
यूपीएसससी सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस-आईपीएस बनना लाखों लोगों का सपना है. लेकिन कुछ लोग ही यह पूरा कर पाते हैं. इनमें से ही एक हैं राजस्थान के रहने वाले IFS अधिकानी अंकन बोहरा. एआई इंजीनियर अंकन बोहरा को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में दो बार दो असफलताओं का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने भारतीय वन सेवा (IFS) में शानदार कायमाबी हासिल की. एक एआई इंजीनियर से वन सेवा अधिकारी बनने बनने तक की उनकी यात्रा सामान्य से काफी अलग है, यही वजह है कि उनकी कहानी कई उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गई है.
अंकन बोहरा ने भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा ऑल इंडिया 14वीं रैंक से पास की थी. अपनी अच्छी खासी कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले वह बीटेक में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल सहित सात गोल्ड मेडल विजेता थे. उन्हें खुद पर भरोसा था कि वह एक साल के भीतर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर लेंगे. हालांकि बैक टू बैक दो असफलताओं का सामना करना पड़ा. जिसकी वजह से उनका आत्मविश्वास कम हो गया और वह निराशा में डूब गए.
16 दिन के भीतर बदल गया सब कुछ
इंडियन मास्टरमाइंड्स को दिए गए एक इंटरव्यू में अंकन बोहरा बताते हैं कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों और आईएफएस इंटरव्यू के बीच 16 दिनों में सब कुछ बदल गया. उन्होंने उन दो सप्ताह में पूरी तरह समर्पित होकर तैयारी की. इसके बाद उन्होंने आखिरकार वह सपना साकार कर लिया, जो बचपन से देखा था.
छोड़ दी 30 लाख रुपये सालाना की जॉब
अंकन बोहरा ने आईआईटी बीएचयू से साल 2020 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने सैमसंग कंपनी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर के रूप काम करना शुरू किया. जहां उन्हें सालाना 30 लाख रुपये से अधिक की सैलरी मिल रही थी. वह सैमसंग के रिसर्च विंग में काम कर रहे थे, जहां उनका फोकस स्मार्टफोन के कैमरे के एल्गोरिदम और फोटो ऑप्टिमाइजेशन पर था. हालांकि उनका बचपन का सपना सिविल सेवा में जाने का था. उन्होंने नवंबर 2021 में इसी जुनून के चलते यह हाई पेड नौकरी छोड़कर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया.
दो बार दिया यूपीएससी सिविल सेवा का इंटरव्यू
अंकन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की मुख्य परीक्षा पहले ही अटेम्प्ट में क्रैक कर ली. लेकिन इंटरव्यू राउंड में बाहर हो गए. इसके बाद उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट में भी पूरा जोर लगाया. लेकिन इस बार भी इंटरव्यू राउंड क्रैक नहीं कर सके. हालांकि वह आईएफएस में 14वीं रैंक हासिल करके वन सेवा अधिकारी बनने में कामयाब रहे.
अंकन बोहरा का फैमली बैकग्राउंड
अंकन बोहरा राजस्थान के चित्तौड़ जिले के निम्बाहेड़ा कस्बे के रहने वाले हैं. उनके पिता एक कॉलेज प्रिंसिपल हैं. जबकि उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं. वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं. उनकी 12वीं तक की पढ़ाई निम्बाहेड़ा में ही हुई है. इसके बाद उन्होंने कोटा जाकर आईआईटी की तैयारी की. उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और जेईई पास करके आईआईटी बीएचयू में दाखिला लिया.
बिना कोचिंग के पास की यूपीएससी
अंकन बताते हैं कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कभी कोचिंग नहीं ली. वह पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर थे. इसके साथ उन्होंने अपने सीनियर्स से गाइडेंस लिया. उनकी सुबह साढ़े पांच बजे होती थी और रात साढ़े 10 बजे तक सो जाते थे. अंकन बताते हैं कि वह रिवीजन पर बहुत जोर देते थे. वह अक्सर दिन में दो बार ऐसा करते थे. वह रोज सुबह उठकर हाल में पढ़ी गई बातों को दोहराते थे और फिर अपने ऑप्शनल पेपर पर फोकस करते थे. रात में सोने से पहले एक बार फिर से रिवीजन करते थे.
अंकन के अनुसार, उन्होंने पिछले वर्ष के प्रश्नों को भी हरसंभव हल करने का प्रयास किया. उन्होंने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए डिटेल नोट्स तैयार किए थे. करंट अफेयर्स से अपडेट रहने के लिए रोज अखबार पढ़ा करते थे. इन सब के साथ उन्होंने अपनी फिटनेस को कभी नजरंदाज नहीं किया. वह रोज जॉगिंग करते थे.