
अमित शाह ने एलान किया कि तमिलनाडु में राजग की सरकार बनने के बाद तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की जाएगी। पुराने भाषा विवाद की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि भाषा के नाम पर देश के बंटवारे के लिए बहुत हो चुका और अब और नहीं होना चाहिए।
देश भाषा विवाद से काफी आगे निकल चुका है-शाह
उनके अनुसार, देश भाषा विवाद से काफी आगे निकल चुका है और अब बात विकास पर होनी चाहिए। उन्होंने भाषा की आड़ में घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार छिपाने की द्रमुक की कथित साजिश का गांव-गांव जाकर पर्दाफाश करने का एलान किया।
कोई सरकार किसी भाषा का विरोधी कैसे हो सकती है
अमित शाह ने भाषा विवाद पर हैरानी जताते हुए कहा कि कोई सरकार किसी भाषा का विरोधी कैसे हो सकती है। वह खुद गुजरात से और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तमिलनाडु से आती हैं। हम किसी भी भाषा का विरोध कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की एक-एक भाषा हमारी संस्कृति का गहना है।
हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं, बल्कि सबकी सखी है और वे एक-दूसरे को समृद्ध करती हैं। अमित शाह ने सदन को बताया कि गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के अंतर्गत भारतीय भाषाओं का एक नया विभाग स्थापित किया गया है।
दो घंटे से अधिक के अपने भाषण में अमित शाह ने विस्तार से आंतरिक सुरक्षा, ड्रग्स तस्करी, आतंक व अलगाववाद पर लगाम, नक्सल समस्या से निपटने के साथ-साथ देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए पिछले 11 वर्षों में किए गए प्रयासों का ब्योरा दिया।
पूर्वोत्तर भारत की समस्याएं मोदी सरकार को विरासत मिली
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर भारत की समस्याएं मोदी सरकार को विरासत मिली थीं, जो चार दशक से आंतरिक सुरक्षा के लिए नासूर बन गए थे। मोदी सरकार ने इन तीनों समस्या से निजात दिलाने के लिए सुनियोजित प्रयास किया और आंकड़े सफलता की कहानी कहते हैं।
अगले साल देश नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा
आगे शाह ने दोहराया कि अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा। मोदी सरकार के पहले आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज किसी की भी हिम्मत बम धमाका करने की नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है। हम आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों के अगले एक साल में पूरी तरह से लागू होने का दावा करते हुए कहा कि देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले की तुलना में काफी अच्छी हुई है।
अमित शाह ने संघवाद को लेकर सवाल उठाने वाले विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों का पूरा ब्योरा दिया और कहा कि इन बैठकों की संख्या में न सिर्फ गुणात्मक बढ़ोतरी हुई है, बल्कि आपसी विवाद सुलझाने का काम भी हुआ है। उन्होंने गैर राजग राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों को गंभीरता से नहीं लेने पर चिंता जताई।
शाह ने अधिक मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी को इसकी तस्करी बढ़ने से जोड़ने के विपक्ष के प्रयासों को भी खारिज करते हुए कहा कि तस्करी के खिलाफ संगठनात्मक मुहिम की वजह से इसकी खेप पकड़ने में ज्यादा सफलता मिल रही है।
भारत स्वदेशी ड्रोन रोधी समाधान पाने के करीब
प्रेट्र के अनुसार, अमित शाह ने राज्यसभा को बताया कि भारत स्वदेशी ड्रोन रोधी समाधान पाने के बहुत करीब है और इसे छह महीने के भीतर हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, हमने छह प्रयोग किए हैं। मुझे उम्मीद है कि छह महीने के भीतर हमारे पास ड्रोन रोधी स्वदेशी समाधान होगा, जो मेक इन इंडिया का प्रतीक होगा। अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हमने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए ड्रोन, उपग्रह और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है।
आतंकवाद के प्रति नरम थीं पिछली सरकारें
आइएएनएस के अनुसार, अमित शाह ने आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति दोहराई और पिछली सरकारों पर आतंकवाद के प्रति नरम होने का आरोप लगाया। उन्होंने मोदी सरकार के कुछ प्रमुख फैसलों का जिक्र किया, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाना शामिल है। कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद आतंकवादियों के साथ स्थानीय लोगों की भागीदारी पूरी तरह से समाप्त हो गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में शांति बहाल हुई है।
राहुल गांधी पर काला चश्मा लगाने का तंज कसा
एएनआइ के अनुसार, अमित शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में विकास पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तंज कसा। शाह ने पूछा-अगर कोई काला चश्मा पहनकर बैठा है, तो उसे विकास कैसे दिखाया जा सकता है? शाह ने कहा-एक नेता कश्मीर गया, अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ से होली खेली और फिर दावा किया कि उसने दूर से आतंकवादियों को देखा।
भिंडरावाले का अनुसरण करने वाले जेल में
प्रेट्र के अनुसार, गृह मंत्री शाह ने पंजाब के अलगाववादी जरनैल सिंह ‘भिंडरावाले’ का अनुसरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी जिक्र किया और कहा कि वे अब असम की जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित आतंकवाद को देश में पनपने नहीं देंगे।