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सेहत

बिना इसके लकवा मार सकता है, जानें क्यों जरूरी है खाने में 1 चुटकी नमक?

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नमक कम खाना चाहिए। ये बात हम लोग शुरू से जानते आए हैं क्योंकि ज्यादा नमक शरीर में सोडियम बढ़ाता है और हाई बीपी का कारण बनता है। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि ये जरूरी नहीं है। दरअसल, नमक उतना ही जरूरी है जितना कोई और तत्व। नमक की कमी से शरीर में सोडियम की कमी हो सकती है जो कि गंभीर रूप ले सकती है। ये स्ट्रोक का कारण बन सकती है। ये तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित या कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान होता है और संभावित रूप से स्थायी हानि होती है। इसके अलावा भी नमक की कई समस्याओं का कारण बन सकता है। जानते हैं इस बारे में Dr Vinit Banga, Associate director – Neurology, BLK, Max Super Specialiaty Hospital. विस्तार से।

क्यों जरूरी है खाने में 1 चुटकी नमक?

Dr Vinit Banga की मानें तो शरीर में नमक की कमी स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती है। दरअसल, ब्लड प्रेशर को हेल्दी बनाए रखने और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए नमक का सेवन करना जरूरी है। इसके अलावा ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और तरल पदार्थों का संतुलन, कोशिकाओं में पोषक तत्वों को ले जाना, एसिड-बेस संतुलन, तंत्रिका आवेगों के स्थानांतरण का समर्थन, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना और गैस्ट्रिक एसिड के प्रोडक्शन से जुड़ा हुआ है।

क्या कम सोडियम लकवा का कारण बन सकता है?

मस्तिष्क आमतौर पर सोडियम में धीमी गिरावट के अनुरूप ढल जाता है ताकि मस्तिष्क में सूजन आमतौर पर दिखाई न दे। इससे हाइपोनेट्रेमिया (hyponatraemia) की स्थिति हो सकती है। इसमें सभी चार अंगों में लकवा (quadriplegia) का जोखिम बढ़ता है। इसके अलावा नमक की कमी से आप लो बीपी के शिकार हो सकते हैं जिससे लकवा की स्थिति भी आ सकती है।

नमक कितनी मात्रा में लें?

नमक की अनुशंसित दैनिक खपत उम्र के अनुसार भिन्न होती है, लेकिन आम तौर पर वयस्कों के लिए प्रति दिन 2,300 मिलीग्राम से अधिक नहीं लेने की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों इसे और कम मात्रा में भी खा सकते हैं, जैसे हाई बीपी या हृदय रोग वाले व्यक्ति। हालांकि, कई लोग अक्सर अनजाने में इस अनुशंसित सीमा को पार कर जाते हैं, क्योंकि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और रेस्तरां के भोजन में नमक का प्रचलन है।

इसलिए कोशिश करें कि घर का खाना खाएं।  भोजन में नमक की मात्रा को नियंत्रण करें। इसके अतिरिक्त, जड़ी-बूटियों, मसालों, साइट्रस और अन्य प्राकृतिक सीजनिंग के साथ भोजन को टेस्टी न बनाएं। साथ ही किसी भी चीज को खाने से पहले उस पर लगा लेबल चेक करें।

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सेहत

वॉक करते समय वजन उठाकर चलने से मिलते हैं ढेर सारे फायदे….

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4 जुलाई 2024:-  वॉक करना सबसे ज्यादा सुरक्षित एक्सरसाइज है। वॉक से ना केवल फिजिकल सेहत पर असर पड़ता है बल्कि ये मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। अगर आप अपने वॉकिंग रुटीन को एक लेवल ऊपर करना चाहते हैं। जिससे कि ना केवल तेजी से वजन घटे बल्कि हार्ट हेल्थ भी अच्छी हो तो वजन साथ में लेकर चलना बेस्ट है। कमर पर या हाथों में वजन लेकर चलने से फिजिकल फिटनेस को बढ़ा देगा। जानें कब वजन लेकर चलना फायदेमंद है और कितने सारे फायदे होते हैं।

वजन लेकर वॉक करने के फायदे
हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद
वजन को उठाकर जब भी आप वॉक करते हैं तो ये कॉर्डियोवस्कुलर हेल्थ के लिए बहुत फायदा पहुंचाता है। वजन लेकर वॉक करने से कॉर्डियोवस्कुलर सिस्टम को ज्यादा और जल्दी मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। जिससे ना केवल हार्ट हेल्थ अच्छी होती है।

वेट लॉस में मदद
बल्कि सिंपल वॉक से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है, जिससे तेजी से वेट लॉस होता है।स्टडी के मुताबिक 4 मीटर प्रति घंटे हाथों में वजन लेकर चलने से उतना ही फायदा होता है जितना कि 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने से होता है। इससे पता चलता है कि वजन लेकर चलने से शरीर को तेजी से फायदा पहुंचता है।

3 तरीकों से वजन लेकर किया जा सकता है वॉक
एंकल पर वजन
अगर आप पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ाना चाहते हैं और लोअर बॉडी मसल्स को घटाना चाहते हैं तो एंकल पर आधा किलो से लेकर डेढ़ किलो से कम का वजन बांधकर चल सकते हैं। आप ट्रेडमिल पर भी इस तरह के वजन को बांधकर चल सकते हैं। हालांकि हावर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक थोड़ी देर की वॉक ठीक है लेकिन ज्यादा चलने से एंकल ज्वॉइंट या लिगामेंट में चोट लगने का डर रहता है।

हाथों में वजन
ऊपर के बॉडी पार्ट्स को टोन करना है और वजन घटाना है तो हाथों में वजन लेकर चलने से फायदेमंद होता है। करीब आधा किलो से लेकर तीन-साझढे तीन किलो तक वजन उठाने से फर्क पड़ता है।

कमर पर वजन बांधकर चलना
कमर पर वजन बांधकर चलना सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इससे ना केवल आपकी बॉडी की ग्रैविटी बनी रहती है बल्कि ज्यादा अच्छे तरीके से बॉडी पर इसका असर दिखता है। अगर आप चोट से बचना चाहते हैं तो कमर पर वजन बांधकर चलना अच्छा है।

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सेहत

चेहरे पर हो रही झाईंयों तो अपनायें यह नुस्खा….

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4 जुलाई 2024:- चेहरे पर काले-भूरे रंग के धब्बे, जिन्हें पिग्मेंटेशन या झाई कहते हैं। काफी बुरे दिखते हैं। माना जाता है कि झाईंया समय के साथ ही खत्म होती है लेकिन अगर सही खानपान और कुछ नुस्खों की मदद ली जाए तो साफ सुथरी स्किन पाई जा सकती है। चेहरे पर झाईं निकलने के कई कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी हार्मोंस की वजह से महिलाओं में झाईं निकलना काफी कॉमन है। इसके अलावा स्ट्रेस, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड की कमी, जेनेटिक, गर्भनिरोधक गोलियां भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। अगर चेहरे पर झाईंयों का बसेरा है तो रोजाना इन तीन कामों को करने से रंगत निखरने में मदद मिलेगी।

नीम का तेल

रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में नीम का तेल लगाना बहुत फायदेमंद होता है। ये स्किन पर हो रहे ब्लेमिशेज को दूर करने में मदद करता है। चेहरे पर अगर झाईंया हो रही हैं तो हर दिन नाभि में तेल लगाएं।आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदों को लेकर चेहरे पर मसाज भी कर सकती हैं। नीम का तेल लगाने से स्किन में मेलानिन कम कर देता है। जिससे वापस से नेचुरल रंगत पाने में मदद मिलती है।

लाल प्याज की मदद से दूर करें झाईंया

चेहरे पर अगर पिग्मेंटेशन हो रही है तो बस लाल प्याज को लें और छील लें। अब दो भाग में काटकर रख लें। इस ताजे कटे भाग को झाईं वाले हिस्से पर रगड़कर छोड़ दें। करीब दस-बीस मिनट बाद पानी से धो लें। या फिर, प्याज के रस निकालकर झाईयों पर लगाएं।

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डायबिटीज में खजूर और किशमिश खाने से होगा फायदा या नुकसान, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

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देश-दुनिया में डायबिटीज के मरीज़ों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को दवाएं तो खानी ही पड़ती हैं, साथ ही अपनी डाइट का भी बहुत सख्ती से पालन करना होता है। खाने पीने में ज़रा सी लापरवाही शुगर के मरीजों के लिए खतरनाक साबित होती हैं। मीठे का सेवन न के बराबर करना होता है लेकिन मीठी चीजों के लिए जुबान पर ताला लगाना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में शुगर के ज़्यादातार मरीज यही पूछते हैं कि मीठे में कौन सी चीज़ें खायी जा सकती हैं? कई बार मरीज यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या खजूर और किशमिश जैसे हेल्दी ड्राईफ्रूट का सेवन मीठे में कर सकते हैं? इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए हमने संतुलित बाइट्स की न्यूट्रिशनिस्ट सपना नारंग से बातचीत की। चलिए जानते हैं मधुमेह के मरीज डाइट में क्या इन दोनों मेवों का सेवन कर सकते हैं?

खजूर और किशमिश में होता है नेचुरल शुगर

सपना नारंग कहती हैं कि खजूर और किशमिश में नेचुरल शुगर के साथ फाइबर, पोटैशियम मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो ओवरऑल सेहत के लिए फायदेमंद हैं। इन दोनों का हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स शुगर लेवल को बढ़ाता है इसलिए इनको डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से कंसलट कर लेना चाहिए। हालांकि, अगर रोगियों का मन मीठा खाने का बहुत ज़्यादा कर रहा है तो वे इन्हें सीमित मात्रा में खा सकते हैं।

ज़्यादा सेवन है नुकसानदायक:

खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 45 से 55 के बीच होता है वहीँ किशमिश का 66 के आसपास होता है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर लेवल को धीरे धीरे बढ़ा सकते हैं। इसलिए इनका सेवन कम मात्रा में ही करें। खजूर में नेचुरल शुगर होता है इसलिए डायबिटीज के मरीज दिन में एक या दो खजूर का सेवन करें। साथ ही मीठे की कमी को पूरा करने के लिए कम मात्रा में किशमिश का सेवन कभी-कभी किया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

  • डायबिटीज के मरीजों को खजूर और किशमिश का सेवन करने से पहले इन कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
  • खजूर, किशमिश खाने के बाद डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर चेक करें। बारीक निगरानी से आप ब्लड शुगर का लेवल मॉनिटर कर पाएंगे।
  • खजूर मधुमेह रोगियों के लिए तब तक ही एक स्वस्थ विकल्प है जब ता आप इसका सेवन संतुलित रूप से करें।

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