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12 लोक अदालत, 22000 मामले…अब खुद आता है पटवारी का फोन, नहीं लगाने पड़ते तहसीलों के चक्कर

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हिमाचल प्रदेश में राजस्व मामलों के निपटारों के लिए लोक अदालतें एक मिसाल बनती हुई नजर आ रही हैं. मंडी जिले में अभी तक 12 लोक अदालतों में राजस्व विभाग ने 22 हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया है. इन लोक अदालतों को बेहतरीन प्रशासन की डगर कहें तो गलत नहीं होगा.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने करीब एक वर्ष पहले राजस्व विभाग में लंबित चल रहे मेगा अभियान छेड़ा था और लोक अदालतें लगाने कै फैसला किया था. अब प्रदेश भर की तरह मंडी जिला प्रशासन ने भी सरकार के इस निर्णय को धरातल पर उतारा है. जिला भर में गत एक वर्ष के दौरान 12 राजस्व लोक अदालतों का आयोजन हुआ जिसमें 22400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है.
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि एक वर्ष के दौरान इंतकाल के 19097, तकसीम के 1201, निशानदेही के 1652 और राजस्व रिकार्ड में त्रुटियों को सुधारने के 450 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. सभी लंबित मामलों को जिला में निपटाया जा चुका है और अब जो भी मामले आते हैं उनका तुरंत प्रभाव से निपटान कर दिया जाता है. अपूर्व देवगन ने बताया कि अब जिला प्रशासन का ध्यान उन पेचीदा मामलों की तरफ है, जिन्हें निपटाने में परेशानी पेश आ रही है। ऐसे कुछ मामले जिनमें लोगों की संलिप्तता ज्यादा है, उनमें सभी को एक मंच पर ला पाना मुश्किल होता है, लेकिन इन मामलों को निपटारे की तरफ अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

तहसील स्तर पर दो दिन लोक अदालत
राजस्व विभाग की यह लोक अदालतें हर महीने के अंतिम दो कार्यदिवसों में प्रत्येक तहसील और उप तहसील स्तर पर आयोजित की जाती हैं. तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपने क्षेत्र के किन्हीं दो स्थानों पर जाकर लोगों के लंबित मामलों का मौके पर निपटारा करते हैं. तहसीलदार बल्ह विपिन शर्मा ने बताया कि पहले लोगों को तहसीलदार और नायब तहसीलदार के टुअर की जानकारी नहीं होती थी, लेकिन अब लोगों को पता चल चुका है कि महीने के अंतिम दो कार्यदिवसों पर उन्हें तहसीलदार या नायब तहसीलदार कहां मिलेंगे. ऐसे में लोग मौके पर आकर अपने मामलों का निपटारा करवा रहे हैं.

लोगों ने जताया सरकार का आभार

लोग इन लोक अदालतों के आयोजन से संतुष्ट नजर आ रहे हैं. बल्ह तहसील निवासी रविंद्र सिंह, चंचल लता, हितेंद्र गुप्ता और देवी राम ने बताया कि पहले जहां इंतकाल या निशानदेही के मामलों में वर्षों लग जाते थे, वहीं अब यह तुरंत प्रभाव से हो रहे हैं. अब निर्धारित तारीख की जानकारी देने के लिए खुद कार्यालय से फोन आ जाता है. न कार्यालयों के चक्कर काटने की जरूरत है और न ही लंबा इंतजार करने की. इन्होंने इस अनुपम पहल के लिए सरकार का आभार जताया है. इन लोक अदालतों के दम पर यदि लोगों के मामलों का त्वरित निपटारा हो रहा है तो इस बात को कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यही बेहतरीन प्रशासन की वो डगर है जिसकी राह हर आम आदमी देखता.है। उम्मीद है कि यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहेगा और लोगों को राजस्व विभाग से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.