अगर कोई अपने घर का निर्माण करने जा रहा है, तो उसकी कॉस्ट में इजाफा हो सकता है. इसका प्रमुख कारण है सीमेंट की कीमतों में इजाफा होना. देश भर में सीमेंट डीलर्स ने दिसंबर की शुरुआत से कीमतों में इजाफा कर दिया है. जिससे डीलर मार्जिन कम हो गया है और सीमेंट कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा है. डीलर्स के अनुसार बढ़ोतरी रियल एस्टेट सेक्टर की बढ़ती डिमांड के कारण है, जो त्योहारी सीजन के बाद बेहतर लेबर अवेलेबिलिटी और इंफ्रा सेक्टर के ऑर्डर में वृद्धि से प्रेरित है. बीते करीब 5 महीनों से सीमेंट के दाम फ्लैट देखने को मिल रहे थे.
सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी
पश्चिमी भारत में सीमेंट की कीमतें सबसे ज्यादा हैं. इधर, डीलरों ने प्रति 50 किलो बैग पर करीब 5-10 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है. देश के बाकी हिस्सों में, विशेष रूप से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में, कीमतों में बढ़ोतरी अधिक हुई है. हालांकि, इन क्षेत्रों में कीमतें पश्चिमी और उत्तरी भारत की तुलना में कम हैं. डीलर्स और विभिन्न बी2बी प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग के अनुसार, पश्चिमी भारत में नई सीमेंट की कीमतें 350-400 रुपए प्रति 50 किलोग्राम बैग हैं.
दिल्ली से चेन्नई तक इजाफा
दिल्ली के सीमेंट डीलर्स के अनुसार सभी ब्रांडों की कीमतों में 20 रुपए प्रति बैग की बढ़ोतरी की गई है, क्वालिटी और ब्रांड के आधार पर नई कीमतें 340-395 रुपये प्रति बैग के बीच हैं. चेन्नई के एक बड़े सीमेंट डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार दक्षिणी भारत में, जहां सीमेंट की कीमतें सबसे कम हैं, डीलर्स ने अधिकांश ब्रांडों की कीमतों में 40 रुपए प्रति बैग तक की बढ़ोतरी की है, जिससे सीमेंट के 50 किलोग्राम बैग की कीमतें लगभग 320 रुपये हो गई हैं. पूर्वी भारत में कई महीनों के बाद कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिली है. कुछ राज्यों में त्योहार के बाद इंफ्रा और रियल एस्टेट कंस्ट्रक्शन में तेजी की वजह से डीलर्स ने 30 रुपए प्रति बैग तक का इजाफा किया है.
क्यों हो रहा है इजाफा
इनक्रेड इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में सभी रीजंस में कीमतों में लगभग 10-15 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी होगी. अपनी चैनल चेक रिपोर्ट में, InCred ने कहा कि डीलर्स को लगता है कि कीमतें “नीचे आ गई हैं”, और छोटी कीमतों में बढ़ोतरी ही आगे बढ़ने का रास्ता है क्योंकि चुनाव और मानसून से संबंधित व्यवधानों के बाद वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में तेजी देखने को मिलेगी. वैसे रिपोर्ट में कहा गया है कि नई क्षमताओं के आने के कारण मांग में वृद्धि के बावजूद ज्यादा बढ़ोतरी को लागू करना मुश्किल होगा. इसके अलावा, बड़े सीमेंट प्लेयर्स वॉल्यूम और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं और प्राइस हाइक से दूर रह सकते हैं.