सेहत
टमाटर अधिक खाने से बढ़ सकती है ये 4 दिक्कतें..
हममें से ज्यादातर लोगों को टमाटर खाना बहुत पसंद होता है. सब्जी हो या सलाद, टमाटर के बिना सब अधूरा है. हालांकि, आपने सुना होगा कि किसी भी चीज का अधिक सेवन हानिकारक होता है. इसी तरह से टमाटर भी खाने में जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदायक भी. टमाटर में विटामिन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद तो होते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर नुकसानदायक भी हो सकते हैं.
एसिडिटी बढ़ सकती है
टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ज्यादा टमाटर खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है. इसलिए टमाटर सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है.
गैस की समस्या
अगर आप पेट में गैस की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको ज्यादा टमाटर का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आप गैस की समस्या से बचना चाहते हैं तो सीमित मात्रा में टमाटर खाएं.
हो सकती है पथरी
पथरी के मरीजों को भूलकर भी टमाटर नहीं खाना चाहिए. दरअसल, टमाटर के बीज पित्त पथरी का कारण बन सकते हैं। वहीं अगर आप टमाटर खाते हैं तो उसके बीज अलग करके खाएं.
सीने में जलन
टमाटर जितने फायदेमंद होते हैं उतने ही नुकसानदायक भी होते हैं. अगर आप इन्हें अधिक मात्रा में खाते हैं तो कई लोगों को सीने में जलन की समस्या हो सकती है, क्योंकि टमाटर में विटामिन सी होता है, जो गैस की समस्या को बढ़ा सकता है और सीने में जलन का कारण बन सकता है.
सेहत
हड्डियों को भी नुकसान कर सकती है डायबिटीज की बीमारी, ऐसे करती है असर….
देश में डायबिटीज के 10 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं. ये एक गैर संक्रामक बीमारी है, लेकिन फिर भी इसके मरीजों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज हो जाती है. इस बीमारी का असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है. ये हड्डियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. इसके कारण हड्डियों, मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ता है. रिसर्च बताती है कि टाइप 1 और टाइप 2 दोनों प्रकार की डायबिटीज से हड्डियों की बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है. इंटर्नल मेडिसिन के डॉ सचिन बताते हैं कि डायबिटीज से हड्डियों में एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स बढ़ जाते हैं. ये कोलाजन को खराब कर हड्डियों को कमजोर बनाते हैं. शरीर में ये परेशानीमिनरल डेंसिटी सामान्य होने पर भी हो सकती है. डायबिटीज के कुछ मरीजों में हाइपरग्लाइसीमिया के कारण ओस्टियोब्लास्ट फंक्शन में कमी आ जाती है. ओस्टियोब्लास्ट वे सेल्स होते हैं जो नई हड्डी बनाने का काम करते हैं. लेकिन बढ़े हुए शुगर लेवल की वजह से हड्डियों को नुकसान होने लगता है.
इंसुलिन और हड्डियों का मेटाबॉलिज्म
डॉ सचिन बताते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन नहीं बनता है. इस कारण हड्डियों का विकास कम होता है. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में इंसुलिन रजिस्टेस की वजह से हड्डियों को नुकसा होने लगता है.डायबिटीज में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जो हड्डियों के दोबारा निर्माण की प्रक्रिया में रुकावट करने लगता है. डायबिटीज के करीब50% मरीजों को न्यूरोपैथी होती है. जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे कई केस भी आते हैं जहां डायबिटीज के कारण हड्डियों की बीमारी हो जाती है. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. अगर डायबिटीज में हड्डियों से संबंधित कोई परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
कम उम्र में भी लोग हो रहे शिकार
शारदा अस्पताल में जनरल मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी बताते हैं कि अब कम उम्र में ही लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं. इस बीमारी का असर शरीर के कई हिस्सों पर पड़ता है. डायबिटीज के कारण किडनी, आखें खराब होने का रिस्क रहता है. अगर डायबिटीज में शुगर लेवल कंट्रोल नहीं है तो ये काफी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में लोगों को सलाह है की अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रखें. इसके लिए खानपान का ध्यान रखें. रोजाना एक्सरसाइज करें और मीठा कम खाएं.
सेहत
मूली से ज्यादा फायदेमंद मूली के पत्ते जान लेंगे 6 बड़े फायदे, तो नहीं डालेंगे डस्टबिन में…
सर्दियां आते ही तरह-तरह की हरी पत्तेदार सब्जियों से सब्जी मार्केट भर जाता है. हरा पालक, लाल पालक, सरसों का साग, मेथी के पत्ते, बथुआ आदि लोग खूब खाना पसंद करते हैं. ऐसा ही एक पत्ता है, जिसे अक्सर लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं. हम बात कर रहे हैं मूली के पत्तों की. आप भी मूली सर्दियों में खूब खाते है, लेकिन इस हरे-हरे पत्तों को फालतू समझकर फेंक देते हैं तो अब से ये गलती न करें. हरी पत्तेदार सब्जियों में जैसे पालक, बथुआ, मेथी, सरसों साग आदि बेहद पौष्टिक और फायदेमंद होते हैं, उसी तरह मूली के पत्ते भी लाभदायक होते हैं. इन्हें सर्दियों के सीजन में जरूर खाना चाहिए. चलिए जानते हैं मूली के पत्ते में मौजूद पोषक तत्वों और उनके फायदों के बारे में-
मूली के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व
मूली के पत्तों में फाइबर, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फॉलिक एसिड, विटामिन ए, सी, बी9, सोडियम, मैग्नीशियम, क्लोरिन, कार्बोहाइड्रेट्स आदि से भरपूर होते हैं. मूली के पत्तों के सेवन से कई तरह के क्रोनिक डिजीज से बचाव हो सकता है जैसे पाइल्स, हाई ब्लड शुगर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज आदि.
मूली के पत्ते खाने के फायदे
1. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार, मूली से कहीं अधिक पोषक तत्व मूली के पत्ते में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद पोषक तत्व आपको हार्ड डिजीज, पाइल्स, हाई ब्लड शुगर आदि से बचा सकते हैं.
2. जिन लोगों को बवासीर की समस्या है, उनके लिए मूली के पत्ते फायदेमंद साबित हो सकते हैं. जब आप इसका सेवन करते हैं तो शरीर में होने वाले इंफ्लेमेशन की समस्या दूर हो जाती है. मूली की पत्तियों में कैलोरी कम होती है और फाइबर अधिक होता है. साथ ही इसमें विटामिन सी, बीटा कैरोटीन अधिक होता है, जो शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं.
3. डायबिटीज मरीजों के लिए भी मूली के पत्ते हेल्दी हैं. शुगर हाई होने के कारण डायबिटीज को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आपको मूली के पत्तों का सेवन किसी ना किसी रूप में करना चाहिए. इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स वाइट सेल्स को शरीर में बढ़ाते हैं. इसमें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है, जिस कारण से शरीर में शुगर का स्तर प्रभावित नहीं होता है. ये ब्लड में शुगर के अवशोषण को भी कंट्रोल करता है.
4. जब आप मूली के पत्तों को डाइट में शामिल करते हैं तो शरीर में रक्त शुद्ध होता है. इससे आपको स्किन संबंधित बीमारियां जैसे मुंहासे, खुजली, रैशेज आदि नहीं होंगी. साथ ही स्कर्वी रोग से भी बचाव हो सकता है. साथ ही इसमें फाइबर होने के कारण पाचन तंत्र भी सही रहता है. अपच, कब्ज, गैस दूर होती है.
5. यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है तो आप अपनी दवा खाने के साथ ही मूली के पत्तों को भी डाइट में शामिल करके देखें. इससे निम्न रक्त चाप की समस्या ठीक हो सकती है. इसमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में नमक की कमी को दूर कर सकता है.
6. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करना है तो भी आप मूली के पत्तों का सेवन कर सकते हैं. इसमें विटामिन सी, आयरन और फॉस्फोरस काफी अधिक होते हैं. साथ ही इसके सेवन से शरीर में खून की कमी, हीमोग्लोबिन की कमी भी दूर हो सकती है.
सेहत
मुंह से बदबू आने का बड़ा कारण है इन 3 विटामिन की कमी, जानिए कैसे दूर करें Mouth Smell
कुछ लोगों के मुंह से तेज बदबू आती है। इन लोगों से बात करना तो दूर इनके सामने खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। इससे भी ज्यादा मुश्किल है ये बताना कि आपके मुंह से बदबू आ रही है। कई बार दिन में 2 टाइम ब्रश करने के बाद भी स्मैल आती रहती है। ऐसे में लोगों को काफी शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। दरअसल मुंह से बदबू आने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें मुंह और दांतों की अच्छी तरह सफाई न होना, दांतों में कैविटी, पेट साफ न रहना, मसूड़ों में इंफेक्शन और कई बाद तीखी स्मैल वाला खाना खाने के बाद भी मुंह से बदबू आती रहती है। इसके अलावा कुछ विटामिन और जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने पर भी मुंह से बदबू आती रहती है। शरीर में इन 3 विटामिन की कमी होने पर भी मुंह से बदबू आने की समस्या बढ़ सकती है।
इन विटामिन की कमी से आती है मुंह में बदबू
- विटामिन C- विटामिन सी की कमी से मुंह में बदबू आने लगती है। विटामिन सी कम होने पर मसूड़ों में सूजन, मसूड़ों में खून और इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे मुंह में सड़न पैदा हो सकती है और बदबू का कारण बन सकती है। विटामिन-सी इम्यूनिटी मजबूत करने में असरदार है। विटामिन सी की कमी को नींबू, संतरा, अमरूद, पपीता और स्ट्रॉबेरी खाकर पूरा किया जा सकता है।
- विटामिन D- दांतों को मजबू बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत होती है। विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे जबड़े में दातों की ग्रिपिंग भी मजबूत होती है। अगर दांत टूटते हैं, लूज होते हैं तो इससे सांसों में बदबू आने लगती है। विटामिन डी कम होने से मसूड़ों और दांतों से जुड़े रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए अंडे की जर्दी, डेयरी उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज खाएं और धूप में बैठें।
- विटामिन B12- शरीर में विटामिन बी12 की कमी के कारण मुंह से बदबू, मुंह में छाले, मसूड़ों में सूजन और दांतों को सपोर्ट देने वाले कनेक्टिव टिश्यू जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। मुंह से स्मैल आने के कारण शरीर में विटामिन बी12 की कमी भी हो सकती है। विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए बादाम का दूध, दही, सैल्मन फिश, रेड मीट और अंडे खाएं।
मुंह की बदबू दूर करने के लिए घरेलू उपाय
- मुंह से बदबू आती है तो खाने के बाद 1-2 इलायची मुंह में डाल लें।
- खाने के बाद सौंफ चबाकर खाने से भी मुंह की बदबू दूर हो जाती है।
- खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाने से भी स्मैल को कम किया जा सकता है।
- दिन में 2 बार सुबह और शाम ब्रश करने की आदत बना लें इससे स्मैल दूर हो जाएगी।
- दिनभर में भरपूर पानी पीएं और पुदीना के पत्ते चबाकर खाने से भी मुंह की बदबू दूर हो जाएगी।
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