
भारत सरकार ने तीन एंटी-कैंसर दवाओं की कीमतों में कमी लाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके. केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने ट्रास्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब नामक दवाओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) कम करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही इन दवाओं पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को शून्य कर दिया गया है और जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
इस वजह से सरकार ने लिया ये फैसला
मंत्री ने यह भी बताया कि इस कदम का उद्देश्य कैंसर से पीड़ित मरीजों को वित्तीय राहत देना और इन दवाओं की सुलभता को बढ़ाना है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अधिसूचनाओं के अनुपालन में निर्माताओं ने इन दवाओं पर एमआरपी कम की है और राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को इस बदलाव की सूचना दी है. इसके अलावा एनपीपीए ने एक ज्ञापन जारी कर कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी दरों में कमी और सीमा शुल्क से छूट के कारण दवाओं की कीमतें घटाएं, ताकि उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल सके. उदाहरण के लिए एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड ने अपने कई फॉर्मूलेशन की कीमतों में कमी की है.
इस आदेश से होगा ये फायदा
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने अपने पत्र में यह बताया कि बीसीडी शून्य होने के कारण, दवाओं की कीमतों में कमी तब लागू होगी जब स्टॉक को बाजार में वाणिज्यिक बिक्री के लिए जारी किया जाएगा. इस निर्णय के बाद इन दवाओं की कीमतें अधिक किफायती होंगी. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. लैंसेट के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 2019 में भारत में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे और 9.3 लाख मौतें हुई थीं, जो एशिया में बीमारी के बोझ का दूसरा सबसे बड़ा योगदान है. सरकार का यह कदम कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए राहत प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी चिकित्सा जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे. सरकार का उद्देश्य कैंसर दवाओं की सुलभता बढ़ाना और मरीजों के वित्तीय बोझ को कम करना है, ताकि इलाज के लिए उन्हें अधिक पैसे न खर्च करने पड़े.