वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। पद संभालने के बाद वह एक्शन में नजर आने वाले हैं। व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। ओवल आफिस डेस्क पर ये उनका इंतजार कर रहे होंगे, जिसे उनकी टीम ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के लिए तैयार कर रखा है। सोमवार को होने वाले डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कार्यकारी आदेशों पर करेंगे हस्ताक्षर
बता दें कि जिन कार्यकारी आदेशों पर डोनाल्ड ट्रंप हस्ताक्षर करने वाले हैं उनका मुख्य उद्देश्य चुनावी वादों को पूरा करना है। एनबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह पहले दिन कार्यकारी आदेशों की रिकार्ड संख्या पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति द्वारा एकतरफा जारी आदेश है, जो कानून की तरह शक्ति रखता है। कानून के विपरीत कार्यकारी आदेशों को कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस उन्हें पलट नहीं सकती, लेकिन अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
ये विषय होंगे खास
ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक स्टीफन मिलर ने बताया कि इसमें मुख्य रूप से पांच विषय शामिल होंगे। दक्षिणी सीमा को सील करना, सामूहिक निर्वासन, महिलाओं के खेल से ट्रांसजेंडर लोगों को रोकना, ऊर्जा अन्वेषण पर प्रतिबंध हटाना और सरकारी दक्षता में सुधार करना। कार्यकारी आदेशों में उनके समर्थकों को माफ करने की उम्मीद है, जिन्हें चार साल पहले छह जनवरी को कैपिटल हिल हमले में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। ट्रंप की ओर से बाइडन के कुछ कार्यकारी आदेशों को वापस लेने की भी उम्मीद है। उनमें से पेरिस जलवायु समझौता, जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर प्रतिबंध हटाना प्रमुख हैं।
7,800 गार्ड सैनिक ड्यूटी पर रहेंगे
ट्रंप के शपथ ग्रहण के दिन चालीस से अधिक राज्यों और अमेरिकी क्षेत्रों से लगभग 7,800 गार्ड सैनिक ड्यूटी पर होंगे। अधिकारियों ने बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य प्रमुख संबंधित सेवाओं के कार्यवाहक के रूप में पदभार संभालेंगे। जैसा कि प्रथा है, सभी वर्तमान राजनीतिक नियुक्तियों वाले मंत्री-अधिकारी 20 जनवरी को दोपहर 12 बजे से ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इससे रक्षा विभाग में सैकड़ों पद रिक्त हो जाएंगे, जिनमें दर्जनों ऐसे पद शामिल हैं जिनके लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
मां की निशानी रहेगी साथ
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे तो इस दौरान उनकी मां की निशानी उनके साथ होगी। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से जुड़ी समिति ने बताया कि वह अपनी मां द्वारा दी गई बाइबल और लिंकन बाइबल का इस्तेमाल अपने शपथ ग्रहण के दौरान करेंगे। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की मां ने 1955 में न्यूयॉर्क के जमैका में उनको बाइबल दिया था। तब डोनाल्ड ट्रंप फर्स्ट प्रेस्बिटेरियन चर्च में प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने तब से अपनी मां से मिली इस बाइबल को संभाल कर रखा है। इस बाइबल के कवर के निचले हिस्से पर ट्रंप का नाम लिखा है। समिति ने बताया कि इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह में लिंकन बाइबल का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
कौन दिलाता है शपथ
अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को शपथ दिलाने का जिम्मा संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स) के पास होता है। अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख की अगुवाई में नए राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को संविधान के अनुसार निभाने की शपथ लेते हैं। यह शपथ बेहद साधारण शब्दों में होती है। इसमें राष्ट्रपति इस बात की शपथ लेता है कि वह अमेरिका के संविधान का पालन करेगा। अपने पद की जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएगा।