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बातचीत और पढ़ाई में पीछे हो रहा आपका बच्चा? वैज्ञानिकों ने बताई असली वजह, जानकर उड़ जाएंगे होश

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Screen Side Effects on Children: स्मार्टफोन, टेबलेट और लैपटॉप का अंधाधुंध इस्तेमाल बच्चों के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रहा है. ज्यादा स्क्रीन देखने से बच्चों की अपनी लैंग्वेज पर पकड़ कमजोर हो रही है. इसका खुलासा एक नई स्टडी में किया गया है. इस रिसर्च की मानें तो स्क्रीन पर बहुत ज्यादा समय बिताने से बच्चों की लैंग्वैज स्किल्स पर नेगेटिव असर पड़ता है और वे बातचीत के साथ लिखने-पढ़ने में कमजोर हो सकते हैं. सभी पैरेंट्स को बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करना चाहिए, ताकि उनकी भाषा पर अच्छी पकड़ बन सके.

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक एस्टोनिया में की गई रिसर्च में पता चला है कि वीडियो गेम्स, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल मीडिया ज्यादा देखने से बच्चों की ग्लॉसरी, पढ़ने की क्षमता और बातचीत की समझ कम हो सकती है. रिसर्च से पता चला कि जिन बच्चों ने दिनभर में ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताया, उनकी लैंग्वेज स्किल्स पर बुरा असर देखने को मिला. दरअसल स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत कम हो जाती है. इससे उनकी शब्दावली और पढ़ने की क्षमता में कमी आ सकती है. स्क्रीन टाइम से बच्चों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो सकती है.

वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में 400 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता के स्क्रीन टाइम, उनके बच्चों के स्क्रीन टाइम और उनके बच्चों की लैंग्वेज स्किल्स के बारे में सर्वे किया था. फ्रंटियर्स इन डेवलपमेंटल साइकोलॉजी में पब्लिश स्टडी में पता चला है कि जो माता-पिता स्क्रीन पर बहुत ज्‍यादा समय बिताते हैं, उतना ही उनके बच्‍चे भी इसका उपयोग करते है. रिसर्च की मानें तो जीवन के पहले कुछ सालों के दौरान सबसे प्रभावशाली चीज माता-पिता और बच्चे के बीच रोजाना होने वाली आमने-सामने की मौखिक बातचीत होती है. इससे बच्चे शब्दों को बोलना सीखते हैं.

रिसर्चर्स का कहना है कि स्क्रीन का कम इस्तेमाल करने वाले बच्चों ने व्याकरण और शब्दावली दोनों में अच्छा स्कोर हासिल किया. स्क्रीन के किसी भी प्रकार के उपयोग का बच्चों की भाषा पर अच्छा असर नहीं पड़ा. वीडियो गेम के लिए स्क्रीन का उपयोग करने से बच्चों की भाषा पर नेगेटिव असर पड़ा. अब तक कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ज्यादा स्क्रीन से बच्चों का डेवलपमेंट बुरी तरह प्रभावित होता है. स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों की क्रिएटिविटी कम हो सकती है और इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो सकती है. इससे सामाजिक इंटरैक्शन में कमी आ सकती है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बच्चों की भाषा को बेहतर बनाने के लिए स्क्रीन टाइम कम करें और उन्हें आउटडोर गेम्स, पढ़ाई और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए कहें. बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए एनकरेज करें और पढ़ाई को मजेदार बनाने के तरीके ढूंढें. बच्चों को परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका दें, ताकि वे वास्तविक जीवन में बातचीत और सामाजिक कौशल को बेहतर ढंग से समझ सकें. बच्चों के रुटीन में फिजिकल एक्टिविटी, खेलकूद और क्रिएटिव एक्टिविटी भी शामिल करें. इससे बच्चों का डेवलपमेंट तेजी से होगा.