
नई दिल्ली : देश की फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने संसद में अपना आठवां बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बजट को लेकर कई घोषणाएं की। वहीं बिहार राज्य के लिए बजट में काफी कुछ दिया गया है।
मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड का गठन करने की भी बात कही गई है। वहीं देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बजट को आम आदमी का बजट बताया है। बात अगर निर्मला सीतारमण की साड़ी की करें तो वह इस बार बिहार के मधुबनी की प्रिंटेड साड़ी पहनकर संसद पहुंची। उनकी इस साड़ी की काफी चर्चा हो रही है। मधुबनी की साड़ी अपने खास फैबरिक और डिजाइन के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं।
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मधुबनी की साड़ी भारत की एक पारंपरिक और प्रसिद्ध साड़ी है, जो अपनी अनोखी डिज़ाइन, रंगों और बनावट के लिए जानी जाती है। आज हम आपको यहां बिहार के मधुबनी की साड़ी की कुछ खासियतें बता रहे हैं।
1. अनोखी डिज़ाइन: मधुबनी की साड़ी में अनोखी और जटिल डिज़ाइन होती है, जो प्राकृतिक और मिथकीय विषयों पर आधारित होती हैं। यह डिजाइन लोग काफी पसंद करते हैं।
2. रंगों की विविधता: मधुबनी की साड़ी में विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है, जो इसे आकर्षक और मनमोहक बनाता है। इसका एक हिस्सा सिंपल तो दूसरी तरफ कई रंगों का कंबिनेशन होता है। जिसको महिलाएं काफी पसंद करती हैं।
3. हाथ से बनाई जाने वाली: मधुबनी की साड़ी हाथ से बनाई जाती है, जो इसे एक अनोखा और विशेष स्पर्श देती है। एक साड़ी बनाने में कारीगरों को कई दिन लगते हैं।
4. पारंपरिक तकनीक: मधुबनी की साड़ी बनाने के लिए पारंपरिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जो इसे एक समृद्ध और ऐतिहासिक महत्व देती है।
5. महिलाओं के लिए एक प्रतीक: मधुबनी की साड़ी महिलाओं के लिए एक प्रतीक है, जो उनकी सुंदरता, गरिमा और संस्कृति को दर्शाती है। मधुबनी की साड़ी विशेष अवसरों पर पहनी जाती है, जैसे कि शादियों, त्योहारों और अन्य समारोहों में। वहीं मधुबनी की साड़ी एक कलात्मक उत्पाद है, जो कला और संस्कृति के प्रति एक गहरा सम्मान दर्शाती है। इन खासियतों के कारण, मधुबनी की साड़ी एक अनोखा और विशेष उत्पाद है, जो भारतीय संस्कृति और कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।