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सेहत

हल्दी, दूध और शिलाजीत हैं सेहत के लिए 3 वरदान, कफ और जोड़ों के दर्द का है उपाय

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शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जिससे हड्डियों में दर्दी की समस्या बनी रहती है। अगर आप हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो रोजाना रात में 1 गिलास दूध पीने की आदत बना लें। इससे हड्डियों को भरपूर कैल्शियम मिलेगा। अगर आप दूध में थोड़ी हल्दी मिला लेते हैं तो इसके दूध का फायदा कई गुना बढ़ जाता है। हल्दी वाला दूध पीने से सर्दी-खांसी की समस्या दूर रहती है। हल्दी वाला दूध पीने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है। अगर आप हल्दी वाले दूध में शिलाजीत मिला लेते हैं तो ये हड्डियों के लिए किसी टॉनिक के जैसा काम करता है। स्वामी रामदेव अक्सर हल्दी वाले दूध में शिलाजीत मिलाकर पीने की सलाह देते हैं। जानते हैं इस दूध को कैसे तैयार किया जाता है और इससे क्या फायदे मिलते हैं?

हल्दी-शिलाजीत वाला दूध कैसे बनाएं

हल्दी शिलाजीत वाला दूध बनाने के लिए करीब 1 गिलास दूध को उबालें और उसमें करीब 2 चुटकी हल्दी पाउडर मिला लें। दूध को थोड़ी देर तक उबालें और फिर इसमें अपने हिसाब से मीठा मिला लें। इस दूध में ऊपर से शिलाजीत मिलाएं और इसे रात में गुनगुना ही पी लें।

हल्दी शिलाजीत वाला दूध पीने के फायदे

हल्दी वाले दूध में शिलाजीत मिलाकर पीने से ये और भी फायदेमंद हो जाता है। इससे दूध सुपरपावरफुल हो जाता है, जो हड्डियों की ताकत को कई गुना बढ़ा सकता है। आयुर्वेद में सदियों से हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए शिलाजीत का उपयोग किया जाता रहा है। जिनकी हड्डियां कमजोर हैं वो लोग गुग्गल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. नींद न आने की समस्या दूर करने के लिए भी ये दूध फायदेमंद है। इससे टेस्टोस्टोरोंस हार्मोन बढ़ता है और रात में अच्छी नींद आती है।
  2. शिलाजीत में आयरन होता है इसलिए जो लोग आयरन की कमी से परेशान हैं उनके शरीर में खून बढ़ाने के लिए इस दूध का सेवन करें।
  3. दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने और मेमोरी तेज करने के लिए भी शिलाजीत का उपयोग किया जाता है।
  4. शिलाजीत का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इससे शरीर को कई एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं।
  5. बढ़ती उम्र को कम करने के लिए शिलाजीत असरदार काम करता है। हल्दी वाले दूध में इसे मिलाकर पीने से गजब के फायदे मिलते हैं।

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वॉक करते समय वजन उठाकर चलने से मिलते हैं ढेर सारे फायदे….

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4 जुलाई 2024:-  वॉक करना सबसे ज्यादा सुरक्षित एक्सरसाइज है। वॉक से ना केवल फिजिकल सेहत पर असर पड़ता है बल्कि ये मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। अगर आप अपने वॉकिंग रुटीन को एक लेवल ऊपर करना चाहते हैं। जिससे कि ना केवल तेजी से वजन घटे बल्कि हार्ट हेल्थ भी अच्छी हो तो वजन साथ में लेकर चलना बेस्ट है। कमर पर या हाथों में वजन लेकर चलने से फिजिकल फिटनेस को बढ़ा देगा। जानें कब वजन लेकर चलना फायदेमंद है और कितने सारे फायदे होते हैं।

वजन लेकर वॉक करने के फायदे
हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद
वजन को उठाकर जब भी आप वॉक करते हैं तो ये कॉर्डियोवस्कुलर हेल्थ के लिए बहुत फायदा पहुंचाता है। वजन लेकर वॉक करने से कॉर्डियोवस्कुलर सिस्टम को ज्यादा और जल्दी मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। जिससे ना केवल हार्ट हेल्थ अच्छी होती है।

वेट लॉस में मदद
बल्कि सिंपल वॉक से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है, जिससे तेजी से वेट लॉस होता है।स्टडी के मुताबिक 4 मीटर प्रति घंटे हाथों में वजन लेकर चलने से उतना ही फायदा होता है जितना कि 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने से होता है। इससे पता चलता है कि वजन लेकर चलने से शरीर को तेजी से फायदा पहुंचता है।

3 तरीकों से वजन लेकर किया जा सकता है वॉक
एंकल पर वजन
अगर आप पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं और लोअर बॉडी मसल्स को घटाना चाहते हैं तो एंकल पर आधा किलो से लेकर डेढ़ किलो से कम का वजन बांधकर चल सकते हैं। आप ट्रेडमिल पर भी इस तरह के वजन को बांधकर चल सकते हैं। हालांकि हावर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक थोड़ी देर की वॉक ठीक है लेकिन ज्यादा चलने से एंकल ज्वॉइंट या लिगामेंट में चोट लगने का डर रहता है।

हाथों में वजन
ऊपर के बॉडी पार्ट्स को टोन करना है और वजन घटाना है तो हाथों में वजन लेकर चलने से फायदेमंद होता है। करीब आधा किलो से लेकर तीन-साझढे तीन किलो तक वजन उठाने से फर्क पड़ता है।

कमर पर वजन बांधकर चलना
कमर पर वजन बांधकर चलना सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इससे ना केवल आपकी बॉडी की ग्रैविटी बनी रहती है बल्कि ज्यादा अच्छे तरीके से बॉडी पर इसका असर दिखता है। अगर आप चोट से बचना चाहते हैं तो कमर पर वजन बांधकर चलना अच्छा है।

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चेहरे पर हो रही झाईंयों तो अपनायें यह नुस्खा….

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4 जुलाई 2024:- चेहरे पर काले-भूरे रंग के धब्बे, जिन्हें पिग्मेंटेशन या झाई कहते हैं। काफी बुरे दिखते हैं। माना जाता है कि झाईंया समय के साथ ही खत्म होती है लेकिन अगर सही खानपान और कुछ नुस्खों की मदद ली जाए तो साफ सुथरी स्किन पाई जा सकती है। चेहरे पर झाईं निकलने के कई कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी हार्मोंस की वजह से महिलाओं में झाईं निकलना काफी कॉमन है। इसके अलावा स्ट्रेस, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड की कमी, जेनेटिक, गर्भनिरोधक गोलियां भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। अगर चेहरे पर झाईंयों का बसेरा है तो रोजाना इन तीन कामों को करने से रंगत निखरने में मदद मिलेगी।

नीम का तेल

रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाना बहुत फायदेमंद होता है। ये स्किन पर हो रहे ब्लेमिशेज को दूर करने में मदद करता है। चेहरे पर अगर झाईंया हो रही हैं तो हर दिन नाभि में तेल लगाएं।आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदों को लेकर चेहरे पर मसाज भी कर सकती हैं। नीम का तेल लगाने से स्किन में मेलानिन कम कर देता है। जिससे वापस से नेचुरल रंगत पाने में मदद मिलती है।

लाल प्याज की मदद से दूर करें झाईंया

चेहरे पर अगर पिग्मेंटेशन हो रही है तो बस लाल प्याज को लें और छील लें। अब दो भाग में काटकर रख लें। इस ताजे कटे भाग को झाईं वाले हिस्से पर रगड़कर छोड़ दें। करीब दस-बीस मिनट बाद पानी से धो लें। या फिर, प्याज के रस निकालकर झाईयों पर लगाएं।

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डायबिटीज में खजूर और किशमिश खाने से होगा फायदा या नुकसान, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

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देश-दुनिया में डायबिटीज के मरीज़ों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को दवाएं तो खानी ही पड़ती हैं, साथ ही अपनी डाइट का भी बहुत सख्ती से पालन करना होता है। खाने पीने में ज़रा सी लापरवाही शुगर के मरीजों के लिए खतरनाक साबित होती हैं। मीठे का सेवन न के बराबर करना होता है लेकिन मीठी चीजों के लिए जुबान पर ताला लगाना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में शुगर के ज़्यादातार मरीज यही पूछते हैं कि मीठे में कौन सी चीज़ें खायी जा सकती हैं? कई बार मरीज यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या खजूर और किशमिश जैसे हेल्दी ड्राईफ्रूट का सेवन मीठे में कर सकते हैं? इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए हमने संतुलित बाइट्स की न्यूट्रिशनिस्ट सपना नारंग से बातचीत की। चलिए जानते हैं मधुमेह के मरीज डाइट में क्या इन दोनों मेवों का सेवन कर सकते हैं?

खजूर और किशमिश में होता है नेचुरल शुगर

सपना नारंग कहती हैं कि खजूर और किशमिश में नेचुरल शुगर के साथ फाइबर, पोटैशियम मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो ओवरऑल सेहत के लिए फायदेमंद हैं। इन दोनों का हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स शुगर लेवल को बढ़ाता है इसलिए इनको डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से कंसलट कर लेना चाहिए। हालांकि, अगर रोगियों का मन मीठा खाने का बहुत ज़्यादा कर रहा है तो वे इन्हें सीमित मात्रा में खा सकते हैं।

ज़्यादा सेवन है नुकसानदायक:

खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 45 से 55 के बीच होता है वहीँ किशमिश का 66 के आसपास होता है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर लेवल को धीरे धीरे बढ़ा सकते हैं। इसलिए इनका सेवन कम मात्रा में ही करें। खजूर में नेचुरल शुगर होता है इसलिए डायबिटीज के मरीज दिन में एक या दो खजूर का सेवन करें। साथ ही मीठे की कमी को पूरा करने के लिए कम मात्रा में किशमिश का सेवन कभी-कभी किया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

  • डायबिटीज के मरीजों को खजूर और किशमिश का सेवन करने से पहले इन कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
  • खजूर, किशमिश खाने के बाद डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर चेक करें। बारीक निगरानी से आप ब्लड शुगर का लेवल मॉनिटर कर पाएंगे।
  • खजूर मधुमेह रोगियों के लिए तब तक ही एक स्वस्थ विकल्प है जब ता आप इसका सेवन संतुलित रूप से करें।

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