
चुनाव आयोग ने आधार को वोटर कार्ड जोड़ने का फैसला ले लिया है. इसे संविधान की धारा 326, RP कानून के मुताबिक जोड़ा जाएगा. काफी लंबे वक्त से आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने का मसला लंबित था क्योंकि 10 साल पहले जब चुनाव आयोग ने आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने की शुरुआत की थी तो मामला कोर्ट में चला गया था और फिर रोकना पड़ा था. इसी बीच विपक्षी दलों ने फर्जी वोटिंग के आरोप लगाए. यहां तक कहा कि एक EPIC नंबर पर दो-दो वोटर रजिस्टर्ड हैं. फिर क्या था, चुनाव आयोग को मौका मिल गया और उसने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. लेकिन इस फैसले से कुछ दलों की टेंशन बढ़ने वाली है, समझिए कैसे?
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रही है. कई वोटर्स के मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) नंबर एक जैसे हैं. यानी एक EPIC नंबर पर कई-कई वोटर बनाए जा रहे हैं. ममता ने तो यहां तक कह दिया कि यूपी-बिहार से लोगों को लाकर बंगाल में वोटर बनाया जा रहा है. चुनाव आयोग ने सारी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि EPIC संख्या में दोहराव का मतलब फर्जी या डुप्लीकेट मतदाता नहीं है. लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं है. अब आधार से वोटर आईडी जुड़ने पर एक ही EPIC नंबर होगा. दोहराव या फर्जी वोटिंग की कोई गुंजाइश नहीं होगी.
आधार-वोटर आईडी जुड़े तो क्या फायदा?
1. फर्जी वोटिंग पर लगाम
कई बार एक ही व्यक्ति के पास अलग-अलग क्षेत्रों में एक से अधिक वोटर आईडी होती हैं. आधार लिंकिंग से ऐसे डुप्लीकेट वोटर कार्ड को हटाया जा सकेगा. यानी एक आदमी सिर्फ एक ही जगह का वोटर रहेगा. वहीं वोट कर पाएगा.
2. मतदाता सूची में सफाई
सबसे बड़ी बात, आधार से जुड़ते ही मर चुके लोगों, कहीं दूसरी जगह रह रहे लोगों और फर्जी वोटरों को हटाने में मदद मिलेगी. इससे वोटर लिस्ट एकदम नई होगी. आधार के जरिए वोटरों का वैरिफिकेशन आसान और सरल होगा.
3. बोगस वोटिंग नहीं
आधार के जुड़ने से चुनाव में बोगस वोटिंग और फर्जी पहचान से बचाव होगा. आधार बनवाने के लिए वैरिफिकेशन काफी सख्त होता है. कई डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. इसलिए रोहिंग्या या अवैध बांग्लादेशी वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे.
4. डिजिटल वोटिंग हो पाएगी
भविष्य में अगर ई-वोटिंग जैसी सुविधा लागू होती है तो आधार लिंकिंग से सुरक्षित आसान तरीके से मतदान संभव हो पाएगा. क्योंकि इससे आपको एक पासवर्ड या आर्डडी भेजी जा सकेगी, जो आपके फोन से लिंक होगी और वोटिंग कर पाएंगे.
किन दलों को होगी टेंशन
कई जगह अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी वोटर बन गए हैं. इनकी पसंद भी कुछ खास दल होते हैं. ऐसे दलों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि जैसे ही आधार से वैरिफिकेशन होगा, इनमें से ज्यादातर वोटर बाहर हो जाएंगे. वे वोट नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा जो डुप्लीकेट वोटिंग का दावा किया जाता है, उसका सवाल भी कोई नहीं उठा पाएगा.