
महाराष्ट्र:महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के राजापुर में हाल ही में होली के जुलूस का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसने बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा और इससे विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की
इस वीडियो में होली के पारंपरिक उत्सवों में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच की तालमेल की परंपरा को दिखाया गया है. रत्नागिरी के राजापुर में वर्षों से एक अनोखी होली परंपरा मनाई जाती है, जो सामुदायिक सद्भाव का प्रतीक है. इस उत्सव के दौरान, हिंदू समुदाय के सदस्य एक बड़े नारियल के पेड़ को तोड़ते हैं.
फिर इस पेड़ को फिर एक स्थानीय मस्जिद की सीढ़ियों के पास लाया जाता है, जहां इसे एक रस्म के हिस्से के रूप में छुआ जाता है. इसके बाद, मुस्लिम समुदाय नारियल देकर अपने हिंदू साथियों का स्वागत करता है. यह आदान-प्रदान होलिका दहन के साथ खत्म होता है, जो समुदायों के बीच एकता और आपसी सम्मान का प्रतीक है. हाल के जुलूस में, कुछ प्रतिभागियों ने मस्जिद के पास उत्तेजक नारे लगाए, जो परंपरागत प्रथाओं से भिन्न थे. हालांकि मुस्लिम समुदाय द्वारा कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई, रत्नागिरी पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए घटना के खिलाफ लगभग 15 से 16 व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज किए.
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
फिलहाल अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस ने जोर देकर कहा है कि क्षेत्र में कोई साम्प्रदायिक तनाव नहीं है और स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है. उन्होंने जनता को अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है और सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों की जांच शुरू कर दी है. इस वायरल वीडियो ने एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का ध्यान खींचा. जिन्होंने इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया. अपनी पोस्ट में, ओवैसी ने मस्जिद पर हमले की चिंता जाहिर की और इसे पिछले घटनाओं से जोड़ा.
प्रशासन की सफाई
ओवैसी के दावों के विपरीत रत्नागिरी पुलिस ने साफ किया कि यह घटना मस्जिद पर हमला नहीं थी. उन्होंने दोहराया कि जुलूस एक पुरानी परंपरा का हिस्सा था और राजापुर में स्थिति सामान्य है. अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे असत्यापित जानकारी फैलाने या उस पर विश्वास करने से बचें, जिससे सामुदायिक सद्भावना में बाधा आ सकती है.