Delhi:- देश के कई इलाकों में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. बीते कुछ महीनों से पॉल्यूशन बड़ी चिंता बना हुआ है. प्रदूषण के असर पर एक सर्वे किया गया है. इसमें बताया गया है कि बढ़ते पॉल्यूशन के कारण करीब 55 फीसदी लोगों को नाक, कान और गले की अलग- अलग बीमारियां हुई हैं. ये सर्वे दिल्ली, मेरठ, फ़रीदाबाद, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, रोहतक, चंडीगढ़, कानपुर जैसे शहरों में करीब 56,176 लोगों पर आधारित है. सर्वे में पता चला है कि प्रदूषण से 41 फीसदी लोगों को आंख संबंधी परेशानियां हुई हैं. इनमें आंखों से पानी आना, आंखों में जलन जैसी समस्या शामिल है.
यह सर्वे प्रिस्टिन केयर ने किया है. ईएनटी सर्जन डॉ. धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि खतरनाक वायु गुणवत्ता सभी के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है, लेकिन बच्चे विशेष रूप से इसकी चपेट में हैं. खराब हवा की वजह सेनाक और कान में संवेदनशील म्यूक्स मेमबरेन में जलन हो सकती है, इससे नाक और कान में कई समस्याएं हो जाती हैं. चूंकि कई इलाकों में प्रदूषण अभी भी बढ़ा हुआ है तो ऐसे में लोगों को मास्क पहनना और हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है. ये उन लोगों के लिए जरूरी है जहां कई निर्माण स्थल हैं और वहां की हवा में गंदगी और प्रदूषक ज्यादा है.
आंखों की सेहत भी बिगड़ रही:- डॉ धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि प्रदूषण का असर नाक और कान नहीं बल्कि आंखों पर भी हो रही है. आंखों में जलन, पानी आना जैसी परेशानी आम हो गई है. ऐसे मेंआंखों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. लोगों को चश्मे और आंखों में आई ड्रॉप डालने की सुविधा दी जानी चाहिए. लोगों को सलाह है कि प्रदूषण और स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभाव को कितना हल्के में न लें. अगर आंखों और ईएनटी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं तो डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.
ये लोग बरतें विशेष सावधानी:- प्रदूषण का असर वैसे तो सभी को होता है, लेकिन बुजुर्ग बच्चे और गर्भवती महिलाओं को इससे बचाव की खास जरूरत है. क्योंकि इन लोगों की इम्यूनिटी भी कमजोर होती है. ऐसे में इनको प्रदूषण से गंभीर असर हो सकता है.