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मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये चेहरे

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में आज एनडीए के सांसदों की बैठक भी होनी है। बैठक के बाद एनडीए की सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। इससे पहले एनडीए सरकार में कौन-कौन से चेहरे मंत्री बन सकते हैं। इस पर भी काफी मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि इस बार एनडीए की सरकार में सहयोगी दलों को खुश करने के साथ-साथ जातिगत आंकड़ों को भी ठीक-ठाक बैठाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा किस राज्य से कितने मंत्री हों, इस पर भी चर्चा चल रही है।

यूपी की इन सीटों पर पासी समाज का असर 

बता दें कि यूपी में पासी की आबादी करीब 1.25 करोड़ की है। पासी आबादी का असर यूपी की फैजाबाद, लालगंज, कौशांबी, मोहनलाल गंज और मछलीशहर सीट पर देखा जा सकता है। अयोध्या सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद पासी समाज से आते हैं, जिन्होंने 54567 वोटों से जीत दर्ज की। इसी तरह से लालगंज सीट पर दरोगा प्रसाद सरोज भी पासी समाज से आते हैं, जिन्होंने 1.15 लाख वोटों से जीते। कौशांबी सीट पर पासी समाज से आने वाले पुष्पेंद्र सरोज ने 70292 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं मछलीशहर सीट पर प्रिया सरोज ने 35850 वोटों से जीत हासिल की।

यूपी से ये चेहरे बन सकते हैं मंत्री 

केंद्र की राजनीति तक पहुंचने में यूपी का अहम योगदान होता है। ऐसे में यूपी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी से एसपी सिंह बघेल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। एसपी सिंह बघेल आगरा से चौथी बार सांसद चुने गए हैं। साथ ही दलित समाज का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। इसके अलावा अनुप्रिया पटेल का नाम भी सामने आ रहा है। अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर सीट से जीत की हैट्रिक लगाई है। साथ ही वह कुर्मी समाज से आती हैं और कुर्मी समाज में उनकी अच्छी पैठ है।

इसी क्रम में लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आए जयंत चौधरी का नाम भी आगे चल रहा है। जयंत चौधरी को पश्चिमी यूपी के जाट चेहरे के तौर पर देखा जाता है। इनके अलावा राजकुमार चाहर का नाम भी मंत्रिमंडल की संभावित सूची में देखा जा रहा है। राजकुमार चाहर की पहचान किसान नेता के तौर पर है। वहीं शशांक मणि त्रिपाठी के नाम पर भी चर्चाएं हो रही हैं। शशांक मणि त्रिपाठी देवरिया सीट से चुनाव जीते हैं। ब्राम्हण वोट बैंक में शशांक त्रिपाठी की अच्छी पकड़ है।

बिहार से ये चेहरे बन सकते हैं मंत्री

यूपी के अलावा इस बार बिहार पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यहां से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का नाम भी सामने आ रहा है। सिग्रीवाल महाराजगंज से सांसद चुने गए हैं। सिग्रीवाल की राजपूत समाज के बीच अच्छी पहुंच है। इसके अलावा इनकी पहचान साफ-सुथरी छवि वाले नेता के तौर पर है। इनके अलावा गिरिराज सिंह को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

गिरिराज सिंह के अलावा मोदी की नई कैबिनेट में बिहार से कई पुराने चेहरों की वापसी हो सकती है। इसमें से राधा मोहन सिंह का भी नाम चल रहा है, जो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कृषि मंत्री रहे थे। गिरिराज सिंह राजपूत जाति से आते हैं। पिछली बार राजपूत बिरादरी से आने वाले आरके सिंह मोदी सरकार में मंत्री थे, लेकिन वो इस बार चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी जगह राधामोहन को एक बार फिर से मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।

सारण से जीत की हैट्रिक लगाने में राजीव प्रताप रूडी की भी मोदी कैबिनेट में वापसी हो सकती है। मोदी ने 2014 में राजीव प्रताप रूडी को कौशल विकास मंत्री बनाया था, लेकिन कैबिनेट फेरबदल में रूडी की छुट्टी हो गई थी। इसके बाद से वो जमीन पर काफी एक्टिव हैं। इसका असर नतीजों में दिखा और अब उन्हें जीत का इनाम मिल सकता है। राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाले रूडी को सभी वर्गों का समर्थन मिला है। उन्होंने कड़े मुकाबले में लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को हराया है।

मोदी कैबिनेट में नित्यानंद राय को फिर से जगह मिल सकती है। नित्यानंद राय उजियारपुर से जीते हैं और पिछली कैबिनेट में वह गृह राज्य मंत्री थे। वहीं वैश्य समुदाय से आने वाले संजय जायसवाल भी मोदी कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं। संजय जायसवाल पश्चिम चंपारण से जीते हैं। वो बिहार बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।

LJP (R) से ये चेहरे बन सकते हैं मंत्री

चिराग पासवान की पार्टी भी मोदी सरकार में अपने लिए दो बर्थ मांग रही है। चिराग पासवान की पार्टी इस बार 100 परसेंट स्ट्राइक रेट से सभी 5 सीटें जीती है। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान अपने लिए एक कैबिनेट मिनिस्टर और एक राज्य मंत्री मांग रहे हैं। राज्यमंत्री के लिए जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, उसमें शाम्भवी चौधरी का नाम सबसे आगे है, जो सबसे कम उम्र की सांसद बनीं हैं।

JDU से ये चेहरे बन सकते हैं मंत्री

बताया जा रहा है कि JDU ने 4 मंत्री पद का डिमांड रखी है JDU ने 2 कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री की डिमांड रखी है। जेडीयू की तरफ से ललन सिंह और संजय झा के लिए कैबिनेट मंत्री का पद मांगा गया है। इसके अलावा वाल्मिकीनगर से सांसद सुनील महतो के लिए राज्यमंत्री पद मांगा गया है। वहीं कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भी राज्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।

इसके अलावा जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें ललन सिंह और संजय झा आगे बताए जा रहे हैं। वहीं वाल्मिकी नगर से सांसद सुनील कुमार भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। जेडीयू कोटे से एक और नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो है रामप्रीत मंडल का। रामप्रीत मंडल धानुक समाज से आते हैं। इसके साथ ही वह झंझारपुर से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं।

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देश-विदेश

4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े

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बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।

5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना

पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।

चांदी में भी बड़ी गिरावट

सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।

सोने-चांदी के आज के भाव

एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।

 

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खेल

बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला

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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला ​क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर ​भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और​ श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।

भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट 

बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था,​ जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।

खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया ​कहर 

इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।

निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी 

बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।

 

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देश-विदेश

मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर

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सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्‍तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्‍बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्‍थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्‍वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्‍योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.

महमूद गजनवी  ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा

लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब  उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.

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