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नई दिल्ली: बुधवार सुबह संगम क्षेत्र में माघ मेला के दौरान धार्मिक जुटान में कई लोगों के लिए दुःस्वप्न बन गई, जब करोड़ों श्रद्धालु माघ अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान के लिए जगह पाने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे. इस घटना में कई लोगों की जान चली गई. हालांकि, यह दुखद घटना अनोखी नहीं है, क्योंकि भारत में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों में भगदड़ के कारण कई बार जान-माल का नुकसान हुआ है.
हाल के वर्षों में धार्मिक सभाओं में भगदड़ के कारण हुई सबसे बड़ी घटनाओं में से एक पिछले साल 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वघोषित बाबा, भोले बाबा के ‘सत्संग’ के दौरान हुई थी. इसमें 121 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश महिलाएं थीं.
महाराष्ट्र के मंधरदेवी मंदिर हुई थी 340 मौतें
इसी तरह, 2005 में महाराष्ट्र के मंधरदेवी मंदिर में 340 से अधिक भक्तों की मौत हो गई थी और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में कम से कम 250 लोग मारे गए थे. 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक सभा में भगदड़ के कारण 162 लोगों की जान चली गई थी.