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कौन है ये ‘बाबा’ का भरोसेमंद IAS, जिसके कंधों पर महाकुंभ की जिम्मेदारी

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 महाकुंभ :  प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ का आगाज हो चुका है. मंगलवार को महाकुंभ का पहला अमृत स्नान है. हजारों साधु-संतों के साथ करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगा रहे हैं. सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. इस साल महाकुंभ की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी विजय किरण आनंद को दी गई है. विजय किरण आनंद के नेतृत्व में महाकुंभ को भव्य और ऐतिहासिक बनाने की पूरी उम्मीद है.

कौन हैं विजय किरण आनंद
साल 2009 के यूपी कैडर के आईपीएएस अधिकारी हैं विजय किरण आनंद. उनका जन्म बेंगलुरू में हुआ है. उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी पढ़ाई की है. विजय किरण आनंद की पहली पोस्टिंग बागपत जिले में एसडीएम के तौर पर हुई थी. यहां उन्होंने दो साल तक सेवा दी थी. इसके बाद उनका ट्रांसफर बाराबंकी जिले में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर हुआ था. इसके बाद मैनपुरी, उन्नांव, फिरोजाबाद, वाराणसी और शहाजहांपुर में जिला कलेक्टर के तौर पर विजय किरण आनंद ने काम किया. बता दें कि साल 2017 और 2019 में विजय किरण आनंद माघ मेला और अर्द्ध कुंभ मेला के अधिकारी रह चुके हैं.

विजय किरण आनंद इस साल महाकुंभ 2025 के मुख्य अधिकारी हैं. विजय के अनुभव को देखते हुए साल 2024 में महाकुंभ 2025 के लिए मेलाधिकारी नियुक्त किया गया था. विजय किरण आनंद जब गोरखपुर के डीएम थे तब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया था. सिविल सर्विसेज के मौके पर पीएम मोदी ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था. महाकुम्भ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को सुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है. इस बीच, सुबह दस बजे तक एक करोड़ 38 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. मेला प्रशासन ने यह जानकारी दी.

अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने हर हर महादेव के घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया. अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतन गिरी जी महाराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हर 12 साल में पूर्ण कुम्भ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुम्भ होने पर 144 साल बाद यह महाकुम्भ आता है. बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुम्भ में स्नान का अवसर मिलता है.”

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