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लोहे की कड़ाही में भूलकर भी न पकाएं ये चीजें, सेहत के हो सकता है खतरनाक?

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यदि आपको स्वस्थ रहना है तो स्टेनलेस स्टील के बर्तन या मिट्टी के बर्तन और लोहे के बर्तनों में खाना पका कर खाएं, क्योंकि खाना पकाने के लिए आजकल लोग जो अलग-अलग तरह के बर्तनों जैसे एल्युमीनियम, स्टील, नॉन-स्टिक कुकवेयर आदि का उपयोग करते हैं, वह जानलेवा हो सकता है. बता दें, नॉन-स्टिक के बर्तनों में खाना पकाने से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक नॉन-स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. आजकल लोग बीमारियों के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं. यही वजह है कि जो लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहते हैं, लेकिन लोहे के बर्तनों का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हो गया है. विशेष रूप से, कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों को लोहे के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए. खबर में जानें कि वे कौन-कौन से फूड आइटम्स हैं…

विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ फूड आइटम्स को लोहे के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए. जैसे कि एसिडिक फूड्स आइटम्स, पालक, चुकंदर और अंडे आदि. बता दें, लोहे की कड़ाही में नींबू, टमाटर या सिरका जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ पकाने से भोजन का स्वाद लोहे जैसा या खराब हो सकता है. लोहे की कड़ाही में पकी हरी सब्जियां भी जल्दी काली हो जाती हैं.

इन कारणों से कुछ फूड आइटम्स को लोहे के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए

जब अण्डों को लोहे के बर्तन में पकाया जाता है तो वे बर्तन से चिपक जाते हैं. इसे न केवल साफ करना कठिन है, बल्कि इससे खाना भी मुश्किल हो सकता है. इसलिए अण्डों को लोहे के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए. टमाटर स्वाभाविक रूप से अत्यधिक अम्लीय होते हैं. यदि टमाटर को लोहे के बर्तनों में बहुत अधिक पकाया जाए तो यह लोहे के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और भोजन का स्वाद बदल सकता है. इसके अलावा, कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. विशेष रूप से, शरीर में लौह का उच्च स्तर जमा हो सकता है और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

पनीर, दही और अन्य डेयरी उत्पादों को लोहे के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए. जब इन्हें लोहे के साथ मिलाया जाता है तो स्वाद पूरी तरह बदल जाता है. इसके अलावा, जब डेयरी उत्पादों को लोहे के बर्तनों में पकाया जाता है, तो उनका रंग खराब हो जाता है और वे देखने में भी अच्छे नहीं लगते. चूकि मछली बहुत नरम होती है, इसलिए लोहे के बर्तन में पकाने पर वह टूट सकती है. इसके अलावा, जब लोहे के बर्तनों को गर्म किया जाता है, तो मछली के प्रोटीन में परिवर्तन आ सकता है, जिससे उनका स्वाद और बनावट बदल जाती है.

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