये मामले में नामजद किया गया है। अब इस मुद्दे की समीक्षा के लिए सहमत होते हुए, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने महिला को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया और उसे जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने महिला को दिया गिरफ्तारी से संरक्षण

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है। चार सप्ताह में इसका जवाब दिया जाना चाहिए। इस बीच, याचिकाकर्ता महिला को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाता है। लेकिन उनसे अपराध की जांच में सहयोग की उम्मीद की जाती है।’’ शुरुआत में, बुजुर्ग महिला की ओर से पेश हुए वकील ऋषि मल्होत्रा ने दलील दी कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(एन) (बार-बार बलात्कार) के आरोप को छोड़कर प्राथमिकी में अन्य सभी दंडात्मक धाराएं जमानती हैं। इस धारा के तहत दोषसिद्धि पर कम से कम 10 साल की कैद का प्रावधान है और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए महिला के वकील मल्होत्रा ने कहा कि किसी महिला पर बलात्कार का आरोप नहीं लगाया जा सकता। मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता बहू शुरू में महिला के अमेरिका में रह रहे बड़े बेटे के साथ संपर्क में थी, लेकिन वे कभी व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले थे। बुजुर्ग महिला के पति का निधन हो चुका है। प्राथमिकी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने एक वर्चुअल तरीके से आयोजित विवाह समारोह में महिला के बेटे के साथ विवाह कर लिया और इसके बाद महिला के साथ रहना शुरू कर दिया।

लेकिन बाद में महिला का छोटा बेटा पुर्तगाल से उनसे मिलने आया। महिला ने दावा किया है कि उसके छोटे बेटे के आने के बाद शिकायतकर्ता बहू और उसके परिवार ने उस पर उसके बड़े बेटे के साथ इस विवाह को समाप्त करने का दबाव डाला। जब छोटा बेटा पुर्तगाल जाने वाला था, तो शिकायतकर्ता बहू ने जोर देकर कहा कि वह उसे अपने साथ ले जाए, लेकिन वह अकेला ही चला गया।

बहू ने देवर और सास पर लगाए रेप के आरोप

मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार जब दोनों परिवारों के बीच तनाव बढ़ गया, तो एक समझौता हुआ और महिला ने बहू को अपने बड़े बेटे के साथ शादी खत्म करने के लिए 11 लाख रुपये दिए। इसके बाद बहू ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और बुजुर्ग महिला और उसके छोटे बेटे के खिलाफ बलात्कार और अन्य आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई।

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