
ये हैं शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की मूर्ति को पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति को विराजमान कर पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा उत्तर पूर्व दिशा में भी मां सरस्वती की मूर्ति को स्थापित किया जा सकता है। इससे धन में वृद्धि होती है। साथ ही करियर में सफलता मिलती है।
अगर आप जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन चाहते हैं, तो मां सरस्वती की मूर्ति को घर की उत्तर दिशा में विराजमान करें। इस दिशा में मां सरस्वती की उपासना करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। साथ ही मां शारदे प्रसन्न होती हैं।
किस मुद्रा में होनी चाहिए मूर्ति
मां सरस्वती की मूर्ति कमल पुष्प पर बैठी हुई मद्रा में होनी चाहिए। इस तरह की मद्रा को शुभ माना जाता है। इसके अलावा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में देवी सरस्वती की मूर्ति को घर लाना चाहिए।
एक बात का खास ध्यान रखें कि खंडित मूर्ति को विराजमान नहीं करना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित ना करें।
वसंत पंचमी 2025 डेट (Basant Panchami 2025 Date)वदीन पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर होगा। वहीं, इस तिथि का समापन 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। इस प्रकार 02 फरवरी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा।