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फामेश्वरी यादव बनीं छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई

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राधेश्याम सोनवानी,गरियाबंद : गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखंड के छोटे से गांव परसदा जोशी में रहने वाले मजदूर हीरालाल यादव की 21 वर्षीय बेटी फ़ामेश्वरी यादव का भारतीय सेना में अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) के रूप में चयनित हुआ है। जिन्होंने छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह गरियाबंद जिले सहित राज्य के लिए गर्व और बेटियों के आत्मबल का प्रतीक है।

गौरतलब हो कि फ़ामेश्वरी यादव राजीव लोचन कॉलेज में बीएससी सेकेंड इयर की छात्रा है। उन्होंने एनसीसी भी ज्वाइन किया हुआ है। फ़ामेश्वरी ने चर्चा में बताया कि बचपन से ही देश सेवा में जाने का मन था, वर्दी देखकर उसे गर्व होता था और उनके अंदर देश सेवा का जुनून था। इसके बाद गांव के अलावा क्षेत्र के कई युवाओं को उसने अग्निवीर में जाते देखा तो, पता लगाया कि अग्निवीर में लड़कियां भर्ती ले सकती है कि नहीं। जिसके बाद फ़ामेश्वरी इसकी तैयारी में जुट गई। लोगों के ताना सुनने के बाद भी नहीं रुकी, लगातार तैयारी में लगी रही, आज फ़ामेश्वरी का चयन अग्निवीर के लिए हुआ है। जिसने गरियाबंद का ही नहीं बल्कि प्रदेश में इतिहास रच दिया है। उल्लेखनीय है कि 24 मार्च, 2025 को घोषित परिणाम में चयन के बाद फामेश्वरी 01 मई, 2025 से बेंगलुरु स्थित सेना मिलिट्री पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगी। उन्हें सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर द्वारा सम्मानित भी किया गया।

मालूम हो कि हीरालाल यादव के दो बेटे है, बेटी सबसे छोटी है। बुआ के बेटे और गांव में एक युवक अग्निवीर में भर्ती हुए है। वर्दी देखकर कर जुनून उठा और बेटी ने अग्निवीर बनने की ठान ली। मजदूर पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग करा सके। लिहाजा मजदूरी जाने से पहले पिता हीरालाल यादव और बड़ा भाई दीपक उसको दौड़ना और फिजिकल एक्टिविटी खुद कराया। अग्निवीर में जाने की ठान लिया तो गांव पड़ोस के लोग माता खेमीन बाई को ताना कसते थे। मां भी बेटी के मर्जी और जिद के साथ थी। कहने वालों की परवाह किए बगैर बेटी का पूरा परिवार ने साथ दिया। सफल होकर जब घर लौटी तो पूरा परिवार बहादुर बेटी का आरती उतार कर स्वागत किया। सपनो को साकार होता देख बेटी भी खुश है, प्रदेश ही नहीं देश के लिए बेटी नजीर बने पूरा परिवार की आशा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फामेश्वरी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह केवल एक चयन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों की हिम्मत और देशभक्ति का प्रमाण है। फामेश्वरी ने यह दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सफलता राज्य की अन्य युवतियों को भी प्रेरणा देगी, और उन्हें सेना व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का हौसला देगी। राज्य सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के हर कदम में उनके साथ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी और राज्य की बेटियाँ हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी।

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