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राजनीति

एयरपोर्ट में धरने पर बैठे CM भूपेश बघेल, भारी पुलिस बल तैनात,

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लखनऊ. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों के परिवारों से मिलने जा रहे थे. इस बीच उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट में रोक लिया गया है. इसके विरोध में सीएम बघेल लखनऊ एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए हैं. एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘बिना किसी आदेश के मुझे लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोका जा रहा है.’

इससे पहले भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा था कि ‘मैं लखनऊ के लिए निकल चुका हूं. किसानों के साथ न्याय होकर रहेगा.’ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब लखनऊ एयरपोर्ट के अंदर जमीन पर धरने पर बैठ गए हैं. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट से बाहर आने पर सीएम को रोके गए हैं. इस बात के विरोध में सीएम बघेल लखनऊ एयरपोर्ट पर बैठे हुए हैं.

पुलिस ने प्रमोद तिवारी और पीएल पुनिया को भी रोक लिया है. दोनों को एयरपोर्ट परिसर से बाहर किया गया. दोनों नेताओं को प्रवेश की इजाजत नहीं मिली. वे भूपेश बघेल के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे.

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देश-विदेश

अशोक गहलोत की कुर्सी पर खतरा? कांग्रेस MLA ने कह दी ये बड़ी बात

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जयपुर: कांग्रेस नेता एवं राजस्थान के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपने बयान के जरिए राज्य की राजनीति में फिर हलचल मचा दी है। कुंदनपुर ने बुधवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं कि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और वह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देंगे तो राजस्थान में कांग्रेस निश्चित रूप से सत्ता पर काबिज होगी। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात के बाद विधायक ने कहा कि उन्होंने युवाओं को मौका देने के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर गहलोत जी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाते हैं और खुलकर कहते हैं कि मैं राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार देखना चाहता हूं, मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं हूं और मैं युवाओं को बढ़ावा दूंगा, तो नक्शा बदल जाएगा।’’ कुंदनपुर ने कहा कि लेकिन ‘‘(कुर्सी के प्रति) मोह शराब के नशे से भी बड़ा नशा होता है।’’

पायलट के बाद भरत सिंह कर रहे ताबड़तोड़ हमले

गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया की भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके विधायक ने कहा कि वह किसी के खिलाफ या समर्थन में नहीं हैं और केवल वही बोल रहे हैं जो सही है। उनसे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट द्वारा भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बारे में पूछा गया। विधायक ने कहा, ‘‘हम अलग-अलग व्यक्ति हैं। वह इसे अपने तरीके से करते हैं, मैं इसे अपने तरीके से करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसमें उनकी तरह नेता मुद्दों को उठा सकते हैं और पार्टी उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा से आपको बोलने की वजह से बाहर कर दिया जाएगा।

’’’दुकानदार बूढ़ा हो जाता है, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है’

कुंदनपुर ने कहा कि गहलोत को युवाओं और उनके बेटे को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दृढ़ता से वह कहता हूं जो मुझे सही लगता है। कोई कितना भी बड़ा और ताकतवर क्यों न हो, इसका मतलब यह नहीं कि वह गलतियां नहीं कर सकता। लोग गलतियां करते हैं। बुद्धिमान वह है जो गलती करने के बाद स्वीकार करता है। अगर वह ऐसा नहीं करता, तो यह अहंकार को दर्शाता है।’’

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देश-विदेश

योगी आदित्यनाथ को PM मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई, तो यूपी के CM ने यूं जताया आभार

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 51वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसमें सबसे बड़ा नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, जिन्होंने ट्वीट करके सीएम योगी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की हार्दिक बधाई देते हुए उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चहुंमुखी विकास होने की बात करते हुए प्रदेश को सभी महत्वपूर्ण मानकों पर आगे बताया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उनके (प्रधानमंत्री) यशस्वी मार्गदर्शन में ही उत्तर प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है।

सीएम योगी के लिए PM मोदी ने क्या कहा?

 

योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश के गतिशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। पिछले 6 वर्षों में, उन्होंने राज्य को महान नेतृत्व प्रदान किया है और चहुंमुखी प्रगति सुनिश्चित की है। प्रमुख मानकों पर यूपी का विकास उल्लेखनीय रहा है। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना कर रहा हूं

प्रधानमंत्री मोदी के बधाई संदेश पर आभार जताते हुए योगी आदित्यनाथ ने रिप्लाई करते हुए कहा, आपकी आत्मीय एवं ऊर्जावान शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी! यह आपके यशस्वी मार्गदर्शन का ही सुफल है कि सामथ्र्य-संपन्न, आत्मनिर्भर ‘नया उत्तर प्रदेश’ सेवा, सुरक्षा, सुशासन और विकास के सुपथ पर चलते हुए अपनी नई पहचान स्थापित कर रहा है। आपकी प्रेरणा से प्रदेश की यह समृद्धि यात्रा अनवरत जारी रहेगी।

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देश-विदेश

सीएम योगी Birthday: जनता का सेवक, माफियाओं का काल, ऐसा रहा संन्यास से सियासत का सफर

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देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज 51 साल के हो गए हैं। इस मौके पर वे गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक और पेड़ लगाकर पर्यावरण दिवस पर इस दिन को खास बना रहे हैं। 5 जून 1972 को जन्मे योगी आदित्यनाथ का जीवन उतार चढ़ाव से भरा रहा है। पहले संन्यास लिया। फिर जनता की सेवा करने के लिए सियासत का दामन थामा। चाहे धर्म की राह हो या सियासत, योगी आदित्यनाथ ने हमेशा जनता के हित को ही सबसे ऊपर रखा। सूबे में माफियाराज का खात्मा और यूपी की जनता को विकास की योजनाओं से सफलता की राह दिखाना, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ जी जान से जुटे हैं। आज वे 51 वर्ष के हो गए। इन वर्षों की यात्रा में संघर्ष भी आए और सफलता भी आई। हर परिस्थितियों में समान भाव रखने वाले योगी ‘बाबा’ के अनुभव का ही नतीजा है कि कभी माफियाराज और दंगे का पर्याय बने यूपी को ऐसे लोगों से मुक्ति दिलाने और भयमुक्त वातावरण बनाने में उनका कोई सानी नहीं रहा है। जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें और पड़ाव।

1994 में महंत अवैद्यानाथ से लिया आशीर्वाद और ले लिया संन्यास 

उत्तराखंड के पंचुर गांव 5 जून 1972 का वो दिन था, जब  आनंद सिंह बिष्ट के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। माता पिता ने नाम रखा अजय सिंह बिष्ट, जो बाद में आगे चलकर योगी आदित्यनाथ बने। अपने माता-पिता के सात बच्‍चों में योगी शुरू से ही सबसे तेज तर्रार थे। 1992 में जब राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन हुआ, तो योगी इससे काफी प्रभावित हुए। तब उन्हें गोरखपुर में महंत और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण आंदोलन के अगुवा महंत अवैद्यनाथ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और 1994 में योगी सार्वजनिक जीवन त्यागा और संन्यासी हो गए। गुरु से दीक्षा ग्रहण करने के बाद वे अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गए। 12 सितंबर 2014 को महंत अवैद्यनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद योगी गोरक्षपीठ के महंत घोषित किए गए।

1998 में सिर्फ 26 साल की उम्र में पहली बार बने लोकसभा सांसद
1994 में वे संन्यासी बने, लेकिन आज मनमानस की सेवा करने का ध्येय मन में बलवती था। इसके लिए उन्होंने सियासत की राह को चुना और 1998 में वे मात्र 26 साल की आयु में पहली बार लोकसभा सांसद बन गए। तब से वे गोरखपुर क्षेत्र का लगा​तार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तब 2014 में योगी आदित्यनाथ ने भी चुनाव जीता और पांचवी बार लोकसभा सदस्य बने। दरअसल, योगी के गुरु अवैद्यनाथ ने सन 1998 में राजनीति से संन्यास लिया था और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। जहां से उनके गुरु ने छोड़ा, वहीं से योगी ने राजनीति की राह पर चलना शुरू किया।

सीएम रहते हुए हर मजहब और तबके का दिल जीता
सीएम योगी ने हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की। इसका उद्देश्य हिंदु युवाओं में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का वातावरण बने। उद्देश्य अच्छा और साफ था, लेकनि उन पर हिंदुवादी छवि होने का भी आरोप लगा। लेकिन जब वे सूबे के मुख्यमंत्री बने, तो अपने काम और इरादों से जता दिया कि उनके लिए प्रजा प्रजा में कोई भेद नहीं है। उन्होंने अपने काम से हर मजहब और तबके का दिल जीता। यही कारण रहा कि जनता का विश्वास उन पर बना और वे 2022 में दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर सत्ता में आए। वे अपने दूसरे कार्यकाल में भी जनता की खुशहाली और विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। माफियाओं और असामाजिक तत्वों को दंड देकर आम जनजीवन में भयमुक्त वातावरण बनाने वाले सीएम योगी आज जनता का पूर्ण विश्वास जीतने में सफल रहे हैं।

योगी के ‘मैजिक’ के आगे फेल हुए कई मिथक, टूटी परंपराएं

सीएम योगी जब पहली बार सीएम बने थे, तो उन्होंने कई परंपराओं और मिथकों को तोड़ डाला। सबसे पहला मिथक तो यह कि जो भी सीएम नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। सीएम योगी ने 37 साल पुराना यह मिथक भी सीएम बनने के बाद तोड़ डाला। एक परंपरा यह भी थी कि जो एक बार यूपी का सीएम बन जाता है, वो दोबारा नहीं बनता। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2022 का विधानसभा दोबारा प्रचंड बहुमत से जीता और फिर सूबे के मुखिया बने।

ऐसा रहा राजनीति का सफर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 29 जनवरी 2015 से 21 सितम्बर 2017 तक उन्होंने सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। फिर 2014 में वे 16 वीं लोकसभा (5 वें कार्यकाल) के लिए चुने गए। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी की राजमती निषाद को हराया। 2009 में उन्हें 15 वीं लोकसभा (4 वें कार्यकाल) के लिए फिर से चुना गया। 31 अगस्त 2009 को वे परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति के सदस्य और गृह मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य बने।

2022 के विधानसभा चुनाव में 1 लाख वोट से जीते योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहरी क्षेत्र से उन्होंने 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2017 उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया पहली बार उत्तर प्रदेश की कमान संभाली।

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