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अमेरिका में कितने साल का है MBBS कोर्स, जानें फीस और एडमिशन प्रोसेस, भारत से कितना है अलग

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अमेरिका और यूरोप में मेडिकल की पढ़ाई करना बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है. हालांकि रूस, यूक्रेन और बेलारूस जैसे देशों की तरह अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई करना आसान नहीं है. साथ ही काफी महंगी भी है. इसलिए बहुत कम भारतीय छात्र अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. लेकिन दूसरी तरफ अमेरिका में डॉक्टरों की सैलरी बहुत अधिक है. आज हम जानेंगे भारत और अमेरिका में MBBS कोर्स में बेसिक अंतर और आने वाले खर्च के बारे में.

भारत और अमेरिका की MBBS डिग्री में अंतर

भारत में मेडिकल के डिग्री कोर्स की शुरुआत 12वीं के बाद होती है. यहां यूजी कोर्स आमतौर पर इंटर्नशिप सहित पांच साल का होता है. जिसमें एडमिशन 12वीं के बाद मिलता है. जबकि अमेरिका में 10वीं ग्रेड के बाद चार साल का प्री मेडिकल कोर्स होता है. अमेरिका में प्री मेडिकल के बाद चार साल का एमडी कोर्स होता है. यह एक पीजी डिग्री है.

चूंकि अमेरिका में प्री मेडिकल के बाद एमडी नाम का पीजी कोर्स होता है. इसलिए अगर कोई भारतीय छात्र अमेरिका में एमडी में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे भारत से एमबीबीएस करके जाना होता है या अमेरिका के किसी कॉलेज से प्री मेडिकल की डिग्री लेनी होती है. अमेरिका में चार साल के एमडी कोर्स में दो साल थ्योरी की क्लास होती है और दो साल क्लिनिकल ट्रेनिंग.

अमेरिका में मेडिकल कोर्स की फीस

अमेरिका में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के चार साल का एमडी कोर्स करने पर औसतन करीब 47.4 लाख रुपये (56.7 हजार डॉलर) ट्यूशन फीस पर खर्च होते हैं. इसके अलावा रहने-खाने का खर्च, हेल्थ इंश्योरेंस और वीजा संबंधी खर्च भी लगते हैं.

अमेरिका के MBBS (MD) कोर्स में एडमिशन

अमेरिका के एमबीबीएस यानी एमडी कोर्स में एडमिशन के लिए भारत की एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए, या फिर अमेरिका के मेडिकल कॉलेज से प्री मेडिकल की डिग्री होनी जरूरी है. इसके अलावा भारतीय छात्रों को IELTS पास करना होता है. साथ ही मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट (MCAT) भी पास करना होता है.

अमेरिका में MBBS के लिए स्कॉलरशिप

अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई काफी महंगी है. लेकिन कई स्कॉलरशिप भी मिलती हैं. जिसमें ट्यूशन फीस और रहने का खर्च कवर हो जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में एमबीबीएस करने पर करीब 20 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप मिल जाती है. हालांकि, यह मेडिकल कॉलेजों में भिन्न-भिन्न है. ये स्कॉलरशिप कई प्रकार की हैं, जैसे कि मेरिट बेस्ड, नीड बेस्ड, यूनिवर्सिटी स्पेसिफिक स्कॉलरशिप आदि. अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के लिए मिलने वाली टॉप स्कॉलरशिप्स-

  • हार्वर्ड मेडिकल स्कूल- करीब 57.5 लाख रुपये (68.7 हजार डॉलर)
  • स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन- करीब 58.6 लाख रुपये (70 हजार डॉलर)
  • एयूए प्रोवोस्ट स्कॉलरशिप-करीब 83 लाख रुपये (1 लाख डॉलर)
  • येल स्कॉलरशिप- करीब 41 लाख रुपये (50 हजार डॉलर)

अमेरिका के बेस्ट मेडिकल कॉलेज

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी फॉर रैंकिंग 2024 के अनुसार दुनिया के टॉप 10 मेडिकल कॉलेजों में अमेरिका की पांच यूनिवर्सिटी हैं. मेडिकी की पढ़ाई के लिए दुनिया का नंबर-1 संस्थान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भी अमेरिका के कैंब्रिज में है. ये हैं अमेरिका ही नहीं, दुनिया के बेस्ट मेडिकल कॉलेज-

  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज
  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
  • जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया
  • येल यूनिवर्सिटी

अमेरिका में डॉक्टरों की सैलरी

अमेरिका में एक डॉक्टर की सैलरी लोकेशन, स्पेशलाइजेशन, एक्सपीरियंस आदि चीजों पर निर्भर करती है. मेडिकल में सबसे अधिक सैलरी वाला फील्ड प्लास्टिक सर्जरी, कॉर्डियोलॉजी या आर्थोपेडिक है. अमेरिका में एक डॉक्टर का सालाना औसत वेतन 1.4 करोड़ रुपये है.

अमेरिका से पढ़ाई के बाद नहीं देनी होती FMGE परीक्षा

भारतीय छात्र अगर अमेरिका से मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, तो उन्हें वापस लौटकर प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) पास नहीं करना होता. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया अमेरिका के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों से अर्जित एमडी की डिग्री को मान्यता और स्वीकृति देता है.