
राज्यसभा में सोमवार (24 मार्च) को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, जब सत्ता पक्ष ने कर्नाटक सरकार पर मुस्लिम आरक्षण देने का आरोप लगाया. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक सरकार की ओर से मुस्लिम आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया.
नेता सदन जेपी नड्डा ने इसे संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया. बीजेपी को जवाब देते हुए नेता विपक्ष खरगे ने कहा कि आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक सरकार की ओर से मुस्लिम आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने ये कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वे संविधान तक को बदलने के लिए तैयार हैं. रिजिजू ने ये भी कहा कि अगर यह बयान किसी सामान्य व्यक्ति का होता तो वह इसे नजरअंदाज कर सकते थे, लेकिन ये बयान संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का है जो बेहद चिंताजनक है.
संविधान बदलने की बात पर तीखा विवाद
रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर गले में डालकर घूमते हैं, लेकिन अब वे संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि संविधान में बदलाव करके मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने की योजना क्या है? इसके बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस का संविधान से कोई छेड़छाड़ करने का कोई इरादा नहीं है.
जेपी नड्डा ने मुस्लिम आरक्षण को बताया संविधान विरोधी
भाजपा के सीनियर नेता जेपी नड्डा ने कर्नाटक सरकार के मुस्लिम आरक्षण पर बयान देते हुए कहा कि ये संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा. नड्डा ने ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान की रक्षा का ढोल पीटती है, लेकिन अब वही पार्टी संविधान को बदलने की बात कर रही है.
नड्डा ने कर्नाटक के आरक्षण विधेयक को बताया संविधान विरोधी
जेपी नड्डा ने कर्नाटक सरकार की ओर से पारित एक विधेयक का उल्लेख किया, जिसमें पब्लिक कॉन्ट्रैक्ट में अल्पसंख्यकों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है. नड्डा ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वे संविधान को बदलने को भी तैयार हैं.
खरगे ने संविधान बदलने के आरोपों का किया खंडन
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि भारत के संविधान को बचाने का काम केवल कांग्रेस ने किया है. उन्होंने ये भी कहा कि संविधान को बदलने की कोई संभावना नहीं है और यह सब अफवाहें फैलाने का प्रयास हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता. इसकी रक्षा के लिए हमने कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा की.
कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस का सिलसिला जारी
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने फिर से कहा कि कर्नाटक के डिप्टी चीफ मिनिस्टर और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बयान को वह सत्यापित करने के लिए तैयार हैं. इसके बाद खरगे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और कांग्रेस भारत के संविधान को बचाने के लिए हमेशा संघर्ष करेगी.