दुखद
दिग्गज कलाकार सतीश कौल का कोरोना से निधन,
दिल्ली. फिल्म अभिनेता और दिग्गज कलाकार सतीश कौल का कोरोना के चलते मुंबई में निधन हो गया है. 73 वर्षीय सतीश कौल ने बीते शनिवार को कोरोना जूझते हुए आखिरी सांस ली. कौल ने बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में ‘इंद्रदेव’ का किरदार निभाया था. इसके अलावा वह अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार के साथ भी काम कर चुके थे.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि वो आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. उनकी माली हालत खराब थी. इसके चलते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से वित्तीय मदद की भी गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा था कि वह दवाइयों और मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सतीश कौल ने महाभारत में भगवान इंद्र की भूमिका निभाई थी.
सतीश कौल ने कई फिल्मों में काम किया था. उन्होंने तीन सौ से ज्यादा पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम किया था. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन से उनकी परिस्थिति बहुत गंभीर हो गई थी. वहीं निधन पर दुख जताते हुए अशोक पंडित ने उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी है.
अशोक पंडित ने जताया दुख
अशोक पंडित ने अपने ट्वीट में लिखा, हिंदी और पंजाबी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता सतीश कौल का कोरोना से हुए निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. वह लंबे समय से अस्वस्थ थे. उनके परिवार और आस-पास के लोगों के प्रति हार्दिक संवेदना. ॐ शान्ति !
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सतीश कौल ने ‘प्यार तो होना ही था’, ‘आंटी नंबर वन’, ‘विक्रम और बेताल’ जैसी फिल्मों में भी काम किया था. वे पंजाब से मुंबई गए थे और उन्होंने एक्टिंग करना शुरू किया. उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने दर्शकों का आभार भी जताया था कि उन्होंने उन्हें बहुत प्यार दिया है. वह जीना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि वह पंजाब से मुंबई 2011 में वापस आए हैं. उनका प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ था. उन्होंने जो भी काम किया वह किसी न किसी कारण रुक गया था. उनकी हड्डी फैक्चर होने के कारण वह ढाई वर्ष तक बिस्तर में पड़े रहे. इसके बाद वह एक वृद्ध आश्रम में 2 वर्षों तक रहे. हालांकि उनकी जीने की चाह बहुत ज्यादा थी.
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खरगोन में पुल से नीचे गिरी यात्रियों से भरी बस, 15 की मौत और 25 से ज्यादा घायल, सीएम शिवराज ने किया मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के खरगोन में भीषण हादसा हुआ है। यहां एक यात्री बस पुल से नीचे जा गिरी। बस में 50 से ज्यादा यात्रियों के घायल होने की खबर है और 15 की मौत हो गई। जैसे ही बस नीचे गिरी उसमें सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। बताया जा रहा है कि ये बस इंदौर की ओर जा रही थी। हादसे की खबर मिलते ही डीएम शिवराज सिंह वर्मा, खरगोन के एसपी धर्मवीर सिंह और खरगोन विधायक रवि जोशी मौके पर फौरन रवाना हो गए।
बताया जा रहा है कि हादसे के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बस में फंसे घायलों को निकालकर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। ये घटना ऊन थाना क्षेत्र के ग्राम दसंगा पुल पर हई। वहीं इस बीच खरगोन में हुई बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को सीएम शिवराज ने 4 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार की की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा कम और मामूली रूप से घायलों को 25 हजार और दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खरगोन बस हादसे पर दुख जताया है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “बहुत दुखद पीड़ादायक प्रसंग है। 15 लोग काल के मुंह में समा गए हैं। 20 से 25 घायल हो गए हैं। इनका इलाज खंडवा के अस्पताल में कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।”
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रेलवे ट्रैक पर जवान बेटे के टुकड़े देखकर बेसुध हुआ पिता, शव के सामने बिलख रहे पिता की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद (MP News) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. पिता की आंखों के सामने उसके बेटे के टुकड़े हो गए. लाचार पिता सिर्फ रोता बिलखता रह गया. सुध-बुध खोने के बाद पिता ट्रेन की पटरी पर बैठकर रोने-चिल्लाने लगा. जिसके बाद सामने से आ रही एक ट्रेन (Man Jumped In Front Of Train) की चपेट में आने से पिता की भी मौत हो गई. दरअसल ट्रेन की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया.
रूह कंपा देने वाली ये घटना सोहागपुर के मारूपुरा में गुरुवार रात साढ़े 12 बजे हुई. खबर के मुताबिक 36 साल के छोटेलाल विश्वकर्मा का किसी बात से परिवार के बीच विवाद हो गया था. वह गुस्से में घर से चला गया था. उसे मनाने के लिए उनके पिता मोहनलाल भी उसके पीछे-पीछे पहुंच गए. गुस्साया बेटा छोटेलाल घर से 100 मीटर रलवे ट्रैक (Railway Track) पर बैठकर ट्रेन आने का इंतजार करने लगा. छोटेलाल के पिता मोहनलाल उसे मनाने की कोशिश कर रहे थे. तभी सामने से आ रही तेज स्पीड ट्रेन की चपेट में आने से छोटेलाल के शरीर के चिथड़े उड़ गए.
पत्नी से विवाद की वजह से तनाव में था छोटेलाल
आंखों के सामने जवान बेटे की मौत देखकर पिता मोहनलाल की रूह कांप गई. उनके बेटे के शीर के टुकड़े करीब 200 मीटर तक बिखर गए. वह अपनी सुध-बुध खो बैठे. रोत-बिलखते वह भी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. थोड़ी ही देर में पटरी पर से दूसरी ट्रेन गुजरी, जिसकी चपेट में आने से पिता मोहनलाल गंभीर रूप से घायल हो गए. ट्रेन के इंजन से टकराने की वजह से वह दूर जाकर गर गए. इस घटना में उनके सिर पर गंभीर चोट लग गई. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी भी मौत हो गई.
पिता-बेटे की मौत की खबर सुनते ही उनके मोहल्ले में मातम पसर गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.वहीं परिवारिक विवाद भी भी विवेचना करने की बात पुलिस ने कही है. बताया जा रहा है कि दोनों बाप-बेटे फर्नीचर का काम करते थे. छोटेलाल की पत्नी प्रीति ससुराल में नहीं रहती थी. परिवार का कहना है कि दोनों के बीच आपसी विवाद चल रहा था. इसी वजह से वह तनाव में रहता था. घटना वाली रात को भी इसी बात पर परिवार के बीच कहासुनी हुई थी.
रेलवे ट्रैक पर गई पिता-बेटे की जान
पुलिस ने बताया कि छोटेलाल की शादी 11 साल पहले प्रीति नाम की महिला के साथ हुई थी. दोनों के दो बेटे भी हैं. किसी बात से नाराज होकर प्रीति दिवाली पर घर से चली गई थी. वह खेरुआ गांव में रह रही थी. उसके दोनों बच्चे अपनी दादी के पास थे. पत्नी के जाने से छोटेलाल काफी तनाव में था. इसी वजह से परिवार में कुछ कहासुनी हो गई थी. जिसके बाद छोटेलाल ने गुस्से में रेलवे ट्रेक पर अपनी जान दे दी. इस घटना के बाद उसके शरीर के अंग आसपास बिखर गए. जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर उसके शरीर के अंगों को समेटा.
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खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक से निधन… रात 2.30 बजे ली अंतिम सांस…
रायपुर।छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा सीट से विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक के चलते देर रात निधन हो गया। रात 2.30 बजे उन्होने खैरागढ़ अस्पताल में अंतिम सांसे ली। बताया जा रहा है कि सीने में तकलीफ होने के बाद उन्हें देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका निधन हो गया।छत्तीसगढ़ की सियासत में कम उम्र में ही पहचान बनाने वाले नेता देवव्रत सिंह खैरागढ़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके अलावा वह राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद भी निर्वाचित हुए। देवव्रत सिंह FCI (भारतीय खाद्य निगम) के अध्यक्ष रहे।
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