हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. माघ महीने में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या व माघी अमावस्या कहलाती है. माघ अमावस्या पर पतिरों का तर्पण करने और आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है.स साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान-दान, पितृ तर्पण सहित मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है. बता दें कि इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन भी करना चाहिए. जिससे कि व्रत का पूरा फल मिल सके. तो आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन कौन से मंत्रों का जाप शुभ फलप्रदान करता हैं और किन नियमों का पालन इस दिन करना चाहिए.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 07:35 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी. चूंकि हिन्दू धर्म में उदयातिथि को मान्य किया जाता है इसलिए मौनी अमावस्या 29 जनवरी के दिन मनाई जाएगी.
मौनी अमावस्या पूजन मंत्र
ॐ पितृ देवतायै नम:
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।
मौनी अमावस्या भूलकर भी ना करें ये काम
मौनी अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है. ऐसे में इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे की पितरों को कष्ट पहुंचे. मौनी अमावस्या पर आपको मदिरा पान और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन नाखून, बाल, मुंडन नहीं करवाना चाहिए. इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए
मौनी अमावस्या के दिन इन नियमों का करें पालन
1. मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा नहीं या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और अगर ऐसा संभव ना होतो पानी में गंगाजल मिलाकर उसमें स्नान करना चाहिए.
2. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें, व इस दिन स्नान करने से पहले मौन रहना चाहिए और जरुरतमंदों की मदद करना चाहिए.
3. इस दिन सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए और विचार भी सात्विक रखना चाहिए.
4. मौनी अमावस्या पर पितरों का पिंडदान व तर्पण करना चाहिए.