राधेश्याम सोनवानी गरियाबंद :गरियाबंद के अपर सत्र न्यायालय ने आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के एक मामले में आरोपी के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर सजा सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए भा.दं.संहिता की धारा 306 के तहत सात साल का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी कोमलदास मानिकपुरी के विरुद्ध भा.दं.संहिता की धारा 306 के अंतर्गत आरोप था कि घटना दिनांक 14/10/2023 की रात्रि लगभग 10 बजे से दिनांक 17/10/2023 की दोपहर 12 बजे के मध्य ग्राम मजरकट्टा स्थित नया तालाब के पास एक खेत में मृतिका खुशबू ध्रुव के साथ अवैध रिश्ता रखकर मोबाइल से उसकी आपत्तिजनक फोटो खींचकर उसे ब्लैकमेल कर उक्त फोटो को वायरल कर उसे आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किया, जिसके कारण मृतिका खुशबू ध्रुव के द्वारा लोक लाज के भय से फांसी लगाकर आत्महत्या की गई। बताया गया कि इस घटना के पूर्व मृतिका के पति झुमुकलाल के द्वारा दिनांक 15/10/2023 को अपने घर की छत से कूदकर आत्महत्या की गई, जिसकी अन्य प्रकरण में जांच की जा रही है। मृतिका की सास रूखमणी ध्रुव के द्वारा प्रस्तुत शिकायत की उसके पुत्र झुमुकलाल एवं पुत्रवधु खुशबू ध्रुव को आत्महत्या के लिए आरोपी कोमलदास मानिकपुरी द्वारा प्रताड़ित किया गया। संपूर्ण जांच पर आरोपी कोमलदास के विरुद्ध अपराध धारा सदर के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध धारा का सबूत पाए जाने से थाना गरियाबंद में धारा 306 भा.दं.संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
प्रकरण में संपूर्ण अन्वेषण पूर्ण उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध धारा 306 भा.दं.संहिता के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद के समक्ष दिनांक 01/01/2024 को अभियोग पत्र पेश किया गया तथा उपार्पण आदेश दिनांक 05/01/2024 के अनुसार प्रकरण दिनांक 10/01/2024 को इस न्यायालय को प्राप्त होने पर विचारण प्रारंभ किया गया। संपूर्ण साक्ष्य विवेचना उपरांत न्यायालय ने अभियुक्त कोमलदास मानिकपुरी को भा.दं.संहिता की धारा 306 के अंतर्गत आरोप में दोषी पाकर दोषसिद्ध किया गया। प्रकरण की समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों एवं समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए इस प्रकार के अपराध को तथा प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त द्वारा कारित अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी कोमलदास को 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं अर्थदंड की अदायगी में व्यतिक्रम किए जाने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाएगा।