Home छत्तीसगढ़ पंचायत के काम काज में सरपंच पति की दखल, साफ सफाई के...

पंचायत के काम काज में सरपंच पति की दखल, साफ सफाई के नाम पर पुराना मुक्तिधाम में बने तो मठ स्मृति चिन्ह तोड़वा दिए

60
0

 

राधेश्याम सोनवानी ,गरियाबंद : शासन प्रशासन ने पंचायती राज अधिनियम अंतर्गत महिलाओं को सशक्त बनाने और पंचायत में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 50% प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इसके साथ ही महिला जनप्रतिनिधि के काम काज और उनके अधिकारों में पति अथवा अन्य परिवार के सदस्यों के

हस्तक्षेप में रोक लगाने के भी स्पष्ट निर्देश दिए है। लेकिन जिले के अधिकांश पंचायतों में सरपंच पति खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहें है। अक्सर देखने को मिलता है कि सरपंच पति पंचायत के काम काज में सीधा दखल देते है। खुद ही फैसले कर लेते है और मनमर्जी काम करा लेते है। इससे एक और जहां जनता से चुने गए महिला सरपंच के अधिकारों का हनन हो रहा वहीं पंचायत के काम काज बाधित होने के साथ ही ग्राम में तनाव का माहौल भी निर्मित हो जाता है।

हाल में ही एक मामला जिला मुख्यालय गरियाबंद से लगे ग्राम पंचायत आमदी (म) का सामने आया है। यहां पंचायत के काम काज में सरपंच पति के दखल सामने आई है। पेशे से शिक्षक सरपंच पति ने शुक्रवार को ड्यूटी टाइम में ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत बने मुक्तिधाम में साफ सफाई के नाम पर वर्षो पहले बने मठ स्मृति चिन्ह को तोड़वा दिया। मठ तोड़ने के बाद परिजनों में गहरा आक्रोश है। परिजनों ने पुलिस विभाग और शिक्षा विभाग में संबंधित शिक्षक के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

मामले में शिकायतकर्ता गरियाबंद वार्ड क्रमांक 02 के निवासी राजकुमार तिवारी ने अपने शिकायत में बताया कि ग्राम पंचायत आमदी म में नया तालाब के पास स्थित पुराना मुक्तिधाम की भूमि पर स्व. बालगोविंद तिवारी एवं कमलकांत चौबे के भाई-बहन का स्मृति चिन्ह मठ स्थापित है। जिस पर हमारें परिवार प्रतिवर्ष उसके पुण्यतिथि एवं अन्य तीज त्यौहार पर पूजा करते आ रहे है।

शुक्रवार को बिना सूचना दिए सरपंच रेखा ठाकुर के पति जयंत ठाकुर पिता-वरुण ठाकुर ने अपने कार्यस्थल लोहरसिंग स्कूल न जाकर द्वेषपूर्ण तरीके से मठ स्मृति चिन्ह को JCB से तोड़वा दिया जिससे हमारे परिवार की भावनाएं बहुत अधिक आहत हुई है। उन्होंने मामले में उन्होंने सरपंच रेखा ठाकुर के पति-जयंत कुमार ठाकुर पिता वरुण सिंह ठाकुर निवासी ग्राम-आमदी (म) के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक मामले ने पुलिस ने एफ आई आर भी दर्ज कर ली है।

उल्लेखनीय है कि पंचायतीराज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के काम-काज संचालन के दौरान उनके सगे संबंधियों के हस्तक्षेप पर प्रतिबंध लगाने के संबंध कई बार राज्य और केंद्र सरकार भी आदेश निर्देश जारी कर चुकी है। इसके बाद भी पंचायतों में सरपंच पति की दखल देखने की मिलती है। इससे शासन द्वारा महिलाओ के सशक्तिकरण और उन्हें सबल बनाने के लिए दिए गए 50 प्रतिशत आरक्षण नीति और अधिकारों का हन्न हो रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here