सेहत
हार्मोन इंबैलेंस के महिलाओं में दिखाई देते हैं ये लक्षण, इन चीजों से तुरंत बना लें दूरी..
शरीर में कई तरह के हार्मोन होते हैं जिनका बैलेंस रहना हेल्दी रहने के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि हर हार्मोन के बॉडी फंक्शन्स को क्रियान्वित करने के लिए अलग-अलग काम करते हैं. पीरियड्स और प्रेग्नेंसी जैसे कुछ ऐसे फैक्ट्स हैं, जिसकी वजह से महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या काफी ज्यादा देखी जाती है. इसके अलावा खराब खानपान और सुस्त रूटीन भी हार्मोनल इंबैलेंस की वजह बन सकता है. अगर वक्त रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो कई गंभीर बीमारियां होने का डर भी रहता है. महिलाएं अक्सर अपने शरीर में होने वाले छोटे बदलावों को नजरअंदाज कर देती हैं और इसी वजह से कई छोटी हेल्थ प्रॉब्लम बड़ी बीमारी बन जाती हैं. महिलाओं के शरीर में हार्मोन इंबैलेंस होने पर पीसीओडी, पीसीओएस, कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. हार्मोन इंबैलेंस के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए. अगर यह समस्या है तो कुछ फूड्स आइटम्स से दूरी बना लेनी चाहिए.
क्या होते हैं हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण
किसी भी हार्मोन की मात्रा कम या ज्यादा हो जाने को हार्मोनल इंबैलेंस कहा जाता है. महिलाओं में हार्मोन इंबैलेंस होने पर अचानक वजन बढ़ना, नींद के पैटर्न में बदलाव, पीरियड्स अनियमित होना या इस दौरान बहुत ज्यादा दर्द, तेज ब्लीडिंग, हमेशा थकावट महसूस होना, मूड खराह रहना, सिरदर्द और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का बार-बार होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
कैफीन वाली चीजें करें कम
कॉफी और चाय आदि में कैफीन की मात्रा पाई जाती है. इसके ज्यादा सेवन से नींद आने में समस्या हो सकती है, जिससे कार्टिसोल की मात्रा बढ़ने लगती है और आपको स्ट्रेस हो सकता है. इसलिए जो लोग हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या से जूझ रहे हो उनके लिए चाय-कॉफी से दूरी बनाना ही बेहतर होता है.
प्रोसेस्ट फूड से करें तौबा
आजकल प्रोसेस्ड फूड्स खाने का चलन काफी बढ़ गया है. इन फूड्स में प्रिजरवेटिव्स का अच्छी मात्रा में यूज किया जाता है, जिसकी वजह से हार्मोन इंबैलेंस की समस्या बढ़ सकती है. इसके अलावा भी प्रोसेस्ड फूड से सेहत को कई तरह के नुकसान होते हैं, इसलिए प्रोसेस्ड फूड्स से बिल्कुल दूरी बना लेनी चाहिए.
सोया प्रोडक्ट से करें परहेज
प्रोटीन से भरपूर सोया प्रोडक्ट मांसपेशियों को मजबूत बनाने में हेल्पफुल होते हैं, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा की वजह से हार्मोन इंबैलेंस की समस्या हो सकती है. इसलिए जो लोग इस दिक्कत से जूझ रहे हैं, उन्हें अपनी डाइट में सोया प्रोडक्ट की मात्रा कम कर देनी चाहिए.
इन चीजों को भूलकर भी न लगाएं हाथ
स्मोकिंग, अल्कोहल या किसी भी तरह से धूम्रपान करना सेहत के लिए जहर के बराबर होता है. वहीं जिन्हें हार्मोनल इंबैलेंस की प्रॉब्लम है उन्हें गलती से भी इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
सेहत
चेहरे पर आएगी चांद सी चमक, ऐसे करें बेसन-दूध समेत किचन में रखी इन चीजों का इस्तेमाल
नेचुरल ग्लो पाने के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स आज नहीं तो कल आपकी स्किन के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित होंगे। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे फेस पैक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बनाने में न तो आपको ज्यादा समय लगेगा और न ही आपके ज्यादा पैसे खर्च होंगे। करवा चौथ से पहले इस फेस पैक को अप्लाई कर आपके चेहरे पर चांद सी चमक दिखाई देने लगेगी।
आइए जानते हैं कैसे…
फेस पैक बनाने का तरीका
घर पर केमिकल फ्री फेस पैक बनाने के लिए आपको बेसन, दूध, हल्दी और गुलाब जल की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले एक कटोरी में 2 स्पून बेसन और थोड़ा सा कच्चा दूध निकाल लीजिए। अब इसी कटोरी में चुटकी भर हल्दी और एक स्पून गुलाब जल डालकर इन सभी नेचुरल चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लीजिए। आपका नेचुरल फेस पैक इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
कैसे करें इस्तेमाल?
अब आपको इस फेस पैक को अपने चेहरे और गर्दन वाले हिस्से पर अच्छी तरह से अप्लाई करना है। बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए इस फेस पैक को थोड़ी देर तक लगाए रखें और फिर फेस वॉश कर लें। मुंह धोने के तुरंत बाद आपको अपनी स्किन पर पॉजिटिव असर महसूस होने लगेगा। आप इस फेस पैक को एक हफ्ते में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इस फेस पैक को पूरे चेहरे पर अप्लाई करने से पहले पैच टेस्ट करना न भूलें।
मिलेंगे फायदे ही फायदे
बेसन, दूध, हल्दी, गुलाब जल, किचन में रखी ये सभी चीजें आपकी स्किन हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इन सभी चीजों में पाए जाने वाले तत्व आपकी डेड स्किन सेल्स को रिमूव कर आपकी त्वचा की रंगत को सुधारने में कारगर साबित हो सकती है। इस बार करवा चौथ से एक दिन पहले आपको भी ये फेस पैक जरूर ट्राई करके देखना चाहिए।
सेहत
शुगर-हाई बीपी की समस्या ने बढ़ाई मुश्किल, बिना दवाई करें इन गंभीर बीमारियों की छुट्टी
संगीत जीवन है, संगीत जादू है, संगीत थेरेपी है। सबसे बड़ी बात ये है कि संगीत की जुबान हर कोई समझता है, यहां तक कि बेजुबान जानवर भी। तभी तो बांसुरी की धुन सुनकर, वृंदावन में सभी गाय भगवान श्रीकृष्ण के पास दौड़ी चली आती थीं। मुरली की तान का जादू सिर्फ द्वापर युग में ही नहीं चलता था, आज भी उसमें उतनी ही ताकत है। संगीत से बीमार गाय ठीक हो रही हैं, ज्यादा दूध दे रही हैं और अड़ियल रवैया छोड़कर गौपालकों की बात मान रही हैं। तभी तो उत्तर प्रदेश, हरियाणा से लेकर गुजरात तक की गौशालाओं में गाय को म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है। गुजरात के नाडियाड में तो बांसुरी की धुन से एक लाख से ज्यादा बीमार गाय को ठीक करने का दावा किया गया है। इतना ही नहीं, बंसी की धुन का ऑडियो तैयार हो रहा है ताकि देशभर की गौशालाओं में मुफ्त बांटा जा सके।
ये बात वैज्ञानिक तौर पर भी सही है क्योंकि ‘नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के मुताबिक म्यूजिक ब्रेन में ऑक्सीटोसिन हार्मोन्स को एक्टिव करता है जिससे हीलिंग प्रोसेस फास्ट हो जाता है। यही बात इंसानों पर भी लागू होती है। म्यूजिक माइंड को रिलैक्स करता है और रिसर्च बताती है कि ये सेहत के लिए भी अच्छा है। तभी योग-प्राणायाम के साथ सुरों का संगम भी जरूरी होता है। योगगुरु स्वामी रामदेव अलग-अलग बीमारियों के लिए योग तो बताते ही हैं लेकिन आज रामदेव साथ ही ये भी बताएंगे कि कौन सा राग किस बीमारी में रामबाण साबित होगा। इस तरह के अल्टरनेट मेडिसिन की जरूरत भी है क्योंकि देश में जहां 55% भारतीय 6 घंटे की नींद भी नहीं ले पाते हैं, तो वहीं 20 करोड़ लोग हाई बीपी की गिरफ्त में हैं। 30% लोग तनाव के शिकार हैं जो तमाम बीमारियों की वजह बन रहा है। ऐसे में संगीत के साथ योगविद्या की जुगलबंदी जरूरी है ताकि तनाव घटाने के साथ-साथ बीमारियों का सफाया हो सके। तो आपको भी आज से म्यूजिकल योगिक सेशन की शुरुआत करनी चाहिए।
गौर करने वाली बात
राग भैरव – मोटापा घटाए
पुरिया धनाश्री – अनिद्रा दूर करे
राग मालकौंस – तनाव खत्म करता है
राग मोहिनी – आत्मविश्वास बढ़ाए
राग भैरवी – नर्वस सिस्टम में फायदेमंद
राग पहाड़ी – मांसपेशियां मजबूत
अहीर भैरवी – हाई बीपी कंट्रोल
राग कान्हड़ा – अस्थमा में फायदेमंद
राग तोड़ी – सिरदर्द दूर
मन को रखें खुश
बॉडीपेन कम होता है
मेंटल स्ट्रेस घटता है
बीपी बैलेंस होता है
दिल को बनाए स्ट्रॉन्ग
खुश रहने के फायदे
26% तक घटती हैं हार्ट डिजीज
हार्ट अटैक का खतरा 73% कम
8 साल तक बढ़ती है उम्र
बॉडी की हीलिंग पावर बढ़ती है
वर्क कपैसिटी 72% ज्यादा
इम्यूनिटी 52% बढ़ती है
भारत में खुशी का ग्राफ
देश में 55% लोग हैप्पी
स्ट्रेस में 42% लोग
60 की उम्र वाले सबसे ज्यादा खुश
कैसे खुश रहें?
दूसरों की मदद करें
हर घंटे 10 सेकंड स्ट्रेचिंग करें
अपनों की मुस्कुराती तस्वीरें सामने रखें
मीठा खाने से बढ़ती है खुशी
बढ़ते एग्रेशन को करें कंट्रोल
थोड़ी देर टहलें
रोज योग करें
मेडिटेशन करें
गहरी सांस लें
संगीत सुनें
अच्छी नींद लें
गुस्सा खतरनाक, रहें सावधान
गुस्से का पैटर्न समझें
क्रोध में आपा न खोएं
आत्मनियंत्रण सीखें
गुस्से के लक्षणों को पहचानें
सेहत
हाई कोलेस्ट्रॉल में चीनी या गुड़ किसका सेवन है लाभकारी? जानिए..
जब भी हमें कुछ मीठा खाने का मन करता है तो हम बिना कुछ सोचे क्रेविंग को शांत करने के लिए मीठी चीज़ों का सेवन कर लेते हैं। मीठा खाने से गीद हॉर्मोन रिलीज होते हैं जो हमे तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन क्या चीनी से बनी मीठी चीज़ों का सेवन आप हाई कोलेस्ट्रॉल में भी कर सकते हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि हाई कोलेस्ट्रॉल में मीठी क्रेविंग को खत्म करने के लिए चीनी खानी चाहिए या फिर गुड़? चलिए जानते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए कौन सा विकल्प ज्यादा सही है?
कोलेस्ट्रॉल में चीनी या गुड़ क्या खाएं?
चीनी और गुड़ दोनों ही मिठास के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन एक्सपर्ट कोलेस्ट्रॉल में शक़्कर की जगह गुड़ खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, दोनों एक ही चीज से बनाए जाते हैं, लेकिन बनाने का प्रोसेस अलग होता है। एक तरफ जहां चीनी को रिफाइंड करके बनाया जाता है तो वहीं गुड़ में नेचुरल शुगर होता है। चीनी का ज़्याद सेवन करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है इससे शुगर, है ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वहीं अगर आप गुड़ का सीमित सेवन करते हैं तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा।
हाई कोलेस्ट्रॉल में चीनी खाने से क्या होता है?
चीनी खाने से मन को शांति और तुरंत ऊर्जा मिलती है। शुगर के सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है। इसमें मौजूद मिठास डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़ी बीमारियां और मोटापे की समस्या को तेजी से बढाती है। इसलिए अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा है और मीठा खाने का मन कर रहा है तो चीनी की बजाय और गुड़ का सेवन करें है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में गुड़ के फायदे
गुड़ के पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार हैं। इनके आलावा आप मीठे में सेब, नाशपाती जैसी फलों का सेवन भी करें। गुड़ में मौजूद पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देते हैं और शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।साथ ही इसका सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है।
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कच्ची शराब में यूरिया, तंबाकू और कीटनाशक