हरिद्वार: हिंदू धर्म में ज्ञान की प्राप्ति करने के लिए अनेकों धार्मिक ग्रंथ हैं. हिंदू धर्म में वेद, पुराण, महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण, श्रीमद् भगवत गीता, उपनिषद आदि बहुत से धार्मिक ग्रंथ है जिनका अध्ययन करने से जीवन के सभी रहस्य से पर्दा उठ जाता है. हिंदू धर्म में मुख्य रूप से रामायण और श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन करना सबसे उत्तम और श्रेष्ठ बताया गया हैं. भगवत गीता हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है जिसमें कुल 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं
होती है प्रभु की प्राप्ति
गीता के सभी अध्यायों का अपना ही महत्व है. गीता के हर अध्याय से जीवन के अलग-अलग रहस्य की जानकारी प्राप्त होती है. वहीं गीता के एक अध्याय का पाठ करने से भगवान (प्रभु) की प्राप्ति होने का वर्णन 42 श्लोक में किया गया है. गीता का पाठ करने से आध्यात्मिक और भौतिक सभी तरह का ज्ञान प्राप्त होता है. जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
कौन सा है अध्याय
गीता के किस अध्याय का पाठ करने से भगवान की प्राप्ति और उनकी भक्ति मिलती है इसकी जानकारी लोकल 18 को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की गीता में जीवन के सभी रहस्य और समस्याओं का निवारण लिखा हुआ है. गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं. गीता के हर अध्याय का अपना ही महत्व है. ऐसे ही गीता के 10वें अध्याय ‘विभूति योग’ से आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के साथ प्रभु की प्राप्ति और उनकी भक्ति प्राप्त करने का वर्णन मिलता है
रोज सुबह करें पाठ
गीता के 10वें अध्याय ‘विभूति योग’ में परमात्मा की प्राप्ति का वर्णन 42 श्लोक के माध्यम से किया गया है. इस अध्याय में परमात्मा की सभी शक्तियों और उनके रूप का वर्णन भी किया गया है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि अगर गीता के दसवें अध्याय का पाठ रोजाना सुबह स्नानादि करके किया जाए तो भगवान की प्राप्ति हो जाती है और उनकी कृपा बनी रहती है.