
26 मार्च 2025:- हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है. इस दिन जगत के पालन हार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यह व्रत माह में दो बार यानी शुक्त तथा कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है. वहीं चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकाशी तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं, मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है. साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कामदा एकादशी कब है:- हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि की शुरुआत 7 अप्रैल को रात्रि 8 बजे होगी. वहीं तिथि का समापन अगले दिन रात्रि 9 बजकर 12 पर होगी. उदया तिथि के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत मंगलवार 8 अप्रैल को रखा जाएगा.
कामदा एकादशी पूजा:- कामदा एकादशी के दिन पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और पीला वस्त्र धारण करें. उसके बाद विष्णुजी की प्रतिमा को वेदी पर स्थापित कर उनको गंगाजल से स्नाना करवाएं. फिर भगवान जी को फूल, फल, धूप, दीप के साथ ही उनका प्रिय नैवेद्य भी अर्पित करें. उसके बाद विष्णु जी के सामने बैठ जाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, साथ ही वैदिक मंत्रों का जाप करते रहें. पूजा के दौरान एकादशी व्रत की कथा करें. शाम को भी विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और आरती कर प्रसाद अर्पित करें. शाम में प्रसाद सेवन भी करें और लोगों में बांट दें.
कामदा एकादशी पारण का समय:- कामदा एकादशी के दिन पारण का समय सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस दौरान व्रती विधि-विधान से पूजा करने से बाद व्रत का पारण कर सकते हैं.