
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर तीन दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं. इस दौरान वे मंगलवार (11 फरवरी) को आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे. समिट में एआई से जुड़ी चुनौतियों और इसके संभावित खतरों पर चर्चा होगी. इसके बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे जिसमें दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपति शामिल होंगे.
12 फरवरी को पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इस यात्रा के दौरान मार्सेय में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का भी उद्घाटन किया जाएगा. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी जिसमें रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी.
दुनियाभर के नेता और टेक विशेषज्ञ AI समिट में होंगे शामिल
इस एआई समिट में दुनियाभर के नेता, टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ और उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई समेत 80 देशों के प्रतिनिधि इस समिट का हिस्सा होंगे. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने विशेष दूत को इस सम्मेलन में भेज रहे हैं. इस बैठक का उद्देश्य AI के सही इस्तेमाल के लिए वैश्विक नीतियों का निर्धारण करना है.
चीन के ‘डीपसीक’ AI टूल से बढ़ा तकनीकी टकराव
AI टेक्नोलॉजी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा इस सम्मेलन का अहम मुद्दा हो सकता है. चीन के कम लागत वाले एआई टूल ‘डीपसीक’ के चलते तकनीकी वर्चस्व को लेकर बीजिंग और वाशिंगटन के बीच टकराव बढ़ गया है. इससे पहले ब्रिटेन में 2023 के AI समिट में 28 देशों ने एआई जोखिमों से निपटने के लिए एक गैर-बाध्यकारी संकल्प लिया था. फ्रांस में होने वाली इस बैठक में एआई के सुरक्षित और नैतिक इस्तेमाल पर अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है.