Home आस्था गंगा उजली लेकिन यमुना क्यों है काली… जानें क्या कहता है इतिहास?

गंगा उजली लेकिन यमुना क्यों है काली… जानें क्या कहता है इतिहास?

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शोमैन राज कपूर निर्मित सत्यम् शिवम् सुंदरम् फिल्म में लता मंगेशकर का गाया लोकप्रिय गीत आप सबको याद होगा- राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला…! इस आध्यात्मिक सवाल का अब तक कोई जवाब नहीं मिल सका है. लेकिन क्या कभी सोचा है गंगा का पानी उज्जवल यानी साफ क्यों होता है और यमुना नदी के पानी का रंग काला या नीला क्यों होता है? इन दिनों इसी यमुना नदी के पानी पर विवाद छिड़ा है. विवाद रंग से कहीं आगे बढ़कर ज़हर के आरोप तक चला गया है. दिल्ली से लेकर हरियाणा तक इस मुद्दे पर सियासी जंग छिड़ी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के अमोनिया और ज़हर वाले बयान पर चुनाव आयोग को भी संज्ञान लेना पड़ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी जनसभा में ज़हर वाले बयान को अनुचित बताया है.

गंगा ज्ञान तो यमुना भक्ति का प्रतीक

गंगा नदी की तरह की यमुना नदी की भी अनेक पौराणिक कहानियां हैं. गंगा को ज्ञान का प्रतीक कहते हैं तो यमुना को भक्ति का. दोनों के संगम में ज्ञान और भक्ति समाहित हैं. हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी तहजीब का भी एक मुहावरा प्रसिद्ध है. इसमें जाति और धर्म का भेद नहीं है. नदियां सभी के लिए होती हैं. जल से जीवन का कल्याण होता है. गंगा और सरयु से जुड़ी श्रीराम की कथा प्रसिद्ध है तो यमुना से श्रीकृष्ण की अनेक कथाएं जनमानस में प्रचलित हैं. फिल्मों में भी गाया गया है- तू गंगा की मौज मैं यमुना की धारा… हिंदी साहित्य में यमुना से जुड़े अनेक नजीर हैं. भक्त कवि सूरदास से लेकर राष्ट्रीय चेतना की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान तक ने यमुना और श्रीकृष्ण से जुड़ी कविताएं लिखी हैं. यह कदम्ब का पेड़ अगर मां होता यमुना तीरे… मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे… इस कविता की पंक्तियां इसी भाव का बोध कराती हैं.

यमुना का धार्मिक-पौराणिक पहलू

अब यमुना नदी के धार्मिक और पौराणिक पहलू पर चर्चा करते हैं. जैसा कि इस आर्टिकल में पहले ही बताया गया कि गंगा ज्ञान का तो यमुना भक्ति रस का प्रतीक है. तो जाहिर है यमुना का भारतीय वांगमय में अपना उचित स्थान भी है. पुराणों में यमुना के रंग को श्रीकृष्ण के रंग से जोड़ा गया है. यमुना को श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन नदी भी कहा जाता है. भक्ति साहित्य कहता है यमुना सरस्वती की सहायक नदी है जो बाद में गंगा में मिल जाती है. उस मिलन स्थल को संगम कहते हैं. शास्त्र में यमुना को यमराज की बहन का दर्जा भी दिया गया है. यमराज का रंग काला है इसलिए यमुना भी काली है. मिथक कहता यमुना और यमराज सूर्य की दूसरी पत्नी छाया की संतानें हैं. छाया दिखने में काली थी- इसलिए यमुना और यमराज का रंग भी काला है. पौराणिक कथा ये भी है कि श्रीकृष्ण ने यमुना में ही कालिया नाग का वध किया था. कालिया नाग के विष से ही नदी का रंग काला हो गया.

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