नीतीश कुमार रेड्डी एक बार फिर भारतीय टीम के लिए संकटमोचक बनकर उभरे. उन्होंने मेलबर्न में ऐतिहासिक शतक लगाकर मुकाबले में फिर से जान फूंक दी और टीम इंडिया की वापसी कराई. बॉक्सिंग डे टेस्ट में उनके शतक ने फैंस में खुशी लहर पैदा कर दी. लेकिन एक शख्स ऐसा भी था, जो उनकी पारी देखकर रो पड़ा. वो शख्स कोई और नहीं नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी हैं. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के ऐतिहासिक स्टेडियम में जैसे ही उनके बेटे ने शतक लगाकर बैट उठाया, 80 हजार दर्शक उनके सम्मान खड़े हो गए. ये देखकर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया. वो उसी वक्त फफक-फफक कर रो पड़े. उन्होंने ऊपर देखकर भगवान को याद किया और हाथ जोड़ लिए. इस पल ने उनके जीवन भर के संघर्ष को सफल कर दिया.
पूरा हुआ सालों पुराना बदला:- नीतीश का शतक एक ऐसे समय में आया जब भारतीय टीम ने 191 रन पर ही 6 विकेट गंवा दिए थे और फॉलोऑन बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी. लेकिन नीतीश ने दिखा दिया कि वो किस मिट्टी के बने हैं. इससे पहले उनके सेलेक्शन पर ही सवाल उठ रहे थे. मेलबर्न टेस्ट के प्लेइंग XI में होने पर कई क्रिकेट एक्सपर्ट ने सवाल उठाए थे. नीतीश ने एक अहम समय में शतक लगाकर ना सिर्फ उनको जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने पिता पर सवाल उठाने वालों और ताना मारने वालों रिश्तेदारों की भी बोलती बंद कर दी. इस तरह उन्होंने सालों पुराना बदला भी पूरा किया.
नौकरी छोड़ने पर रिश्तेदार मारते थे ताना:- नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला रेड्डी के पिता हिंदुस्तान जिंक में सरकार नौकरी करते थे. लेकिन उनके होम टाउन विशाखापट्टनम में काम बंद हो गया और उन्हें उदयपुर ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बेटे की क्रिकेट ट्रेनिंग प्रभावित ना हो इसके लिए उन्होंने अपनी 25 साल की सरकारी नौकरी छोड़कर रिटायरमेंट ले लिया. अब वो पूरी तरह रिटायरमेंट फंड के पैसों पर निर्भर थे. इससे उन्हें पैसों की काफी तंगी होने लगी. तब उन्हें अपने रिश्तेदारों से काफी ताना सुनने को मिला. हर कोई इस फैसले की आलोचना करने लगा. हालांकि, नीतीश की मां ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया. इसके बाद वो पूरी तरह अपने बेटे की ट्रेनिंग पर फोकस करने लगे और अब जाकर मेलबर्न में उनके संघर्ष का फल मिला है.