वैज्ञानिकों ने कहा है कि बर्ड फ्लू यानी एछ5एन1 वायरस के स्ट्रेन में लगातार म्यूटेशन हो रहा है. इस वायरस के एक स्ट्रेस में 9 म्यूटेशन देखे गए हैं. यही कारण है कि वायरस काफी घातक हो रहा है. ये अब जानवरों और इंसानों दोनों को ही संक्रमित कर रहा है, जबकि बर्ड फ्लू से पक्षी ही ज्यादा संक्रमित होते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस में हो रहे म्यूटेशन के कारण ही यह अधिक संक्रामक और खतरनाक बन गया है. बीते दिनों इस वायरस से बिल्लियों और चीतों की भी मौत हो चुकी है. ऐस में आने वाले दिनों में खतरा बढ़ता नजर आ रहा है.
बर्ड फ्लू के वायरस को एवियन इंफ्लूएंजा भी कहते हैं. बीते कुछ महीनों से भारत से लेकर अमेरिका तक इस वायरस के मामले सामने आए हैं. कुछ समय से ये वायरस इंसानों को संक्रमित कर रहा है और उनकी मौत का कारण भी बन रहा है. चूंकि इस वायरस से इंसानों में मृत्युदर काफी अधिक है. ऐसे में बढ़ते मामलों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है. अमेरिका के कुछ इलाकों में बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन के केस आए हैं. यह वायरस जॉर्जिया में भी फैल रहा है.
क्यों हो रहे वायरस में म्यूटेशन?
टेक्सास बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बर्ड फ्लू संक्रमण पर रिसर्च की है. इसमें बताया गया है कि बीते कुछ सालों से बर्ड फ्लू का वायरस म्यूटेट हो रहा है. यह दुनियाभर में एक बड़ा खतरा बन रहा है.चूहों पर किए गए अध्ययन में पता चला है कि वायरस में म्यूटेशन हो रहे हैं . कुछ महीनों में मवेशियों और कच्चे दूध में बर्ड फ्लू का पता चला था, ये स्ट्रेन उससे भी अलग है. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए म्यूटेशन करता है, लेकिन बर्ड फ्लू के वायरस में 9 म्यूटेशन हो गए हैं, जो खतरनाक हो सकता है. ऐसे में इस वायरस को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है. बीते दिनों अमेरिका में बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आए थे. इस वायरस से बिल्लियों की मौत भी हुई थी. अमेरिका में गायों में भी इस वायरस का संक्रमण हुआ था.